आसियान-भारत और ईस्ट एशिया शिखर सम्मेलन में शामिल होने लाओस पहुंचे PM मोदी, किया लाओ रामायण के विशेष प्रदर्शन का अवलोकन #INA

(रिपोर्ट- मधुरेंद्र कुमार)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21वें आसियान-भारत और 19वें ईस्ट एशिया शिखर सम्मेलन में भाग लेने के दौरान लाओस के प्रसिद्ध रामायण मंचन ‘फलक फालम’ या ‘फ्रा लक फ्रा राम’ का अवलोकन किया. यह प्रस्तुति लुआंग प्रबांग के प्रतिष्ठित रॉयल थिएटर द्वारा दी गई थी. लाओस में रामायण का आयोजन आज भी जारी है, जो भारत और लाओस की प्राचीन सभ्यताओं के बीच साझा सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंधों को दर्शाता है.

अधिकांश देशों में रामलीलाओं का विशेष सांस्कृतिक महत्व

आसियान के अधिकांश देशों में रामलीलाओं का विशेष सांस्कृतिक महत्व है, और हर देश की अपनी शैली और परंपरा है. लाओस में भी सदियों से भारतीय संस्कृति और परंपराओं के कई पहलू प्रचलित और संरक्षित हैं. भारत और लाओस अपनी साझा धरोहर को और प्रकट करने के लिए मिलकर कार्य कर रहे हैं. इसी कड़ी में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण लाओस के ऐतिहासिक वात फू मंदिर और अन्य स्मारकों के पुनर्स्थापन में जुटा हुआ है. इस महत्वपूर्ण अवसर पर लाओस के गृह मंत्री, शिक्षा और खेल मंत्री, लाओ पीडीआर के केंद्रीय बैंक के गवर्नर और वियंतियाने के मेयर सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे.

दोनों देशों द्वारा सहेजने का निरंतर प्रयास

रामायण प्रदर्शन से पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने लाओ पीडीआर के केंद्रीय बौद्ध संगठन के वरिष्ठ भिक्षुओं द्वारा आयोजित एक आशीर्वाद समारोह में भी हिस्सा लिया. इस समारोह का नेतृत्व वियंतियाने के प्रसिद्ध सि साकेत मंदिर के पूजनीय महावेत मासेनाई ने किया. भारत और लाओस के बीच बौद्ध धरोहर भी उनके गहरे सभ्यतागत संबंधों का एक महत्वपूर्ण पहलू है, जिसे दोनों देशों द्वारा सहेजने का निरंतर प्रयास किया जा रहा है.



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