खबर मध्यप्रदेश – खाट पर हेल्थ सिस्टम! इलाज के लिए महिला को चारपाई और 4 कंधों पर ले जाने को मजबूर लोग – INA
देश की आजादी के 78 साल बाद भी मध्य प्रदेश के कई ग्रामीण इलाकों में बुनियादी सुविधाए कोसों दूर हैं. ग्रामीण आज भी सड़क, बिजली, पानी, स्वास्थ्य जैसी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं. हालात यह है कि गांव में सड़कें नहीं हैं. अगर गांव में कोई बीमार पड़ जाए तो ग्रामीण इलाज के अभाव में ही दम तोड़ देते हैं. उन्हें खाट में डालकर मुख्य मार्ग तक ले जाना पड़ता है. तब जाकर एंबुलेंस या फिर अस्पताल नसीब होता है. जबलपुर जिले के पाटन विधानसभा क्षेत्र के भुंवरा गांव की स्थिति इसका एक ताजा उदाहरण है. जहां सड़क जैसी महत्वपूर्ण सुविधाओं की कमी लंबे समय से बनी हुई है. सड़क न होने के कारण गांव के लोगों को बेहद कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.
अगर कोई व्यक्ति बीमार हो जाता है, तो उसे खाट में डालकर या पीठ पर लादकर मुख्य मार्ग तक ले जाना पड़ता है. गांव के लोग इस समस्या से बेहद परेशान हैं. उनका आरोप है कि वे समाज के कमजोर वर्ग से आते हैं, इसलिए उनके साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार किया जा रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि गांव में साफ-सफाई की भी भारी कमी है. जिससे वहां गंदगी का अंबार लगा हुआ है. इस गंदगी के कारण छोटे बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक बीमारियों का शिकार हो रहे हैं. संक्रामक बीमारियां गांव में तेजी से फैल रही हैं और स्वास्थ्य सेवाओं की अनुपलब्धता ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है.
कहां गई विकास की राशि
ग्रामीण बताते हैं कि चुनाव के दौरान विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता गांव में आते हैं. विकास के बड़े-बड़े वादे करते हैं, लेकिन चुनाव खत्म होते ही वे अपनी वादों को भूल जाते हैं. इससे पहले, कैबिनेट मंत्री राकेश सिंह गांव आए थे. उन्होंने सड़क निर्माण के लिए तीन लाख रुपए का चेक गांव के सरपंच को दिया था. इसके अलावा, वर्तमान विधायक अजय बिश्नोई ने भी दो लाख रुपए का चेक दिया था. इसके बावजूद भी रोड का निर्माण नहीं हुआ हालांकि ग्रामीणों का कहना है कि यह राशि कहां खर्च हुई, इसकी कोई जानकारी नहीं है. पांच लाख रुपए की राशि का कोई हिसाब नहीं है.
लोगों में नाराजगी
ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि गांव के सरपंच के द्वारा जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है. विकास के नाम पर दिए गए पैसे का कोई सही उपयोग नहीं हो रहा है. गांव की स्थिति जस की तस बनी हुई है. ग्रामीण महिला और विनोद वंशकार जैसे स्थानीय लोगों ने इस स्थिति पर अपनी नाराजगी जताई है. सरकार से जल्द से जल्द इस समस्या के समाधान की मांग की है.
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