सीजी- Amar Ujala Exclusive: अमित शाह के दौरे के बाद फुल एक्शन में फोर्स, छत्तीसगढ़ में 240 दिन में 153 नक्सली ढेर – INA

Naxalites Encounters in Chhattisgarh: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के तीन दिवसीय छ्त्तीसगढ़ दौरे के बाद से प्रदेश में फोर्स फुल एक्शन मोड पर है। रायपुर प्रवास के दौरान गृहमंत्री शाह के मोटिवेशन से पुलिस सुरक्षा बल का मनोबल बढ़ा हुआ है। जवान मानसून सीजन में भी नक्सलियों की मांद में घुसकर उनसे लोहा ले रहे हैं। नक्सलियों के गढ़ बस्तर संभाग को नक्सलवाद से मुक्त कराने के लिए जवानों ने अभियान चला रखा है। लगातार नक्सलियों का एनकाउंटर हो रहा है। इससे नक्सलियों के पैर उखड़ रहे हैं। नक्सल मोर्चे पर फोर्स को एक के बाद एक बड़ी कामयाबी मिल रही है। फोर्स बस्तर संभाग में डेरा जमाई हुई है। नक्सलियों की मांद में घुसकर उनसे टक्कर ले रही है। जनवरी से लेकर अब तक 153 नक्सली मारे गए हैं। 690 नक्सली गिरफ्तार किये गये हैं। इसके अलावा 650 नक्सलियों ने सरेंडर किया है। 240 दिन के अंदर बड़े नक्सल एनकाउंटर में सुरक्षा बलों ने 153 नक्सलियों को मौत के घाट उतारे हैं।

केंद्रीय गृहमंत्री ने नक्सल प्रभावित सात राज्यों की ली थी बैठक 

तीन दिवसीय छत्तीसगढ़ प्रवास (23 से 25 अगस्त) के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने नवा रायपुर के एक निजी रिसोर्ट में नक्सल प्रभावित सात राज्यों की अंतरराज्यीय समन्वय समिति की बैठक ली थी। इसमें नक्सल सातों राज्यों के मुख्य सचिव, डीजीपी और अर्द्धसैनिक बलों के ऑफिसर शामिल हुए थे। बैठक में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में नक्सल विरोधी अभियान और विकास कार्यों की समीक्षा की गई थी। इस दौरान केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा था कि छ्त्तीसगढ़ में नक्सली मुख्यधारा में शामिल होने के लिये सरेंडर करें या फोर्स की कार्रवाई के लिये तैयार रहे। 

मार्च 2026 तक देश को नक्सल समस्या से मुक्त करेंगे

केंद्रीय गृहमंत्री ने 24 अगस्त की बैठक में कहा था कि नक्सलवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई अंतिम चरण में है। हम मार्च 2026 तक देश को पूरी तरह से नक्सल समस्या से मुक्त कर देंगे। अब समय आ गया है कि वामपंथी उग्रवाद की समस्या पर एक मजबूती के साथ रुथलेस रणनीति के साथ अंतिम प्रहार किया जाए। उग्रवाद हमारे देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए बड़ा चैलेंज है। 

शाह ने की थी नक्सलियों से हथियार छोड़ने की अपील 

उन्होंने अपील करते हुए कहा था कि जो वामपंथी उग्रवाद में लिप्त या जुड़े हो, सभी युवाओं से अपील है कि भारत सरकार इस क्षेत्र के विकास, आपके विकास, आपके परिवार के विकास के लिए कटीबद्ध है। नक्सल की नई पॉलिसी को अच्छा प्रतिसाद दीजिए। हथियार छोड़िए और पीएम मोदी के नेतृत्व में जो विकास का रथ चल रहा है। एक नए युग का जो आगाज हो रहा है, उसे मजबूती दें। हम उम्मीद करते हैं कि हमने जो रास्ता अख्तियार किया है, उसके मुताबिक पूरे छत्तीसगढ़ और पूरे देश को नक्सलवाद की समस्या से मुक्त कर देंगे।

ये सात राज्य बैठक में हुए थे शामिल 

बैठक में छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, झारखंड, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक केंद्र और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी शिरकत कर रहे हैं। 

छत्तीसगढ़ में नक्सल प्रभावित जिले

देश के 38 जिलों में से छत्तीसगढ़ के 15 जिले नक्सल प्रभावित हैं। इनमें बीजापुर, बस्तर, दंतेवाड़ा, धमतरी, गरियाबंद, कांकेर, कोंडागांव, महासमुंद, नारायणपुर, राजनांदगांव, मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी, खैरागढ़ छुई खदान गंडई, सुकमा, कबीरधाम और मुंगेली नक्सल प्रभावित जिले हैं। पूरे देश में सबसे ज्यादा नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या छत्तीसगढ़ में ही है। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 और लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान अमित शाह ने सरकार बनने के बाद प्रदेश की जनता से नक्सलवाद को खत्म करने का वादा किया था। 

अब तक 153 नक्सली ढेर, 690 गिरफ्तार और 650 नक्सलियों ने किया सरेंडर 

बस्तर संभाग के आईजी पी. सुंदरराज के मुताबिक, जनवरी से लेकर अब तक (3 सितंबर) 153 नक्सली मारे गए हैं। 690 नक्सली गिरफ्तार किये गये हैं। इसके अलावा 650 नक्सलियों ने सरेंडर किया है। 240 दिन के अंदर बड़े नक्सल एनकाउंटर में सुरक्षा बलों ने 153 नक्सलियों को मौत के घाट उतारे हैं। इससे पूर्व 15 जून को नारायणपुर जिले के ओरछा थाना के फरसबेड़ा-धुरबेड़ा के बीच सुरक्षाबलों की नक्सलियों के मुठभेड़ में 8 नक्सलियों को मौत की नींद सुलाई थी।

16 अप्रैल को कांकेर में पुलिस नक्सली मुठभेड़ में 29 नक्सली मारे गये थे। यह देश की सबसे बड़ी नक्सली मुठभेड़ थी, जिससे नक्सली डर के भय से कांप उठे थे। 30 अप्रैल को 9 घंटे तक चली मुठभेड़ जवानों ने 10 नक्सलियों को मार गिराया था। बूझमाड़ के टेकामेटा के जंगलों में डीआरजी और एसटीएफ के जवानों का सामना नक्सलियों से हुआ था। मारे गए नक्सलियों में 3 महिला और 7 पुरुष माओवादी शामिल थे। प्राथमिक तौर पर मुठभेड़ में मारे गये माओवादियों में से 2 की शिनाख्तगी डीवीसीएम जोगन्ना और डीवीसीएम विनय उर्फ अशोक के रूप में हुई थी। 

छत्तीसगढ़ में अब तक बड़े नक्सल एनकाउंटर…

27 मार्च को नक्सल डिप्टी कमांडर समेत 6 नक्सलियों का किया एनकाउंटर

27 मार्च को छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के चिपुरभट्टी-पुसबाका के पास वन क्षेत्र में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ जवानों ने एक नक्सली डिप्टी कमांडर समेत छह नक्सलियों को मार गिराया था। घटना स्थल से नक्सलियों के शव समेत हथियार बरामद हुए थे। मारे गए नक्सलियों में एक महिला नक्सली भी शामिल थी। मामला बासागुड़ा थाने क्षेत्र का था।

2 अप्रैल को 13 नक्सली ढेर

दो अप्रैल को बीजापुर के गंगालूर थाना क्षेत्र के कोरचोली और लेंड्रा के जंगल में हुई जबरदस्त मुठभेड़ में पुलिस ने तीन महिला नक्सली समेत 13 नक्सलियों को मार गिराया था। घटनास्थल से पुलिस ने कई अत्याधुनिक हथियार बरामद किये थे। इनमें 1 नग 7.62 एलएमजी -58 राउंड, 1 नग 303 रायफल -39 राउंड, 12 बोर सिंगल शॉट 1 नग, बीजीएल लांचर 3 नग – 17 सेल, एयर गन 2 नग, विस्फोटक – हेंड ग्रेनेड 1, यूबीजीएल सेल 1, टिफिन बम 7 नग, जिलेटिन स्टीक कार्डेक्स वायर, सेफ्टी फ्यूज, डेटोनेटर, इलेक्ट्रिक वायर, उपकरण -लेपटॉप, डीव्हीडी राईटर, वॉकीटॉकी और नक्सली वर्दी, पिट्ठू, सोलर प्लेट, नक्सली प्रचार प्रसार सामग्री, नक्सली साहित्य और रोजमर्रा के सामान शामिल थे। 

6 अप्रैल को मारे गये 3 नक्सली मारे गये

फोर्स और नक्सलियों के साथ 6 अप्रैल को हुई मुठभेड़ में तीन नक्सली मारे गये थे। तेलंगाना-छत्तीसगढ़ सीमा पर पुजारी कांकेर के कर्रीगुटा के जंगलों में मुठभेड़ में तीन नक्सली ढेर हुए थे। मामला उसूर थाने क्षेत्र का था। इतना ही नहीं घटनास्थल से एक एलएमजी और एक एके-47 समेत कई हथियार बरामद हुए थे। 

देश में पहली बार 16 अप्रैल को 29 नक्सलियों को सुलाया मौंत की नींद

16 अप्रैल को कांकेर जिले के छोटे बेठिया थाना क्षेत्र के माड़ इलाके में देश की सबसे बड़ी मुठभेड़ में 29 नक्सली मारे गये थे। पुलिस फोर्स और नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड़ में नक्सली कमांडर शंकर राव ढेर हो गया था। शंकर राव पर 25 लाख का इनाम था। पुलिस ने मौके से भारी मात्रा में हथियार बरामद किया था। मारे गए सभी नक्सलियों पर कुल 1 करोड़ 78 लाख रुपए का इनाम घोषित था। वहीं नक्सलियों से जब्त एके- 47 और इंसास जैसे हथियारों पर पुलिस ने 7 लाख 55 हजार का इनाम रखा था। 

30 अप्रैल को 9 घंटे तक चली मुठभेड़ में 10 नक्सली ढेर

30 अप्रैल को 9 घंटे तक चली मुठभेड़ जवानों ने 10 नक्सलियों को मार गिराया था। बूझमाड़ के टेकामेटा के जंगलों में डीआरजी और एसटीएफ के जवानों का सामना नक्सलियों से हुआ था। मारे गए नक्सलियों में 3 महिला और 7 पुरुष नक्सली शामिल थे। प्राथमिकतौर पर मुठभेड़ में मारे गये नक्सलियों से 2 की शिनाख्तगी डीवीसीएम जोगन्ना और डीवीसीएम विनय उर्फ अशोक के रूप में हुई थी।

10 मई को बीजापुर के पीड़िया जंगल में 12 घंटे तक चली मुठभेड़ में 12 नक्सली ढेर

छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के पीड़िया के जंगल में 10 मई की सुबह 12 घंटे तक चली मुठभेड़ में 12 नक्सली मारे गए। इस दौरान दो जवान घायल भी हुए थे। सुरक्षाबलों और नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड़ में सभी 12 नक्सलियों के शव और भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री और हथियार भी बरामद किये गये थे। जवानों को गंगालूर थाना क्षेत्र के पीड़िया इलाके में नक्सलियों के टॉप हार्डकोर नक्सली कमांडर लिंगा और पापाराव समेत बड़े लीडर्स के जंगल में होने की सूचना मिली थी। नक्सलियों की इस कमेटी में डीकेएसजेडसी, डीवीसीएम और एसीएम कैडर के बड़े नक्सली भी मौजूद थे। सूचना पर पड़ोसी जिले दंतेवाड़ा,सुकमा व बीजापुर से एसटीएफ,डीआरजी,सीआरपीएफ और कोबरा बटालियन के 1200 जवानों ने साझा अभियान चलाया था, जिसमें मौके पर 12 नक्सली ढेर हो गये।

23 और 24 मई को 8 नक्सली ढेर

छत्तीसगढ़ में 23 मई को नारायणपुर के अबूझमाड़ के जंगलों में सुरक्षा बल के जवानों ने धावा बोला। जंगल के अंदर बड़ी संख्या में नक्सलियों के मौजूदगी की सूचना पर बस्तर फाइटर्स और एसटीएफ के करीब एक हजार जवान रवाना हुए थे। पुलिस जैसे ही जंगल के भीतर घुसी, नक्सलियों ने उन पर हमला बोल दिया। जवानों ने भी मोर्चा संभाला और घंटों तक रुक-रुककर फायरिंग होती रही। मुठभेड़ के बाद मौके से सात नक्सलियों के शव मिले। पुलिस ने घटनास्थल से नक्सलियों के शव के साथ बड़े पैमाने पर हथियार, दवाई और दैनिक सामग्री जब्त की। इसके बाद 24 मई को  नारायणपुर में पुलिस और नक्सलियों के बीच फिर मुठभेड़ हुई थी। अबूझमाड़ के इलाके में नक्सलियों ने फोर्स पर उस वक्त हमला बोला, जब पुलिस मुठभेड़ में मारे गए सात नक्सलियों के शव लेकर वापस लौट रही थी। इस दौरान एनकाउंटर में एक और नक्सली मारा गया। इस तरह कुल 8 नक्सली मारे गये।  

 

  • 25 मई को सुकमा और बीजापुर जिले में पुलिस नक्सली मुठभेड़ में तीन नक्सली ढेर
  • 8 जून अबूझमाड़ के आमदई एरिया में 6 नक्सली मारे गये
  • 10 मई बीजापुर में पुलिस फोर्स ने एनकाउंटर में 12 नक्सलियों को मौत की नींद सुलाई
  • और अब 15 जून को नारायणपुर जिले के ओरछा थाना के फरसबेड़ा-धुरबेड़ा के बीच सुरक्षाबलों की नक्सलियों के मुठभेड़ में 8 नक्सलियों ढेर
  • और अब 3 सिंतबर 2024 को दंतेवाड़ा और बीजापुर के सीमावर्ती क्षेत्र में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ जवानों ने 9 नक्सलियों को मार गिराया। मौके से नक्सलियों के शवों के साथ भारी मात्रा में हथियार भी बरामद किए गए हैं। 


Credit By Amar Ujala

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