खबर मध्यप्रदेश – ‘मेरे पास 2 घंटे ही हैं, ले चलिए घर’- युवक ने पिता से कहा, कुत्ते के काटने से हुई मौत – INA

मध्य प्रदेश के उज्जैन में कुत्ते के काटने से एक युवक की जान चली गई. घरवालों ने बताया कि बेटा फैक्ट्री में काम करने जा रहा था, इसी दौरान कुत्ते ने उसे काट लिया था. इसके बाद उसे तत्काल इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन उसे राहत नहीं मिली. उसकी बीमारी बढ़ती गई और उसकी मौत हो गई.

युवक घर में इकलौता कमाने वाला था. वह फैक्ट्री में नौकरी करता था. माता-पिता और दो छोटे भाइयों की जिम्मेदारी भी उसी पर थी. 20 दिन पहले उसे फैक्ट्री जाते समय आवारा कुत्ते ने काटा. इसके बाद लगातार उसकी तबीयत खराब होती गई. उज्जैन के अलावा इंदौर के अस्पताल तक इलाज करवाने के बाद भी वह ठीक नहीं हुआ. डॉक्टरों ने उसे घर ले जाने तक का कह दिया.

युवक ने पिता से कहा था…

घरवालों के मुताबिक, खुद युवक ने पिता से कहा कि वह बच नहीं सकता. उसके पास सिर्फ 2 घंटे हैं. उसे घर ले चलिए. पिता ने बेटे की बात मानकर जैसे ही उसे घर के सामने ऑटो से उतारा, तब तक उसकी जान चली गई. युवक का नाम सोनू शर्मा है. वह गणेश नगर नागझिरी विक्रम उद्योगपुरी में गत्ते बनाने की फैक्ट्री में काम करता था.

कुत्ते के काटने के बाद परिजन सोनू को जिला अस्पताल ले गए. यहां उसका उपचार करते हुए डॉक्टर ने उसे दो इंजेक्शन लगाए थे. एक सप्ताह तक तो सबकुछ ठीक चलता रहा, लेकिन सोनू फिर बीमार रहने लगा. उसे बुखार आ गया. उसके मुंह से लार भी गिरने लगा. सोनू की बिगड़ती हालत को देखकर परिजन उसे फिर अस्पताल ले गए, जहां पर डॉक्टर ने रैबीज से संक्रमित होने की बात कहते हुए किसी अन्य अस्पताल में इलाज कराने की बात कही.

इंदौर के अस्पताल में कराया गया था भर्ती

परिजन सोनू को इंदौर के एक अस्पताल में इलाज के लिए ले गए. लेकिन यहां भी वह ठीक नहीं हुआ. मृतक सोनू के पिता मनोज शर्मा ने बताया कि हम गरीब लोग हैं. सोनू विक्रम उद्योगपुरी में काम करता था और घर का खर्च चलाता था. मैं ऑटो चलाकर थोड़ा बहुत कमा लेता हूं, लेकिन पूरे घर का खर्च सोनू के द्वारा कमाए गए रुपयों पर ही चलता था. हमारे बुढ़ापे की लाठी चली गई है. अब भगवान ही जाने हमारा क्या होगा.

सोनू की मौत होने से परिवारजनों का रो-रो कर बुरा हाल है. किसी को यह भरोसा नहीं हो रहा है कि सोनू अब हमारे बीच में नहीं रहा है. नगर निगम के जिम्मेदार भले ही डॉग पकड़ने को लेकर कुछ भी कहें, लेकिन पिछले 8 महीने का रिकार्ड देखा जाए तो पता चलता है कि जिला चिकित्सालय में लगभग 4541 लोग इलाज कराने आए थे, जिनको कुत्तों ने काटा था.


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