सीजी – केवल इंसान ही नहीं जानवर भी कर चुके हैं अंतरिक्ष की सैर, कौन-कौन से जानवर जा चुके हैं स्पेस में? #INA
Animal in Space: अतंरिक्ष में जाना कितना एडवेंचर भरा होगा, लेकिन क्या आप जानते हैं कि अंतरिक्ष में केवल इंसान ही नहीं जानवरों का भी घूमना हो चुका है. अंतरिक्ष यात्रा के इतिहास में सिर्फ इंसानों का ही नहीं, बल्कि कई जानवरों का भी योगदान रहा है. जानवरों को अंतरिक्ष में भेजने का सिलसिला आज भी जारी है. इन प्रयोगों ने हमें अंतरिक्ष के वातावरण के प्रभाव को समझने में मदद की है. तो चलिए जानते हैं कि अंतरिक्ष में कौन-कौन से जानवर भेजे गए.
मक्खियां
अंतरिक्ष में भेजे जाने वाले पहली जीव मक्खियां थीं. अमेरिकी वैज्ञानिकों ने 1947 में इनका प्रयोग किया था. मक्खियों को वी-2 बैलेस्टिक मिसाइल के जरिए 109 किलोमीटर की ऊंचाई तक भेजा गया. मक्खियों को न्यू मैक्सिको में पैराशूट के जरिए सुरक्षित उतारा गया और कैप्सूल खोलने पर ये जीवित पाई गईं. इसका मुख्य उद्देश्य खगोलीय विकिरण का प्रभाव जानना था, जो भविष्य में भेजे जाने वाले अंतरिक्ष यात्रियों पर पड़ सकता था.
चिंपांजी और बंदर भी जा चुके हैं स्पेस
अंतरिक्ष में भेजे जाने वाले जानवरों में सबसे ज्यादा बंदर और वानर प्रजाति के जानवर शामिल हैं. इनमें रीसस मकैक, गिलहरी की पूंछ वाले बंदर, और चिंपांजी जैसे जानवर हैं. सबसे पहले 1949 में रीसस मैकक नामक एक बंदर को 134 किलोमीटर की ऊंचाई तक भेजा गया, लेकिन उसकी वापसी पर उसकी मौत हो गई. इसके बाद, 1961 में नासा ने हैम नामक चिंपांजी को अंतरिक्ष में भेजा, जो सही सलामत वापस लौट आया और इसके बाद मानव ने अंतरिक्ष यात्रा की.
चूहे को लेकर भी किया गया है एक्सपेरिमेंट
चूहों का प्रयोग अंतरिक्ष में इंसानी स्वास्थ्य और चिकित्सा के रिसर्च के लिए किया गया है. नासा ने चूहों के अंतरिक्ष अनुभव पर डिटेल्स स्टडी किया था. पहला चूहा 1950 में 137 किलोमीटर की ऊंचाई तक भेजा गया था, लेकिन पैराशूट की नाकामी के कारण चूहा मर गया.
कुत्ते
सोवियत संघ ने सबसे अधिक कुत्तों को अंतरिक्ष में भेजा। इनमें सबसे प्रसिद्ध 1957 में भेजी गई कुतिया लाइका है. लाइका को मॉस्को की गलियों से उठाया गया था और इसे पृथ्वी पर वापस नहीं लाया जा सका, लेकिन यह अंतरिक्ष में जाने वाली पहली जानवर के रूप में प्रसिद्ध हो गई.
कछुए भी जा चुके हैं स्पेस में
1968 में, जब अमेरिका और सोवियत संघ के बीच चंद्रमा पर जाने की होड़ चल रही थी, रूस ने दो कछुए भेजे. ये चंद्रमा का चक्कर लगाने के छह दिन बाद पृथ्वी पर लौटे, लेकिन वे पूर्वनिर्धारित कजाकिस्तान में उतरने की जगह हिंद महासागर में गिर गए थे. हालांकि, कछुए सुरक्षित बचा लिए गए थे.
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