यूपी- बाजारों में डिमांड, मिल रहा दोगुना दाम… इस सब्जी की खेती से किसान हो रहे मालामाल – INA

उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में इन दिनों किसान अरबी (घुइयां) की खेती से मोटी रकम कमा रहे हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि इस सब्जी में जड़ के अंदर मिलने वाला कंद यानी घुइयां की अच्छी कीमत तो मिलती ही है. इसी के साथ इसके पत्ते बेचकर भी किसान मोटी रकम कमा रहे हैं. कम लागत में अच्छा मुनाफा देने वाली यह सब्जी किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है. जानकारों की मानें तो यह सब्जी अत्यंत पौष्टिक होती है. इसमें विटामिन और मिनरल अधिक मात्रा में होता है.

बहलोली निवासी किसान अनिल दीक्षित बताते हैं कि घुइयां की खेती साल में दो बार की जा सकती है. घुइयां की खेती बंजर जमीन को भी उपजाऊ बना देती है. सबसे खास बात यह है कि घुइयां की खेती हर तरीके की जलवायु में की जा सकती है. गर्म और नम जलवायु में घुइयां की फसल काफी बेहतरीन होती है. इसकी खेती के लिए बलुई दोमट मिट्टी काफी अच्छी मानी जाती है. खासकर बारिश के दिनों में कम लागत में अधिक मुनाफा देने वाली घुइयां की फसल किसानों को मालामाल कर देती है.

पौष्टिक पदार्थों से भरपूर है घुइयां

इसकी जड़ में मिलने वाला कंद यानी घुइयां प्रचुर मात्रा में पौष्टिक पदार्थों का खजाना है. बलुई दोमट मिट्टी में पैदा होने वाली घुइयां विटामिन A, C, E, B-6, फोलेट, आयरन, पोटेशियम, मैग्नीशियम, जिंक, कॉपर, फास्फोरस और मैंगनीज से भरी पोषक तत्वों वाली सब्जी है. इन सारे गुणों की वजह से इस सब्जी की मार्केट में काफी मांग रहती है. बाजार में घुइयां की कीमत 60 रुपए किलो से लेकर 100 रुपए किलो तक है. वहीं, कई जगहों पर घुइयां को अरबी के नाम से जाना जाता है.

अरबी के पत्तों से बनते हैं विशेष व्यंजन

भारत में ज्यादातर सब्जियों में फल या साग से किसानों की कमाई होती है, लेकिन घुइयां में किसानों को फल और साग दोनों से कमाई हो रही है. घुइयां के पत्ते किसानों को भारी मुनाफा दे रहे हैं. घुइयां की एक बीघा खेती में 10 हजार से 15 हजार रुपए की लागत आती है. वहीं, यह फसल केवल 100 दिनों ही तैयार हो जाती है. एक बीघे के उपज की बात करें तो क्विंटल फसल की पैदावार होती है.

किसान कमा रहे लाखों रुपए

अगर देखा जाए तो 10 हजार की लागत से किसानों को एक लाख का मुनाफा होता है. घुइयां के पत्तों से पात्रा, पतोड़ और रिकवज जैसे स्वादिष्ट व्यंजन बनते हैं. हरदोई के जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह ने बताया कि जनपद में सब्जी की खेती के लिए कृषि एवं उद्यान विभाग किसानों को प्रोत्साहित एवं जागरूक कर रहा है. सरकार के द्वारा किसानों को अनुदान की सहायता भी दी जाती है.

आसपास के जिले में बिकने के लिए जा रही घुइयां

ज्यादातर किसान इससे लाभ लेकर अपना जीवन बदल चुके हैं. जनपद की सब्जियां आसपास के जिलों में भी बिकने के लिए जा रही हैं, जिनमें से अरबी की खेती किसानों के लिए फायदे का सौदा साबित हो रही है. ज्यादातर किसान कम लागत में अधिक मुनाफा देने वाली खेती करके जिले का नाम रोशन कर रहे हैं. यह किसानोंं की बेहतरी के लिए अच्छा संकेत है.


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