देश – हिन्दुस्तान मेरा दूसरा घर, मुझे रहने दें यहां; अमित शाह से तस्लीमा नसरीन की गुहार – #INA

बांग्लादेश की निर्वासित लेखिका तस्लीमा नसरीन ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से अपील की है कि उन्हें भारत में रहने दिया जाए। नसरीन ने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में अमित शाह को टैग करते हुए लिखा है, “प्रिय अमित शाह जी नमस्कार। मैं भारत में रहती हूं क्योंकि मुझे इस महान देश से प्यार है। पिछले 20 सालों से यह मेरा दूसरा घर रहा है लेकिन गृह मंत्रालय ने 22 जुलाई से मेरे निवास परमिट को आगे नहीं बढ़ाया है। मैं बहुत चिंतित हूं। अगर आप मुझे रहने देंगे तो मैं आपकी बहुत आभारी रहूंगी। हार्दिक शुभकामनाएं।”

सांप्रदायिकता की कट्टर आलोचक रहीं तस्लीमा नसरीन 1994 से निर्वासित जीवन जी रही हैं। वह 1990 के दशक से ही अपने उपन्यासों की वजह से काफी चर्चा में रही हैं। बांग्लादेश में सांप्रदायिकता और महिला समानता पर अपने लेखन के कारण इस्लामी कट्टरपंथियों के निशाने पर रही हैं। कट्टरपंथियों की आलोचना और डर से उन्हें बांग्लादेश छोड़ना पड़ा था। इसके बाद वह यूरोप और अमेरिका चली गई थीं। बाद में 2004 में वह भारत आ गईं और तब से यहां रह रही हैं।

तस्लीमा ने 1994 में प्रकाशित अपने उपन्यास ‘लज्जा’ के कारण साहित्यिक जगत में खूब चर्चा बटोरी थी। यह किताब 1992 के बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद आई थी। इसमें बाबरी विध्वंस के बाद बंगाली हिंदुओं के खिलाफ हिंसा, रेप, लूटपाट और मर्डर के बारे में लिखी गई थी। उनकी पहली किताब 1993 में बंगाली में प्रकाशित हुई थी लेकिन उसे बाद में बांग्लादेश में प्रतिबंधित कर दिया गया था। इसके बाद ही उन्हें जान से मारने की धमकियां मिलने लगीं थी, तब उन्हें देश छोड़कर भागना पड़ा था।

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