यूपी – दो बच्चों के साथ महिला ने खाया जहर, मां-बेटी की मौत, कर्ज या घरेलू विवाद? कारण पर सस्पेंस – #INA
भदोही में कोइरौना थाना क्षेत्र के अरई गांव में एक ही परिवार के तीन सदस्यों ने विषाक्त पदार्थ का सेवन कर लिया। अस्पताल ले जाने पर मां-बेटी की मौत हो गई। बेटे की हालात गंभीर होने पर रेफर कर दिया गया। घटना के पीछे घरेलू विवाद और आर्थिक हालात खराब होने की बात सामने आ रही है। मृत महिला के भाई की तहरीर पर पुलिस ने उसकी सास और जेठानी के खिलाफ केस दर्ज किया है। बताया जा रहा है कि उनसे जमीन का विवाद चल रहा था।
अरई गांव निवासी सुनील तिवारी की मानसिक और आर्थिक हालात ठीक नहीं है। पत्नी 45 वर्षीय सुमन तिवारी पर पूरे परिवार का बोझ था। उसने कई समूहों और लोगों से उधार ले रखा था। परिवार में मकान के बटवारे को लेकर भी विवाद चल रहा था। रविवार दोपहर भी परिवार में बंटवारे को लेकर विवाद हुआ। इसके कुछ देर बाद सुमन ने 22 वर्षीय बेटी कोमल तिवारी और 18 वर्षीय बेटे गोलू के साथ विषाक्त पदार्थ खा लिया।
हालत बिगड़ने पर पड़ोसियों ने पुलिस को सूचित कर तीनों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए, जहां चिकित्सकों ने मां और बेटी को मृत घोषित कर दिया। गोलू की गंभीर हालत में प्रयागराज के एक अस्पताल में इलाज चल रहा है। अपर पुलिस अधीक्षक डॉ. तेजवीर सिंह ने बताया कि मृतका का सास और जेठानी से जमीन विवाद चल रहा था। रविवार को कहासुनी के बाद मां व बेटी की जहर खाने से मौत हो गई। सुमन के भाई की तहरीर पर सास और जेठानी पर केस दर्ज कर लिया गया है।
मरने पर कर्ज हो जाएगा माफ, जोड़कर मिलेगा पूरा पैसा!
सुनील तिवारी की पत्नी सुमन तिवारी को आज यानि सोमवार को एक समूह संचालक को 11 हजार रुपये देने थे। शनिवार को किसी कर्जदार से उन्होंने पूछा था कि क्या मरने पर ऋण माफ हो जाएगा तो उस पर उसने जोड़कर और रुपया देने की बात कही थी। मां-बेटी की मौत को पुलिस घरेलू विवाद बता रही है कि जबकि परिजन आर्थिक तंगी। हालांकि सच क्या है, यह तो पुलिस जांच में ही क्लियर होगा।
उक्त गांव निवासी सुनील तिवारी की मानसिक हालात ठीक नहीं है। इसके कारण वह कोई काम धंधा नहीं करते थे। जमीन भी अधिक न होने के कारण परिवार को गुजारा नहीं हो पाता था। मृतका की सास महराजी देवी ने मीडिया को बताया कि बहू ने कई समूह, बीसी संचालकों से कर्ज लिया था। आए दिन लोग तगादा करने आते थे। किसी ने उससे मरने पर कर्ज माफ होने के साथ ही अधिक रुपया मिलने की बात कही। दावा किया कि बहू, बेटे, पोते व पोती को भोजन, साबुन आदि जरूरत के सामान तीन अन्य बेटों क परिजनों से मिलने पर वह चोरी छिपे दे दिया करती थीं। सुमन की माली हालात ठीक नहीं थी। जिसके कारण उसने रविवार को घातक कदम उठाया।
पत्नी, बेटी की मौत तथा बेटे के जिंदगी व मौत के बीच जूझने के बीच भी रविवार को पति पुलिस के सामने नजर नहीं आए। गांव के लोगों ने बताया कि मानसिक हालात ठीक नहीं है। कुनबा घरेलू परेशानियों के साथ ही रुपये-रुपये को मोहताज था। समूहों के अलावा गांव के लोगों से भी पैसा उधार लिया गया था। करीब दो लाख रुपये से अधिक कर्ज होने की बातें पुलिस को लोगों ने बताई हैं। हालांकि सारी सच्चाई पुलिस की जांच के बाद ही सामने आएगी।
गांव में छाया सियापा, कर्ज देने वाले के मोबाइल बंद
सीतामढ़ी। अरई गांव में मां व बेटी की मौत के बाद ब्राह्मण बस्ती में सियापा छा गया। इतना ही नहीं, समूहों से पैसा उधार लेने की जानकारी पर जब पुलिस ने फोन लगाया तो उनके मोबाइल बंद मिले। घटना की जानकारी के कुछ ही देर बाद प्रभारी निरीक्षक मनोज कुमार फॉरेसिंक विभाग की टीम के साथ गांव पहुंची। इस दौरान जहर के खाली पैकेट समेत अन्य सामानों को पुलिस ने अपनी गिरफ्त में लिया।
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