देश- 26 साल, 6 चुनाव, 2 महिलाओं के कब्जे में यह सीट, क्या इस बार बरकरार रहेगा जीत का जलवा- #NA

कोडरमा सीट जहां लोकसभा और विधानसभा चुनाव में दिखता है महिलाओं का दबदबा

झारखंड में विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए चुनाव प्रचार जोर पकड़ चुका है और अगले हफ्ते 13 नवंबर को यहां पर 43 सीटों पर वोट डाले जाएंगे. इसमें एक सीट वह भी है जहां 2 महिलाओं का इस कदर दबदबा रहा है जिसे 26 साल बाद भी तोड़ पाना आज भी संभव नहीं दिख रहा. खास बात यह है कि 1998 से यहां पर जिन 2 महिलाओं को लगातार जीत मिल रही है, उनका नाता यादव बिरादरी से भी है.

देश के पूर्वी हिस्से में पड़ने वाले झारखंड का कोडरमा उन जिलों में से एक है, जो प्राकृतिक संसाधनों और खनिज संपदा से खासे समृद्ध माने जाते हैं. इसे एक समय देश की माइका कैपिटल या अब्राह-नागरी के रूप में जाना जाता था. कोडरमा जिले में हजारों एकड़ से अधिक अभ्रक खनन के पट्टे हैं. हालांकि वन संरक्षण अधिनियम 1980 के लागू होने के बाद यहां सभी अभ्रक खानों को बंद कर दिया गया क्योंकि ये सभी पट्टे जंगल के अभयारण्य क्षेत्र के तहत आते थे.

2024 के चुनाव में भी मैदान में 2 महिलाएं

अभ्रक नगरी के नाम से मशहूर कोडरमा को राजनीतिक रूप से बेहद जागरूक अहम माना जाता है क्योंकि यह राज्य में संभवतः अकेली ऐसी सीट है जिसने लगातार 6 बार महिला प्रत्याशियों को जीत दिलाई. साल 2024 के चुनाव में भी यहां पर 13 प्रत्याशियों ने अपनी दावेदारी पेश की है जिसमें 2 महिला भी शामिल हैं. इसमें भारतीय जनता पार्टी (BJP) की ओर से 2 बार की विधायक डॉक्टर नीरा यादव मैदान में हैं तो एक अन्य प्रत्याशी शालिनी गुप्ता निर्दलीय ही मैदान में अपनी चुनौती पेश कर रही हैं.

हालांकि यादव बहुल कोडरमा सीट पर इस बार मुख्य मुकाबला डॉक्टर नीरा यादव और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के सुभाष प्रसाद यादव के बीच है. आरजेडी इंडिया गठबंधन का हिस्सा है और उसके खाते में कोडरमा सीट आई है.

अब हैट्रिक की आस में नीरा यादव

बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ने वाली डॉक्टर नीरा यादव इस बार लगातार जीत की हैट्रिक लगाने के मूड में हैं. जबकि इससे पहले इस सीट पर अन्नपूर्णा देवी लगातार जीत की हैट्रिक लगा चुकी हैं. उनके खाते में लगातार 4 जीत है.

कोडरमा विधानसभा सीट पर 5 लाख से अधिक वोटर्स हैं. यहां यादव, मुस्लिम और पिछड़ा वर्ग के वोटर्स का दबदबा माना जाता है. कुर्मी और कोयरी वोटर्स भी चुनाव में अहम भूमिका निभाते हैं.

उपचुनाव से किया जीत का आगाज

कभी यह सीट कांग्रेस के दबदबे वाली सीट मानी जाती थी. लेकिन 1990 के दशक के बाद यहां की सूरत बदलती चली गई. 1990 के चुनाव में कोडरमा सीट पर जनता दल के प्रत्याशी रमेश प्रसाद यादव को जीत मिली. फिर 1995 के चुनाव में भी रमेश ने यह सीट अपने पास बनाए रखी. हालांकि 1998 में रमेश प्रसाद का निधन हो गया. इसके बाद यहां पर कराए गए उपचुनाव में जनता दल से अलग होकर नई पार्टी बनी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने रमेश की विधवा अन्नपूर्णा देवी को मैदान में उतारा.

अन्नपूर्णा को उपचुनाव में सहानुभूति लहर का फायदा मिला और उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के रमेश सिंह को हराया. रमेश प्रसाद के जाने के बाद इस सीट पर उनकी पत्नी अन्नपूर्णा देवी का जबर्दस्त दबदबा रहा. 1998 में मिली पहली जीत के सिलसिले को साल 2009 तक बनाए रखा.

अन्नपूर्णा देवी ने लगाई पहली हैट्रिक

साल 2000 में अविभाजित बिहार विधानसभा के लिए आखिरी बार यहां पर कराए गए चुनाव में अन्नपूर्णा देवी ने अपनी दूसरी जीत हासिल की. उन्होंने बीजेपी के रमेश सिंह को फिर से हराया. नवंबर 2000 में झारखंड को बिहार से अलग कर नया राज्य बना दिया गया. हालांकि यहां पर पहली विधानसभा के लिए चुनाव साल 2005 में कराया गया.

कोडरमा सीट पर आरजेडी ने फिर से अन्नपूर्णा पर भरोसा जताया. उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी साजिद हुसैन को हराते हुए जीत की हैट्रिक लगाई. साल 2009 के चुनाव में भी अन्नपूर्णा ने यहां से अपनी चौथी जीत हासिल की. उन्होंने झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक) के प्रत्याशी रमेश सिंह को मात दी. रमेश इससे पहले भी 2 बार चुनाव हार चुके थे. इस तरह से अन्नपूर्णा ने 1998, 2000, 2005 और 2009 में जीत हासिल की.

मोदी लहर में बीजेपी का खुला खाता

2014 के चुनाव में जब देश में मोदी लहर का असर दिख रहा था और केंद्र में पहली बार बीजेपी पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता पर काबिज हो चुकी थी. इसके कुछ महीने बाद झारखंड में विधानसभा चुनाव कराया गया. जहां पर बीजेपी को पूर्ण बहुमत के साथ जीत मिली, साथ ही कोडरमा सीट पर भी पार्टी का खाता खुल गया. बड़ी बात यह रही कि इस बार भी महिला प्रत्याशी को ही जीत मिली.

बीजेपी ने जिला परिषद उपाध्यक्ष रहीं डॉक्टर नीरा यादव को यहां से उम्मीदवार बनाया. उन्होंने आरजेडी के गढ़ कहे जाने वाली सीट पर दिग्गज महिला नेता और तत्कालीन मंत्री अन्नपूर्णा देवी को 13,525 मतों के अंतर से हराया. पिछले 5 चुनावों में महिला प्रत्याशियों को जीताने वाले कोडरमा क्षेत्र ने 2019 के चुनाव में भी यह सिलसिला बनाए रखा. बीजेपी की नीरा यादव ने आरजेडी के अमिताभ कुमार को बेहद कड़े मुकाबले में 1,797 मतों के अंतर से हराया. ऑल झारखंड स्टुडेंट्स यूनियन की शालिनी गुप्ता तीसरे स्थान पर रही थीं.

2 बार से लोकसभा में पहुंच रहीं अन्नपूर्णा

कोडरमा की सियासत में 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले बड़ा बदलाव हो गया. लगातार 4 बार की विधायक और मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने चुनाव से ठीक पहले पार्टी बदल ली और बीजेपी में शामिल हो गईं. उनका फैसला सही साबित हुआ. वह 2019 के लोकसभा चुनाव में कोडरमा सीट से जीत हासिल करने में कामयाब रहीं. कुछ महीने पहले हुए लोकसभा चुनाव में अन्नपूर्णा दूसरी बार विजयी हुईं. फिलहाल वह केंद्र में महिला एवं बाल विकास मंत्री हैं.

अब 2024 की चुनावी बिसात यहां पर बिछ चुकी है. यूं तो मुकाबला बीजेपी की नीरा यादव और आरजेडी के सुभाष यादव के बीच है. लेकिन शालिनी गुप्ता ने निर्दलीय पर्चा भर कर मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश की है. अब देखना है कि इस बार वोटर्स लगातार सातवीं बार किसी महिला प्रत्याशी को विधानसभा भेजने का फैसले करते हैं या नहीं.

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