खबर मध्यप्रदेश – MP: भक्तों को नए पैकेट में मिलेगा बाबा महाकाल का प्रसाद, हाईकोर्ट के फैसले के बाद क्यों लिया गया ये फैसला? – INA

मध्य प्रदेश के इंदौर के प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर की प्रसादी के पैकेट का रंग रूप जल्द ही बदलने वाला है. लगभग 5 महीने पहले एमपी के इंदौर हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका लगाई गई थी. इस याचिका में विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर की लड्डू प्रसादी के पैकेट पर ॐ और महाकाल मंदिर के शिखर की तस्वीर को लेकर याचिकाकर्ता ने आपत्ति जताई थी. याचिकाकर्ता ने सनातन के प्रतीक इन चिन्हों को प्रसादी के पैकेट से हटाने की मांग की थी. इस मामले पर सुनवाई करने के बाद माननीय हाईकोर्ट ने 24 अप्रैल 2024 को श्री महाकाल प्रबंध समिति को आदेश दिया था कि महाकाल मंदिर की प्रसादी पैकेट से ॐ और शिखर की तस्वीर को हटा दिया जाए.

इस पूरे मामले में जानकारी देते हुए कलेक्टर और श्री महाकालेश्वर प्रबंध समिति के अध्यक्ष नीरज कुमार सिंह ने बताया कि माननीय हाईकोर्ट के आदेशों के परिपालन में जल्द ही महाकाल मंदिर के प्रसादी पैकेट से ॐ और महाकाल मंदिर के शिखर का चिन्ह हटाया जाएगा. इसको लेकर श्री महाकालेश्वर प्रबंध समिति की बैठक में सभी से सुझाव लिए जा चुके हैं. लड्डू प्रसादी के पैकेट की नई डिजाइन तैयार की जा रही है.

पुराना स्टॉक खत्म होने का इंतजार

जानकारी के मुताबिक, प्रसादी पैकेट का पुराना स्टॉक खत्म होने के बाद अब जो भी पैकेट आएंगे उन पर अब यह चिन्ह नजर नहीं आएंगे. श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति ने बाबा महाकाल के लड्डू प्रसाद को लेकर बड़ा बदलाव किया है. बैठक में निर्णय लिया गया है कि अब मंदिर के लड्डू प्रसादी पैकेट पर मंदिर का शिखर और ॐ नहीं दिखेगा. हाईकोर्ट ने भी मंदिर समिति को डिजाइन में बदलाव के लिए 3 महीने तक का वक्त दिया था.

अप्रैल में दायर की गई थी याचिका

अप्रैल में इंदौर हाईकोर्ट में यह जनहित याचिका इसीलिए लगाई गई थी क्योंकि लोगों का मानना था कि बाबा महाकाल के प्रसादी का उपयोग करने के बाद श्रद्धालु इन पैकेट को जिस पर बाबा महाकाल के शिखर के साथ ही ॐ का चिन्ह बना होता है उसे कचरे में फेंक देते हैं. बाबा महाकाल के शिखर के साथ ही ॐ भी सनातन का प्रतीक चिन्ह है जिसे इस तरह से कूड़े में फेंकना गलत है. इससे सनातन का अपमान होता है जिसको लेकर ही अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत के कार्यकर्ता और महंत सुखदेवानंद, ब्रह्मचारी गुरु श्री महंत योगानंद, ब्रह्मचारी श्री शंभू पंच अग्नि अखाड़ा इंदौर और पंडित शरद कुमार मिश्रा, गुरु श्री स्वामी राधाकांताचार्य महाराज श्री दुर्गा शक्तिपीठ ने इंदौर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी.


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