देश – India Russia: मोदी-पुतिन का बड़ा धमाका, शुरू किया सीक्रेट ट्रेड रूट, बरसेगा पैसा-‘कंगाल’ होंगे चीन-पाकिस्तान! #INA
India Russia: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बड़ा धमाका कर दिया है. दोनों देशों के बीच एक नया ‘सीक्रेट’ ट्रेड रूट शुरू हो गया. इस व्यापार मार्ग का नाम चेन्नई व्लादिवोस्तोक कॉरिडोर (Chennai Vladivostok Corridor) है. भारत को इस ट्रेड रूट से कई बड़े फायदें होंगे, इसलिए ये कहना गलत नहीं होगा कि देश पर झमाझम पैसा बरसेगा. इससे भारत और भी तेजी से आर्थिक रूप से मजबूत होगा. आइए जानते हैं कि इस ट्रेड रूट से चीन और पाकिस्तान पर क्या असर पड़ेगा.
जरूर पढ़ें: Big News: बड़े बदलाव की बड़ी तैयारी, मोदी सरकार संसद शीतकालीन सत्र में करेगी कमाल, पास होंगे ये ऐतिहासिक बिल!
क्या है चेन्नई व्लादिवोस्तोक कॉरिडोर?
इस रूट से पहले भारत-रूस के बीच मुंबई-सेंट पीटर्सबर्ग बंदरगाह समुद्री मार्ग से व्यापार होता था, जो 8675 समुद्री मील लंबा है. इस रास्ते दोनों देशों के बीच सामान पहुंचने में 35 से 40 दिन लग जाते थे. इसलिए पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने चेन्नई व्लादिवोस्तोक गलियारे को मंजूरी दी. बता दें कि व्लादिवोस्तोक प्रशांत महासागर पर सबसे बड़ा रूसी बंदरगाह है और यह चीन-रूस सीमा से लगभग 50 किमी दूर स्थित है. इस रूट के शुरू होने भारत और रूस को कई फायदे होंगे. आइए जानके बारे में जानते हैं–
जरूर पढ़ें: Modi-Meloni Viral Photo: लो जी बन गया दुनिया बदलने का मास्टर प्लान! मोदी-मेलोनी ने ऐसे उड़ाए चीन के होश
चेन्नई व्लादिवोस्तोक कॉरिडोर के फायदे?
-
पुराना ट्रेड रूट की तुलना में चेन्नई व्लादिवोस्तोक कॉरिडोर का मार्ग छोटा है, जिससे दोनों देशों के बीच की दूरी घटकर 5600 नॉटिकल माइल्स यानी 10000 किमी हो गई.
-
अनुमान के मुताबिक इस गलियारे से भारत और रूस के सुदूर पूर्व क्षेत्र के बंदरगाहों के बीच माल परिवहन में लगने वाला समय 16 दिनों तक कम हो जाएगा.
इस कॉरिडोर से भारत को क्या लाभ
इस कॉरिडोर से भारत-रूस अब अपने व्यापार को और भी बढ़ा सकेंगे. ये गलियारा दोनों देशों के बीच समुद्र के जरिए व्यापार को बढ़ावा देने में बड़ी भूमिका निभाएगा. केंद्रीय मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने बताया कि कच्चे तेल धातु और कपड़ा ले जाने वाले कंटेनर जहाज भारतीय बंदरगाहों पर आना शुरू हो गए हैं. यह मार्ग व्यापार को बढ़ावा देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. उन्होंने बताया कि सरकार बंदरगाह क्षमता पोत परिवहन जहाज निर्माण और अंतर्देशीय जल मार्गों को बढ़ावा देने के लिए 80 लाख करोड़ रुपए के निवेश के साथ 2047 तक समुद्री क्षेत्र में क्रांति लाना चाहती है.
जरूर पढ़ें: ATACMS: क्या है ATACMS, जिससे यूक्रेन ने रूस में बरपाया कहर! जेलेंस्की बोले- अभी और भी करेंगे ऐसे हमले
चीन-पाकिस्तान पर क्या असर
भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती इकोनॉमी में शामिल है. अनुमान जताया रहा है कि 2025 तक देश जापान को पछाड़ कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा. वहीं, पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था बेपटरी हो चुकी है. वहीं चीन की इकोनॉमी में जबरदस्त सुस्ती देखी जा रही है. चीन-पाकिस्तान दोनों ने ही व्यापार के लिए रूस पर जमकर डोरे डाले, लेकिन पीएम मोदी और पुतिन की दोस्ती ने उनके मंसूबों पर पानी फेर रखा है.
जरूर पढ़ें: India-Pakistan में जबरदस्त टकराव! जहाजों की हाहाकारी हुंकार से कांपा दुश्मन, Video देखें- कैसे दुम दबाकर भागा
भारत और रूस के बीच कारोबार भी लगातार बढ़ता जा रहा है. 2023 में दोनों देशों के बीच 5.37 लाख करोड़ रुपए का कारोबार हुआ, जो साल 2021 की तुलना में 4 गुना है और अब जब बंदरगाहों के बीच माल परिवहन में लगने वाला समय 16 दिनों तक कम हो जाएगा तो इसका फायदा दोनों देशों को ही मिलेगा. इस रूट से भारत और रूस के आपसी रिश्तों के साथ व्यापारिक रिश्ते भी मजबूत होंगे. इससे कहीं न कहीं रूस और पाकिस्तान के साथ रूस का व्यापार प्रभावित होगा.
जरूर पढ़ें: Good News: Tax में छूट को लेकर बड़ा अपडेट, वित्तमंत्री के जवाब ने खींचा सबका ध्यान, होगी मिडिल क्लास की मौज?
#INA #INA_NEWS #INANEWSAGENCY
डिस्क्लेमरः यह न्यूज़स्टेट डॉट कॉम न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ आई एन ए टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज़स्टेट डॉट कॉम की ही होगी.