देश – Maharashtra CM Crisis: शिंदे के बाद अब अजित पवार ने कर दिया खेला! फडणवीस की बढ़ी चिंता #INA
Maharashtra CM Crisis: महाराष्ट्र के सियासी गलियारों से अभी-अभी बड़ी खबर सामने आ रही है. दरअसल चुनावी नतीजों के पांच दिन बाद भी महायुति अब तक महाराष्ट्र के मुखिया का चेहरा सामने नहीं ला पाई है. इसके पीछे बड़ी वजह है महायुति के सहोयगी दलों के तीखे तेवर. जी हां पहले जहां पूर्व सीएम और शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे अपनी शर्तों और मांगों को लेकर सरकार बनाने में बड़ा रोड़ा बनते रहे वहीं अब अचानक एनसीपी चीफ अजित पवार का भी बड़ा स्टेटमेंट सामने आया है. माना जा रहा है कि उनके इस बयान से देवेंद्र फडणवीस की चिंता बढ़ सकती है.
क्या बोले अजित पवार
चुनाव नतीजों के पांचवे दिन अजित पवार ने अपने बयान से हड़कंप मचा दिया है. दरअसल अब तक मुख्यमंत्री पद को लेकर शिंदे और देवेंद्र फडणवीस के बीच ही रेस बताई जा रही थी. इसके बाद बुधवार को शिंदे ने अपने पाले से गेंद निकालकर बीजेपी आलाकमान के पाले में डाल और ये कह दिया जो पीएम मोदी तय करेंगे उन्हें स्वीकार होगा.
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शिंदे के बयान के अगले ही दिन अब अजित पवार के अलग सुर सुनाई देने लगे हैं. उन्होंने आखिरकार कह दिया है कि पहले हमने महाराष्ट्र सीएम पर कोई चर्चा नहीं की लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हमारी कोई मांग ही नहीं है.
पहले से ही नाराज हैं पवार
बता दें कि लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद से ही एनसीपी प्रमुख अजित पवार महायुति से कुछ नाराज हैं. क्योंकि केंद्रीय कैबिनेट में एनसीपी का कोई नेता शामिल नहीं हुआ था. उस दौरान अजित पवार ने इशारा किया भी था. हालांकि अब मामला महाराष्ट्र के सीएम को फाइनल करने का है.
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चुनाव के रिजल्ट आने के बाद पवार ने जरूर एक बार फडणवीस को समर्थन देने की बात कही थी, लेकिन अब तक अपने पत्ते नहीं खोल रहे थे. 28 नवंबर को अजित पवार का बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले कभी भी सीएम के नाम पर मुहर नहीं लगी थी और न ही इसको लेकर चर्चा हुई थी.
अजित पवार से किसको पड़ेगा फर्क
बता दें कि इससे पहले शिंदे और शिवसेना लगातार यह कह रही थी कि चुनाव से पहले ही यह तय हो गया था कि शिंदे के चेहरे पर ही चुनाव लड़ा गया और जीत के बाद वही सीएम होंगे. लेकिन अब अजित पवार के बयान से ये साफ हो गया है कि शिंदे का बयान बेबुनियाद था. अगर ऐसा है तो फिर इससे शिंदे के दावे और मांग के कमोजर होने के आसार हैं.
वहीं अजित पवार के बयान से फडणवीस की चिंता भी बढ़ सकती है क्योंकि अगर शिंदे की मांगें नहीं मानी गई तो वह बीजेपी आलाकमान पर अगल तरह का दबाव बना सकते हैं.
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