समस्तीपुर सांसद शांभवी चौधरी का ब्यान कि “समस्तीपुर को कोई नहीं जानता था, उनके सांसद बनने के बाद संसद में बोलने पर लोग समस्तीपुर को जानने लगे हैं- बयान पर होने लगा विवाद
- शांभवी चौधरी का ब्यान समस्तीपुर को अपमानित करने वाला- धीरेंद्र झा
- दर्जनों घटना गवाह है कि समस्तीपुर सिर्फ बिहार में ही नहीं राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति अर्जित किया है- बंदना सिंह
समस्तीपुर, 26 सितंबर 2024: समस्तीपुर सांसद शांभवी चौधरी का ब्यान कि “समस्तीपुर को कोई नहीं जानता था, उनके सांसद बनने के बाद संसद में बोलने पर लोग समस्तीपुर को जानने लगे हैं” पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाकपा माले के पोलिट ब्यूरो सदस्य सह समस्तीपुर के प्रभारी धीरेंद्र झा ने कहा है कि भाजपा,जेडीयू,जनसुराज और लोजपा जैसी पार्टियों ने ऐसे-ऐसे नेताओं को मिथिलांचल में प्रमोट किया है जो समाज, इतिहास और राजनीतिक आंदोलनों से अपरिचित हैं। समस्तीपुर की सांसद शांभवी चौधरी को यह भी जानकारी नहीं है कि भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर समस्तीपुर से ही सांसद बने थे। समस्तीपुर जिला कब बना, इसकी जानकारी भी इनके पास नहीं होगा। इन वित्त पोषित पिता पोषित नेताओं के पास यह जानकारी भी नहीं होगा कि बलिराम भगत कालेज के संस्थापक कौन हैं। वशिष्ठ नारायण सिंह, सूरज नारायण सिंह, रामानंद मिश्र, भोगेंद्र झा, राजकुमार पूर्वे, रामदेव वर्मा आदि कौन थे? खुदीराम बोस की गिरफ्तारी यहीं से हुई थी। एलके आडवाणी की गिरफ्तारी यहीं समस्तीपुर में हुआ था। तत्कालीन कद्दावर कांग्रेस नेता ललित नारायण मिश्र हत्याकांड में निगेटिव ही सही चर्चा के केंद्र में रहा है। राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय, कवि विद्यापति की कर्मभूमि, राष्ट्रकवि दिनकर का ससुराल, समस्तीपुर पूरे देश में चर्चा के केंद्र में रहा है।एक ही मंदीर में हिंदू समुदाय के महादेव एवं मुस्लिम समुदाय के खुदनी बीबी की मजार हिंदू-मुस्लिम एकता का पूरे देश में अद्वितीय उदाहरण मोरबा- समस्तीपुर रहा है। ऐसे अन्य दर्जनों उदाहरण हैं जिसके कारण समस्तीपुर बिहार, भारत ही नहीं विश्व स्तर पर अपना पहचान बनाया है।
भाकपा माले राज्य कमिटी सदस्य सह महिला संगठन ऐपवा के समस्तीपुर जिला अध्यक्ष बंदना सिंह ने शांभवी चौधरी के ब्यान को समस्तीपुर को अपमानित करने वाला ब्यान बताते हुए समस्तीपुर की जनता से माफी मांगने को कहा है साथ ही उन्होंने समस्तीपुर की जनता से अपील किया है कि इस बड़बोले सांसद को जनता जरूर सजा दे साथ ही उन्होंने कहा कि असली सजा के हकदार इनके पिता हैं जिन्होंने एक अराजनीतिक संतान को टिकट खरीद कर इस पद पर बिठा दिया है। राजनीति अगर धन बल का खेल बन जाये तो समाज को ऐसे लोगों को झेलना ही पड़ेगा साथ ही उन्होंने घोषणा किया है कि यदि समस्तीपुर को अपमानित करने वाला ब्यान पर सांसद माफी नहीं मांगी तो इसके खिलाफ आंदोलन का रूख अख्तियार किया जाएगा।