देश – हिंदू कॉलेज से पढ़ाई, 1987 से वकालत और हैदराबाद निजाम ज्वैलरी जैसे केस, जानें दिल्ली HC के नए चीफ जस्टिस मनमोहन के बारे में- #INA

जस्टिस मनमोहन

दिल्ली हाई कोर्ट को नए चीफ जस्टिस मिल गए हैं. जस्टिस मनमोहन को मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया है. बीते दिन यानी 29 सितंबर को उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने राज निवास में आयोजित एक समारोह में जस्टिस मनमोहन को दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के रूप में शपथ दिलाई. इस बीच उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कानून और न्याय साथ-साथ रहें.

जस्टिस मनमोहन ने ये भी कहा कि प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि लोगों को स्वस्थ भोजन मिले. उन्हें बहुत खुशी है कि दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य जस्टिस के रूप में नियुक्त किया गया है. कोर्ट की प्राथमिकता हमेशा यह सुनिश्चित करना रही है कि आम नागरिकों के लिए जीवन यापन आसान हो. यही वह बढ़ावा देना चाहते हैं.

वहीं, दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस बनने पर जस्टिस मनमोहन को दी बधाई. उन्होंने कहा, ‘माननीय जस्टिस मनमोहन को दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के रूप में शपथ लेने पर मेरी हार्दिक बधाई. मुझे विश्वास है कि आपके नेतृत्व में दिल्ली हाई कोर्ट न्याय के उच्चतम आदर्शों को कायम रखेगा. निष्पक्षता, सहानुभूति और ईमानदारी के साथ न्याय मिलेगा. इस महत्वपूर्ण भूमिका के लिए शुभकामनाएं.’ आइए अब आपको बताते हैं कि जस्टिस मनमोहन कौन हैं…

1987 में एलएलबी की डिग्री हासिल की

जस्टिस मनमोहन राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के रहने वाले हैं और उनका जन्म 17 दिसंबर 1962 को हुआ. उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा बाराखंभा रोड स्थित मॉडर्न स्कूल से की है. उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के हिंदू कॉलेज से इतिहास में बीए (ऑनर्स) से ग्रेजुएशन किया. इसके बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी के कैंपस लॉ सेंटर से 1987 में एलएलबी की डिग्री हासिल की और उसी साल दिल्ली बार काउंसिल में अधिवक्ता के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया.

जस्टिस मनमोहन ने मुख्य रूप से देश के सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली हाई कोर्ट में सिविल, आपराधिक, संवैधानिक, टेक्सेशन, मध्यस्थता, ट्रेडमार्क और सर्विस लिटिगेशन में वकालत की. उन्होंने दिल्ली हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में भारत सरकार के लिए वरिष्ठ पैनल अधिवक्ता के रूप में भी काम किया.

जस्टिस मनमोहन ने लड़े ये चर्चित केस

उन्हें 18 जनवरी 2003 को दिल्ली हाई कोर्ट की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया. अपनी प्राइवेट प्रैक्टिस में उन्होंने दाभोल पावर कंपनी, हैदराबाद निजाम के ज्वेलरी ट्रस्ट मामले, क्लैरिज होटल विवाद, मोदी परिवार के साथ-साथ गुजरात अंबुजा सीमेंट के बिक्री कर और फतेहपुर सीकरी अतिक्रमण मामले सहित कई महत्वपूर्ण मामलों को संभाला. वह ज्यूडिशियल गतिविधियों में गहरी रुचि रखते हैं और राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय ख्याति के तमाम सेमिनारों और सम्मेलनों को संबोधित और भाग ले चुके हैं.

जस्टिस मनमोहन 13 मार्च 2008 को दिल्ली हाई कोर्ट के अतिरिक्त जज और 17 दिसंबर 2009 को स्थायी जज नियुक्त किए गए. वहीं, 9 नवंबर 2023 से दिल्ली हाई कोर्ट के कार्यवाहक जस्टिस के रूप में काम कर रहे थे.

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