CG- मन्नत पूरी होने पर इस मंदिर में लोग चढ़ाते हैं मिट्टी के घोड़े, देव दशहरा पर लगता है मेला- #INA
बालोद के हरदेलाल मंदिर में घोड़ा चढ़ाने पहुंचे विधायक
छत्तीसगढ़ के बालोद में एक ऐसा देव स्थान है, जहां की मनौती कभी खाली नहीं जाती. इस देवस्थान पर मनौती पूरी होने पर मिट्टी के घोड़े चढ़ाने की परंपरा है. क्षेत्र के आम लोग ही नहीं, तमाम राजनीतिक लोग भी इस मंदिर में आकर माथा टेकते हैं. हम बात कर रहे हैं बालोद जिला मुख्यालय से 30 किलोमीटर दूर स्थित घीना डेम के पास पांड़े डेंगरापार के हरदेलाल मंदिर की. इस मंदिर में मंगलवार को सात गाव के लोगों ने पारंपरिक ढंग से देव दशहरा मेले का आयोजन किया.
इस मौके पर बड़ी संख्या में लोगों ने मिट्टी के घोड़े चढ़ाकर देवता का आशीर्वाद लिया. स्थानीय लोगों के मुताबिक कई वर्षों से लगातार इस तरह से देव दशहरा का आयोजन होता रहा है. यह आयोजन हर साल नवरात्रि के बाद आने वाले पहले मंगलवार को होता है. इसमें 7 गांवों के ग्रामीण तो होते ही हैं, बड़ी संख्या में बाहर से भी लोग मेला देखने आते हैं. इस क्षेत्र मे रावण का पुतला दहन नहीं होता. मंदिर से जुड़े लोगों के मुताबिक इस मंदिर को लेकर कई किवदंतियां हैं.
संतान सुख की कामना से मांगते हैं मन्नत
इस गांव में बाबा हरदेलाल की मूर्ति की पूजा अंग्रेजों के समय से होती आई है. अंग्रेज अफसर यहां मन्नत लेकर आते थे और उनकी मन्नतें पूरी भी होती थीं. मान्यता है कि बाबा हरदे लाल वर्षो पूर्व बस्तर से आकर यहां स्वयं स्थापित हुए थे. उनके साथ ही भाई भी आए, जो बालोद जिले के मोहंदीपाट गांव में हैं. उन्हें मोहंदी पाट बाबा के नाम से जाना जाता है. इस मंदिर में पहले ज्यातर महिलाएं संतान सुख की कामना लेकर आती थीं, लेकिन बाद में लोग सभी तरह की मन्नते लेकर आने लगे. क्षेत्रीय विधायक कुंवर सिंह निषाद का कहना है कि उन्होंने इस मंदिर के काफी चर्चे सुने थे. चुनाव के समय वह खुद इस मंदिर में जीत की मन्नत मांगने आए थे.
विधायक ने बाबा को चढ़ाया घोड़ा
उनकी मन्नत पूरी हुई और विधायक बन गए तो फिर बाबा के दरबार में गए थे. विधायक कुंवर लगातार दो बार गुंडरदेही से विधायक निर्वाचित हुए हैं. मान्यता है कि अगर सच्ची आस्था और लगन हो तो पत्थरों मे भी भगवान नजर आते हैं. इस मंदिर में भी कुछ ऐसा ही है. इस बार भी देव दशहरा मेले में आए विधायक कुंवर सिंह निषाद ने बताया कि डेगरापार हरदेवलाल बाबा देव दशहरा मड़ाई मेले में उन्होंने घोड़ा चढा़कर पूजा अर्चना की है. इसी दौरान उन्होंने क्षेत्र और देश के लोगों के लिए अमन चैन और खुशियों की कामना की है.
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