देश- वोटर्स-विचारधारा और जाति…5 साल में बदल गए महाराष्ट्र के ये 5 गणित?- #NA

5 साल में बदल गए महाराष्ट्र के ये 5 गणित?

महाराष्ट्र में विधानसभा का चुनाव होने जा रहा है. 2019 के मुकाबले इस बार महाराष्ट्र की सियासत और उसके किरदार बदले-बदले नजर आ रहे हैं. इनमें मुद्दे और वोटर्स से लेकर पार्टियों की विचारधारा तक शामिल है. यह पहली बार हो रहा है, जब महाराष्ट्र में 6 बड़ी पार्टियों के बीच चुनाव का मुख्य मुकाबला होना है.

288 सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभा में सरकार बनाने के लिए कम से कम 145 विधायकों की जरूरत होती है. इन बदलावों की वजह से इस बार कहा जा रहा है कि शायद ही कोई पार्टी अकेले दम पर सरकार बनाने में कामयाब हो पाए.

महाराष्ट्र में वोटर्स कितने बदले?

महाराष्ट्र में 2019 में जब चुनाव हुए थे, तब राज्य में 8.68 करोड़ मतदाता थे. 2024 में जब चुनाव हो रहे हैं, तब महाराष्ट्र में मतदाताओं की संख्या 9.53 करोड़ पर पहुंच गई है. अगर संख्या में देखा जाए तो पिछले 5 साल में महाराष्ट्र में करीब 85 लाख मतदाता जुड़े हैं.

चुनाव आयोग के मुताबिक महाराष्ट्र में वर्तमान में पुरुष मतदाताओं की संख्या 4.9 करोड़ और महिला मतदाताओं की संख्या 4.6 करोड़ है. 2019 में पुरुष मतदाताओं की संख्या 4.6 और महिला मतदाताओं की संख्या 4.2 करोड़ के आसपास था.

यानी पिछले 5 साल में पुरुष के मुकाबले महिला मतदाताओं की संख्या में बढ़ोतरी हुई है.

राजनीतिक पार्टियां कितनी बदली?

2019 में जब विधानसभा के चुनाव हुए तो महाराष्ट्र में मुख्य रूप से 4 पार्टियां (बीजेपी, कांग्रेस, एनसीपी, शिवसेना) मैदान में थी. इसके अलावा एक दर्जन से ज्यादा छोटी पार्टियां भी मैदान में थी. वर्तमान में छोटी पार्टियां के अलावा मुख्य पार्टियों की संख्या में भी बढ़ोतरी हो गई है.

एनसीपी और शिवसेना दो-दो धड़ों में टूट चुकी है. वर्तमान में बीजेपी, शिवसेना (शिंदे), एनसीपी (अजित), कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव), एनसीपी (शरद) मुख्य रूप से मैदान में है.

5 साल में विचारधारा में भी भारी बदलाव

2019 के चुनाव से पहले कांग्रेस और एनसीपी सेक्युलर थीम के साथ चुनाव मैदान में थीं. दूसरी तरफ बीजेपी और शिवसेना का गठबंधन हिंदुत्व और मराठा राजनीति के बदौलत चुनाव लड़ रहा था.

5 साल बाद अब विचारधारा की लड़ाई में काफी बदलाव आ चुका है. बीजेपी एनसीपी (अजित) के साथ गठबंधन कर सेक्युलर का भी तड़का लगा रही है. वहीं उद्धव ठाकरे के आने से कांग्रेस और एनसीपी (शरद) हिंदुत्व और मराठा मानुष को भी साध रहे हैं.

कांग्रेस ने भी अपने विचारधारा से कम्प्रोमाइज किया है. महाराष्ट्र में पहले राहुल गांधी खुलकर वीर सावरकर के खिलाफ बोल रहे थे, लेकिन अब कांग्रेसी सावरकर के खिलाफ नहीं बोल रहे हैं.

महाराष्ट्र में मुद्दे भी बदल गए

महाराष्ट्र में 2019 के जब चुनाव हुए तब मराठवाड़ा का सूखा और सड़क निर्माण जैसे मुद्दे की गूंज थी. बीजेपी ने 5 साल में 1 करोड़ लोगों को नौकरी देने का वादा किया था. शिवसेना और एनसीपी कांग्रेस भी बेरोजगारी के मुद्दे पर मैदान में उतरी थी.

5 साल बाद अब महाराष्ट्र की राजनीति में तोड़फोड़ और गद्दारी मुख्य मुद्दा है. हाल ही में उद्धव और एनसीपी (शरद) ने एक टीजर जारी किया था, जिसमें गद्दारी को लेकर निशाना साधा था.

महाराष्ट्र के चुनाव में दिल्ली की राजनीति भी बड़ा मुद्दा है. हाल ही में राज्यपाल ने 7 विधायकों का मनोयन कर दिया है. विपक्ष का कहना है कि यह केंद्र के इशारे पर किया गया है.

मराठा और मुस्लिमों का रुख भी बदला

महाराष्ट्र में मराठाओं की कुल आबादी करीब 32 प्रतिशत है. 2019 के चुनाव में मराठाओं का रुख एनडीए की तरफ था, जिसका सीधा फायदा बीजेपी और शिवसेना गठबंधन को हुआ. इस बार मराठा बीजेपी से नाराज है. वजह आरक्षण का मुद्दा है.

मराठाओं ने हाल ही में बीड में रैली कर बीजेपी के खिलाफ मोर्चेबंदी की है. मनोज जरांगे मराठा आरक्षण के नेता हैं, जो लगातार बीजेपी और एकनाथ शिंदे की सरकार पर निशाना साध रहे हैं.

इसी तरह महाराष्ट्र में मुस्लिमों का सियासी रुख भी बदला है. ओस्मानाबाद और औरंगाबाद (अब संभाजीनगर) में शिवसेना का विरोध करने वाले मुस्लिम अब उद्धव के समर्थन में खड़े हैं. महाराष्ट्र में मुसलमानों की आबादी करीब 11 प्रतिशत है.

Copyright Disclaimer :- Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing., educational or personal use tips the balance in favor of fair use.

यह पोस्ट सबसे पहले टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम पर प्रकाशित हुआ , हमने टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम के सोंजन्य से आरएसएस फीड से इसको रिपब्लिश करा है, साथ में टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम का सोर्स लिंक दिया जा रहा है आप चाहें तो सोर्स लिंक से भी आर्टिकल पढ़ सकतें हैं
The post appeared first on टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम Source link

Back to top button