Bhagavad Gita: कौन है श्रीकृष्ण के सबसे प्रिय? भगवद् गीता को जीवन का मैनुअल क्यों कहा जाता है #INA
Bhagavad Gita: जब हम भगवान श्रीकृष्ण से पूछते हैं कि उनके लिए सबसे प्रिय कौन है तो वे भगवद् गीता में कहते हैं कि जो उनके बारे में प्रचार करता है वही उनके लिए सबसे प्रिय है. मान लीजिए कि एक पिता के दो बच्चे हैं जिनमें से एक बच्चा खो जाता है. अब जो बच्चा अपने खोए हुए भाई को ढूंढ़कर लाता है वह पिता के लिए सबसे प्रिय बन जाता है. इसी प्रकार जब हम भगवान के बारे में प्रचार करते हैं तो हम जीवात्माओं को श्रीकृष्ण से जोड़ते हैं और इस प्रकार श्रीकृष्ण के प्रिय हो जाते हैं.
क्या हमारे जीवन का कोई मैनुअल है? (Bhagavad Gita The Manual of Life)
हमारे जीवन का मैनुअल भगवद् गीता है. जब हम किसी स्थान से एक इलेक्ट्रॉनिक खिलौना खरीदते हैं तो उसके साथ एक मैनुअल आता है. उस मैनुअल में लिखा होता है कि खिलौने का उपयोग कैसे करना है. उसी प्रकार भगवद् गीता हमारे जीवन का मैनुअल है जो हमें बताती है कि इस जीवन को कैसे जीना है. श्रीकृष्ण ने इसमें वह मार्ग दिखाया है जो हमें हमारे जीवन के हर पहलू में सफलता दिला सकता है. इसीलिए भगवद् गीता हमारे जीवन का एक प्रमुख हिस्सा बन जाती है.
क्या भगवद् गीता में जीवन की समस्याओं का समाधान है? (Does the Bhagavad Gita have solutions to life’s problems?)
आजकल हर व्यक्ति किसी न किसी रूप में दुखी है जिसका मतलब है कि वह परिस्थितियों से हार मान लेता है. परंतु भगवद् गीता में एक ऐसा श्लोक है जो हमें बताता है कि हमें हार नहीं माननी चाहिए.
“यत्र योगेश्वर: कृष्णो यत्र पार्थो धनुर्धर:.
तत्र श्रीर्विजयो भूतिर्ध्रुवा नीतिर्मतिर्मम॥”
इसका अर्थ है कि जहां कृष्ण और अर्जुन होते हैं, वहां न तो हार होती है और न ही असफलता. इसी तरह जहां भगवद् गीता होती है, वहां कोई हार नहीं होती. इसलिए अगर हम गीता को पढ़ें और उसके उपदेशों को सुनें तो हम जीवन के किसी भी मोड़ पर हार नहीं मानते.
भगवद् गीता: जीवन की सही दिशा (Bhagavad Gita: The right direction of life)
भगवद् गीता केवल एक धर्मग्रंथ नहीं है यह हमारे जीवन को सही दिशा दिखाने का एक साधन है. गीता हमें यह सिखाती है कि जीवन में किन परिस्थितियों में कैसे व्यवहार करना चाहिए और किन सिद्धांतों का पालन करना चाहिए. अगर हम गीता के संदेशों को अपने जीवन में अपनाते हैं तो हम किसी भी परिस्थिति का सामना दृढ़ता से कर सकते हैं.
आज के इस भौतिकतावादी युग में जहां हर व्यक्ति किसी न किसी कारण से दुखी और निराश है, गीता हमें आंतरिक शांति और स्थिरता प्रदान करती है. यह हमें यह सिखाती है कि भले ही हम कितनी ही कठिन परिस्थितियों में क्यों न हों, हमें अपने कर्मों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और फल की चिंता नहीं करनी चाहिए. तो श्रीकृष्ण के प्रिय बनने का सबसे सरल मार्ग यही है कि हम उनके बारे में प्रचार करें और उनके उपदेशों को अपने जीवन में अपनाएं. भगवद् गीता हमें न केवल जीवन के हर पहलू में सफलता का मार्ग दिखाती है बल्कि हमें यह भी सिखाती है कि कैसे जीवन की कठिनाइयों का सामना किया जाए.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
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