यूपी – सिकंदराराऊ सत्संग हादसा: मधुकर की गिरफ्तारी पर जितनी तेजी दिखाई, जांच पर उतनी ही खामोशी छाई – INA

हाथरस में सत्संग के दौरान भगदड़ में हुई 121 मौतों के मामले के मुख्य आरोपी देवप्रकाश मधुकर की गिरफ्तारी में पुलिस ने जितनी तेजी दिखाई थी अब उससे भी कहीं ज्यादा खामोशी छा गई है। वैसे तो मुख्य सेवादार मधुकर ने दिल्ली में आत्मसमर्पण किया था लेकिन पुलिस ने खुद की पीठ थपथपाते हुए इसे गिरफ्तारी ही माना था।

पुलिस ने हाथरस में मीडिया के सामने मधुकर को पेश किया और उसे लेकर अफसरों ने बड़े-बड़े खुलासे किए। सियासी दलों से उसके संपर्क, बैंक खाते, मधुकर की संपत्ति, कितना फंड कहां से और किससे मिला, हादसे के बाद उसने किसे फोन किया यह जानने के लिए बाकायदा टीमों का गठन किया गया। लेकिन 56 दिन का वक्त बीत जाने के बाद भी पुलिस कोई साक्ष्य जुटा नहीं पाई है।

2 जुलाई की दोपहर को हाथरस के सिकंदराराऊ क्षेत्र के गांव फुलरई मुगलगढ़ी में भोले बाबा के सत्संग के बाद मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई थी। इस हादसे की गूंज देश भर में सुनाई दी। सियासत भी खूब हुई। विपक्षियों ने सरकार पर बदइंतजामी का आरोप लगाया। सवाल उठा कि इतनी भीड़ जुटने की अनुमति दी क्यों। जब अनुमति दी तो व्यवस्था क्यों नहीं की। जब हल्ला मचा तो पुलिस ने भी आयोजकों और सेवादारों की तलाश शुरू कर दी।


सत्संग की अनुमति लेने वाले मुख्य सेवादार देवप्रकाश मधुकर की तलाश की गई। मधुकर फरार हो गया। उसकी गिरफ्तारी पर एक लाख का इनाम तक घोषित किया गया। पुलिस का शिकंजा कसता देख मधुकर ने दिल्ली में समर्पण कर दिया। हालांकि हाथरस पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी ही बताई। इस बात को दो महीने का समय होने जा रहा है लेकिन पुलिस अभी तक इस पूरे मामले में मधुकर के खिलाफ साक्ष्य नहीं जुटा सकी है। एसपी निपुण अग्रवाल ने उस वक्त प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि सत्संग के लिए मधुकर ने चंदा लिया है। उसके खाते चेक कराए जाएंगे। आज तक एक खाता चेक नहीं कर सके। कुल मिलकर किसी भी सवाल का जवाब अभी तक ढूंढ नहीं पाए हैं। बस हर अधिकारी का एक ही जवाब मिलता है कि जांच चल रही है।

56 दिन में एक भी साक्ष्य नहीं जुटा पाईं एजेंसियां
– मधुकर के सियासी पार्टियों से संबंध नहीं तलाश सके
-मधुकर के बैंक खाते नहीं ढूंढ सके
-मधुकर की संपत्ति का अभी तक कोई ब्योरा नहीं
– मधुकर की सत्संग समिति में कौन कौन थे, कुछ नहीं पता
-सत्संग हादसे के बाद मधुकर ने किसे फोन किया नहीं पता
-सत्संग के नाम पर कितना फंड जुटाया नहीं पता कर सके

बैंक से मधुकर के खाते का ब्योरा मांगा गया है। इस संबंध में बैंकों को ई-मेल किए गए हैं। लेकिन अभी तक खातों का ब्योरा नहीं मिला है। – निपुण अग्रवाल, पुलिस अधीक्षक, हाथरस


Credit By Amar Ujala

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