Noida – यमुना के किनारे हुआ डॉ. विशाखा त्रिपाठी का अंतिम संस्कार, प्रेम मंदिर से निकली थी शव यात्रा – #INA
Greater Noida/Mathura News :
जगतगुरु कृपालु परिषद के संस्थापक जगतगुरु कृपालु महाराज की बड़ी पुत्री डॉ. विशाखा त्रिपाठी गुरुवार को यमुना किनारे मोक्ष धाम में पंचतत्व में विलीन हो गईं। प्रेम मंदिर परिसर से निकली उनकी अंतिम यात्रा में हजारों श्रद्धालुओं ने भावपूर्ण विदाई दी। उनके भतीजे रामानंद ने उन्हें मुखाग्नि दी।
सड़क हादसे में हुआ निधन
डॉ. विशाखा त्रिपाठी का 24 नवंबर को ग्रेटर नोएडा के यमुना एक्सप्रेसवे पर एक सड़क दुर्घटना में निधन हो गया था। हादसा उस समय हुआ जब वे अपनी बहनों डॉ. श्यामा त्रिपाठी और डॉ. कृष्णा त्रिपाठी के साथ दिल्ली से वृंदावन जा रही थी। दुर्घटना में दोनों बहनों को गंभीर चोटें आई हैं। उनका इलाज जारी है।
प्रेम मंदिर से निकली अंतिम यात्रा
डॉ. विशाखा त्रिपाठी की अंतिम यात्रा गुरुवार सुबह 6:00 बजे वृंदावन स्थित प्रेम मंदिर परिसर से निकाली गई। यह यात्रा नगर के कई मार्गों से होते हुए यमुना किनारे मोक्ष धाम पहुंची। वहां राधा नाम संकीर्तन और वेद मंत्रों के साथ डॉ. विशाखा त्रिपाठी का अंतिम संस्कार हुआ।
वैदिक रीति से हुआ अंतिम संस्कार
पंडित गोविंद किशोर मिश्र ने बताया कि अंतिम संस्कार में विशेष रूप से आम, पीपल, गूलर, चंदन और तुलसी की लकड़ियों का उपयोग किया गया। इसके अलावा गाय के शुद्ध देसी घी और हवन सामग्री से विधि-विधान पूरा किया गया। प्रेम मंदिर के प्रबंधक अजय त्रिपाठी ने कहा कि हजारों भक्तों ने इस अवसर पर श्रद्धांजलि अर्पित की।
देश-विदेश से उमड़े श्रद्धालु
डॉ. विशाखा त्रिपाठी की अंतिम यात्रा में देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। यात्रा में करीब 6 किलोमीटर लंबी लाइन लग गई थी। भक्तों ने श्रीकृष्ण के हरिनाम संकीर्तन के साथ उनकी अंतिम यात्रा में भाग लिया। प्रेम मंदिर से लेकर मोक्ष धाम तक हर तरफ भक्तों की आंखों में अश्रु धारा बह रही थी। अंतिम संस्कार के दौरान हर ओर शोक और श्रद्धा का माहौल था। श्रद्धालु श्रीकृष्ण और राधा रानी के भजनों का संकीर्तन करते हुए डॉ. विशाखा त्रिपाठी को अंतिम विदाई दी।
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सौजन्य से ट्रिक सिटी टुडे डॉट कॉम
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