Noida – नेक्सजेन एनर्जिया के खिलाफ धोखाधड़ी की फर्जी रिपोर्ट का दावा, दोबारा होगी जांच? – #INA
Noida News :
कंप्रेस्ड बायो गैस सीबीजी पंप खुलवाकर लोगों से करोड़ों रुपयों की ठगी करने का आरोप लगाने वाले मामले में नया मोड़ सामने आया है। कंपनी के खिलाफ मुकेश खत्री नाम के जिस व्यक्ति की ओर से नोएडा के सेक्टर 63 में नेक्सजेन एनर्जिया के खिलाफ एफआइआर दर्ज है, वह पहले से ही धोखाधड़ी के आरोप में नोएडा की जिला जेल में बंद है।
छह माह पहले दर्ज कराया था 420 का केस
नेक्सजेन एनर्जिया कंपनी के खिलाफ धोखाधड़ी करने व फर्जी कागजात बनवाने के आरोप में कंपनी की ओर से 28 मार्च को मुकदमा संख्या 82/24 एफआइआर दर्ज कराई गई थी। मुकेश ने नेक्सजेन एनर्जिया के पूर्व कर्मचारी उत्कर्ष के साथ मिलकर कंपनी के साथ फ्राड किया था। उत्कर्ष भी धोखाधड़ी के मामले में जेल गया था, लेकिन इस समय जमानत पर है। मुकेश ने कंपनी के पूर्व सेल्स डायरेक्टर उत्कर्ष गुप्ता के साथ मिलकर धोखाधड़ी की थी। कासना पुलिस ने मुकेश को किया गिरफ्तार किया था।
मुकेश व उत्कर्ष ने कंपनी के साथ की धोखाधड़ी
नेक्सजेन एनर्जिया कंपनी के असिस्टेंट वाइस प्रेसीडेंट अंकुर दुबे ने इस मामले में साक्ष्यों के साथ पूरी स्थिति के बारे में बताया कि मुकेश खत्री शुरुआत से कंपनी को बदनाम करने की साजिश कर रहा है। वह खत्री कंपनी का डीलर था, इसने कंपनी के साथ मिलकर पंप लगाया। शेष भुगतान को लेकर जब इस पर दबाव डाला गया तो यह करार के तहत पंप के लिए दिए गए पैसे वापस मांगने की बात करने लगा। कंपनी ने मुकेश के दिए पैसों से अधिक का सामान पंप पर लगाया था और पंप इस समय चालू स्थिति में है। मुकेश यह जानता था, उसकी नीयत में खोट आया और उसने उत्कर्ष गुप्ता के साथ मिलकर आर्थिक धोखाधड़ी की साजिश रची।
कस्टमर डाटा चोरी करने का है दोनों पर आरोप
अंकुर दुबे ने बताया कि उत्कर्ष ने कंपनी के कस्टमर का डाटा, लेटर पैड, मुहर व अन्य गोपनीय दस्तावेज मुकेश के साथ शेयर कर दिए। इन दोनों लोगों ने मिलकर नेक्सजेन एनर्जिया के नाम से मिलती जुलती दो नई कंपनी (उत्कर्ष ने Gruner Renewable energy और मुकेश खत्री ने Agrani gas private ltd ) बनाई। नेक्सजेन एनर्जिया के कस्टमरों को गुमराह करना शुरू कर दिया। मुकेश व उत्कर्ष ने कस्टमरों से कहा कि हम आपको सस्ते में नेक्सजेन से अच्छा पंप और प्लांट बनाकर देंगे। जब कस्टमरों ने इस बावत नेक्सजेन में बात की तो पूरा मामला सामने आ गया।
मुकेश ने दी बर्बाद करने की धमकी
जब कंपनी की ओर से बारे में मुकेश से बात की गई तो उसने अभद्रता की और बर्बाद करने की धमकी दी। इस बीच मुकेश खत्री का 66.64 लाख और 36.14 लाख का चेक बाउंस हो गया। चेक बाउंस होने पर नेक्सजेन ने मुकेश के खिलाफ 10 जनवरी 2024 को मुकदमा दर्ज करा दिया। मुकदमा दर्ज होने के बाद मुकेश ने कंपनी के खिलाफ सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार शुरू कर दिया। वाट्सएप और फेसबुक पर इस दुष्प्रचार की जानकारी सामने आने के बाद नेक्सजेन एनर्जिया ने मुकेश व उत्कर्ष के खिलाफ 28 मार्च 2024 को कासना थाने में एक और मुकदमा दर्ज करा दिया। कासना थाना पुलिस ने जांच के बाद साक्ष्य सही पाए और मुकेश को गिरफ्तार कर लिया।
पत्नी की दिखाई थी फर्जी ज्वाइनिंग
अंकुर दुबे ने बताया कि उत्कर्ष ने नेक्सजेन एनर्जिया के लेटर पैड चोरी करके अपनी पत्नी शिवांगी विश्नोई को नेक्सजेन एनर्जिया में सेल्स मैनेजर के पद पर फर्जी ज्वाइनिंग कराई थी। इस मामले में नोएडा के सेक्टर 63 थाने में मुकदमा संख्या 215/24 416/23 दर्ज है। इस फर्जीवाड़े में उत्कर्ष की भी गिरफ्तारी हो चुकी है। उत्कर्ष फिलहाल जमानत पर है।
लोगों को गुमराह कर रहा मुकेश
अंकुर का कहना है कि शिकायत पत्र में अलीगढ़, हरदुआगंज, खैर, टप्पल, महाराष्ट्र का पालघर व अमरावती में जिन एफआइआर की बात की जा रही है वे सब निराधार हैं। पूर्व में इन लोगों के माध्यम से ही कंपनी को बदनाम करने के लिए झूठी एफआइआर दर्ज कराई गई थीं, जिनमें फाइनल रिपोर्ट लग चुकी हैं।
मानहानि का दावा करेगी कंपनी
अंकुर ने कहा है कि मुकेश खत्री व उत्कर्ष गुप्ता ने कंपनी का जो आर्थिक व सामाजिक नुकसान किया है, उसकी भरपाई के लिए इन दोनों के खिलाफ मानहानि का वाद दायर किया जाएगा। अंकुर दुबे ने बताया कि नेक्सजेन एनर्जिया पूरे देश में ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में काम कर रही है। देश की तेजी से उभरती हुई कंपनी है। केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा कई मंचों पर कंपनी को प्रोत्साहित किया जा चुका है।
Copyright Disclaimer Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing. Non-profit, educational or personal use tips the balance in favor of fair use.
सौजन्य से ट्रिक सिटी टुडे डॉट कॉम
Source link