देश- ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ पर क्या सोचते हैं नितिन गडकरी? उद्धव ठाकरे से संबंधों पर भी दिया जवाब- #NA
केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी
महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव में अब महज चंद दिन का समय बचा है. दो दिन बाद राज्य में चुनाव प्रचार भी थम जाएगा. इससे पहले बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बड़ा दावा किया है. गडकरी ने कहा कि महायुति चुनाव जीतेगी. टीवी9 भारतवर्ष से बातचीत में उन्होंने कहा कि हम मेहनत कर रहे हैं और मेरा विश्वास है कि जिस प्रकार से 10 साल में भारत सरकार ने महाराष्ट्र में काम किया और शिंदे जी के नेतृत्व में सरकार ने जो काम किया है, दोनों का परिणाम है कि हमें निश्चित रूप से सफलता मिलेगी और हम चुनाव जीतेंगे.
गडकरी ने कहा कि महाराष्ट्र में महायुति की स्पष्ट रूप से जीत होती दिख रही है. महाराष्ट्र सरकार और भारत सरकार की जो अच्छी योजना रही, उसका मिलाजुला असर होगा. मुझे नहीं लगता है 23 तारीख के बाद कोई खेला होगा. हमें अपनी ताकत पर क्लियर कट मेजोरिटी मिलेगी.
बंटेंगे तो कटेंगे पर क्या कहा?
सीएम योगी के ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ वाले बयान पर गडकरी ने कहा कि मेरी जो समझ है हमें जाती, धर्म, भाषा और जेंडर में बंटना नहीं चाहिए. हमें एक होना चाहिए. हम भारतीय हैं और हमें एक रहना चाहिए और यहीं उसका (बंटेंगे तो कटेंगे) मैसेज है. उन्होंने कहा कि हम अलग-अलग पार्टियां हैं और हमने अलाइंस बनाई है. हम एक पार्टी हो तो एक स्वर में बात करते हैं. हर पार्टी की अपनी अलग एक खास बात होती है. यह राजनीति में चलता है और इसलिए हम अलाइंस बने.
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ओवरऑल महाराष्ट्र में अलाइंस का जो चुनावी कार्यक्रम है, उसी के भरोसे हम सब एक हैं. हम सब मिलकर चुनाव जीतेंगे. हर मुद्दे पर अगर हमारे गठबंधन के सहयोगी सहमत होते तो हम एक ही पार्टी होते. हमारे गठबंधन की सरकार की जो परफॉर्मेंस है वह चुनाव का विषय है और मोदी जी की सरकार और महाराष्ट्र सरकार में जो काम हुआ है वह विषय है, उसका परिणाम अच्छा है और उसकी वजह से हम चुनाव जीतेंगे. हार्डकोर हिंदुत्व नहीं सरकार की परफॉर्मेंस और सरकार का काम ही चुनावी मुद्दा बनेगा और हम इस पर चुनाव जीतेंगे. विकास के मुद्दों पर बात हो रही है, यही चर्चा में है.
गुजराती वर्सेस मराठी के सवाल पर
गुजराती वर्सेस मराठी के सवाल पर गडकरी ने कहा कि मीडिया ऐसे मुद्दे बनाती है. पूछ पूछ कर विवाद बनाते हैं. एक कोई नेता ऐसा बोला तो उसको छोड़ देना चाहिए. चुनाव में वचननामा क्या है, परफॉर्मेंस के ईशूज क्या है, इस पर बात करनी चाहिए? बाकी यह सब यह विषय रेलेवेंट नहीं है. उन्होंने कहा कि लाडली बहन योजना का फायदा मिलेगा. इसको लेकर महिलाओं में बहुत खुशी की लहर है और मुझे लगता है इस योजना के कारण अच्छा फायदा होगा. वहीं, 1500 Vs 1900 के सवाल पर गडकरी ने कहा कि औवैसी के स्टेटमेंट पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दूंगा.
उद्धव जी से कैसे संबंध हैं?
उद्धव ठाकरे से अपने संबंध को लेकर गडकरी ने कहा कि मेरे सबसे अच्छे संबंध हैं. राजनीति में हम एक दूसरे के दुश्मन नहीं है. विचारों के आधार पर हमारी मतभिन्नता हो सकती है लेकिन हम एक दूसरे के दुश्मन नहीं है. विचारों के आधार पर एक दूसरे के विरुद्ध जरूर हो सकते हैं. यही मेरी अंडरस्टैंडिंग है. उद्धव ठाकरे की कसम और बीजेपी कार्यकर्ताओं को साथ आने की अपील करने के सवाल पर
गडकरी ने कहा कि चुनाव में हर पार्टी सबको अपील करती है. मैं भी कांग्रेस के वोटरों को कहता हूं कि मुझे वोट दो.
उन्होंने कहा कि अपील करना अलग और अलायंस करना अलग हैं. यह सब बातें चुनाव में होती रहती है. चुनाव में मुख्य रूप से जो परफॉर्मेंस है उसके आधार पर चर्चा करनी चाहिए. गौतम अडानी उस मीटिंग में शामिल थे या नहीं राहुल गांधी बार-बार उसे मुद्दे को उठा रहे हैं, इस सवाल के जवाब में गडकरी ने कहा कि मुझे मालूम नहीं. वहीं, सीटें जीतने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मैं सीटों का नंबर नहीं दे सकता. जीत होगी, इतना ही कह सकता हूं.
सीएम के सवाल पर क्या बोले गडकरी?
वहीं, सीएम के सवाल पर गडकरी ने कहा कि इन सब बातों का निर्णय पार्टी की लीडरशिप उचित समय पर लेगी. हरियाणा की जीत के बाद आत्मविश्वास बढ़ा है. यह सही और इसका निश्चित रूप से फायदा होगा. अभी इन लोगों के मन में अलग-अलग मुद्दे हैं. पॉजिटिव भी और नेगेटिव भी. ओवरऑल दोनों का विचार करके देश और समाज के हित में क्या होगा, इसको सोच कर लोग मतदान करेंगे और उसमें महायुति के बारे में माहौल है और हम चुनाव जीतेंगे. विदर्भ में पिछले लोकसभा चुनाव में माहौल थोड़ा अच्छा नहीं था. हमारे पक्ष में नहीं था लेकिन इस बार हमें विदर्भ में भी अच्छी जीत हासिल होगी.
दो शिवसेना 2 एनसीपी की वजह से कंफ्यूजन के सवाल पर गडकरी ने कहा कि कोई कंफ्यूजन नहीं है. वोटर्स में क्लियर मैसेज है. राज ठाकरे के बेटे के खिलाफ महायुति के कैंडिडेट के सवाल पर उन्होंने कहा कि एक-एक सीट पर क्या चल रहा है. इस पर पार्टी के अध्यक्ष और देवेंद्र जी प्रतिक्रिया देंगे. संविधान का मुद्दा इस चुनाव में नहीं बन पाएगा क्योंकि लोगों को पता चल गया है कि पिछले चुनाव में उनको गुमराह करने की कोशिश की गई थी जो गलत था. बीजेपी कहती है कि राहुल गांधी को संविधान का ABC भी नहीं आता, इस पर गडकरी ने कहा कि मैं ऐसी कोई व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं करता.
काम करते रहना चाहिए बस
वहीं, आगे की इच्छा क्या है, इस पर गडकरी ने कह कि हम दो-चार लोग रहे ना रहे तेरा वैभव अमर रहे मां यह गीत गाते हम लोग बड़े हुए हैं. काम करते रहना चाहिए बस. अंत में यही कहना चाहूंगा कि मतदान करिए. मतदान किसी पार्टी के विचारों के आधार पर, सरकार की परफॉर्मेंस के आधार पर और देश के भविष्य को ध्यान में रखते हुए मतदान करिए. मैं लोगों से यही अपील करता हूं.
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