खबर मध्यप्रदेश – पत्नी सफीना पार्षद, फिरोज खान हनुमान भक्त, कराई भगावत कथा… भक्ति में लीन ग्वालियर का ये मुस्लिम परिवार – INA

मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले के भितरवार थाना क्षेत्र में रहने वाला एक मुस्लिम परिवार मजहब की दीवारों को तोड़कर इंसानियत और भाईचारे का संदेश दे रहा है. संदेश भी ऐसा कि जिसने भी सुना वह दंग रह गया. इस मुस्लिम परिवार ने एक बार नहीं बल्कि दो बार सार्वजनिक रूप से भागवत कथा का आयोजन कराया है, जो आस्था और धर्म के नाम पर एकजुटता की अनोखी मिशाल है. यह परिवार हिंदू मुस्लिम एकता की नजीर बन गया है, जिसकी भितरवार में सभी जगह चर्चा हो रही है.

भागवत कथा का नाम सुनते ही मन में बड़े हिन्दू अयोजन की तस्वीर नजर आने लगती है लेकिन ग्वालियर जिले के भितरवार कस्बे में एक मुस्लिम परिवार ने भागवत कथा का अयोजन कराकर हिन्दू-मुस्लिम एकता और सद्भावना का अनोखा संदेश दिया है. दरअसल भितरवार कस्बे के वार्ड नं 15 की भाजपा पार्षद सफीना और उनके पति फिरोज खान ने 3 अक्टूबर से 9 अक्टूबर तक भागवत कथा सप्ताह का भव्य आयोजन कराया था. यह अयोजन हनुमान मंदिर पर किया गया, जिसमें आयोजक परीक्षित के तौर पर फिरोज खान और उनकी पत्नी शामिल हुए थी.

मुस्लिम परिवार ने कराया कथा का आयोजन

भागवत कथा सप्ताह में गंगा जमुनी तहजीब का रंग भी खूब देखने को मिला. कस्बे के कई लोग इस आयोजन में शामिल हुए और भक्ति-भाव से आयोजन को मुस्लिम परिवार की ओर से किया गया. मुस्लिम परिवार की तरफ से यह कोई पहली बार भागवत कथा का आयोजन नहीं किया गया था बल्कि, इससे पहले भी वह श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन कर चुके हैं.

फिरोज खान का झुकाव सनातन धर्म में उस समय हुआ, जब उन्हें भागवत कथा कराने का ख्वाव आया. उसके बाद से ही धीरे-धीरे फिरोज खान और पूरा परिवार वार्ड-15 में ही स्थित हनुमान मंदिर में जाने लगा. यही नहीं हनुमान मंदिर का जीर्णोद्धार भी इसी परिवार के द्वारा कराया गया. उसके बाद जहां भी भागवत कथा होती, फिरोज खान और पूरा परिवार उस कथा को सुनने के लिए जाया करता था. एक बार फिरोज खान को ख्वाब में आया कि भागवत कथा का आयोजन करें.

ख्याब में आया तो कराई कथा

भागवत कथा का ख्वाब आने के बाद फिरोज की फसल भी अच्छी हुई. फिरोज की इच्छा अनुसार 60 से 70 लाख रुपए की फसल हुई तो उसने श्रीमद् भागवत कथा कराना शुरू किया. इस तरह से किसी मुस्लिम परिवार का श्रीमद् भागवत कथा करना अपने आप में एक अनोखी बात है. इससे समाज में एक संदेश जाता है कि हिंदू और मुस्लिम सब एक भगवान के बंदे हैं.

खास बात यह कि मुस्लिम परिवार द्वारा आयोजित भागवत कथा का आयोजन पूर्ण रूप से हिंदू रीति रिवाज के साथ किया जाता है और कथा भी विश्व प्रसिद्ध कथा वाचक डॉ श्याम सुंदर पाराशर शास्त्री के मुख बिंद से की कराई गई. वहीं भागवत कथा के सातों दिन भितरवार कस्बा भक्ति के रंग में डूबा रहा. देश में जहां हिंदू मुस्लिम में फर्क बताकर नफरत फैलाई जाती है. ऐसे में मुस्लिम परिवार के द्वारा कराई गई है श्रीमद् भागवत कथा उन लोगों के लिए एक नजीर है, जो समाज और देश में दोनों समुदाय के बीच नफरत फैलाने का काम करते हैं.


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