यूपी- गजब! बिजली विभाग का ट्रक हुआ लापता… जाना था 50KM दूर, एक महीने में भी नहीं पहुंचा – INA
उत्तर प्रदेश में सरकारी महकमे के अधिकारी ही जब चंद लालच की वजह से चोरी करने लगें तो फिर उस विभाग का भगवान ही मालिक है. कुछ ऐसा ही एक मामला गाजीपुर बिजली विभाग में देखने को मिला, जहां 132 केवीए उपकेंद्र सैदपुर से एक मिनी ट्रक बिजली विभाग का अर्थ रॉड और टावर पार्ट लेकर निकला, लेकिन करीब एक महीने बीत जाने के बाद भी वह 50 किलोमीटर दूर अंधऊ उपकेंद्र तक नहीं पहुंचा. ट्रम में लदे माल की कीमत करीब 10 लाख बताई जा रही है.
‘नौ दिन चले अढ़ाई कोस’… यह कहावत बहुत पुरानी है, लेकिन गाजीपुर में बिजली विभाग के एक मामले में यह कहावत खुद अपने आप को चरितार्थ करती नजर आ रही. पूरा मामला विद्युत प्रेषण खंड गाजीपुर का है. यहां पर 132 केवीए विद्युत उपकेंद्र सैदपुर से छह अगस्त को एक मिनी ट्रक में 51 अर्थ रॉड और टावर पार्ट्स लोड कर 132 केवीए विद्युत उपकेंद्र गाजीपुर के लिए रवाना किया गया था. इसका पूरा रिकॉर्ड 132 केवीए उपकेंद्र सैदपुर के सुरक्षा प्रहरी के द्वारा रजिस्टर में भी नोट किया गया था.
50 किमी दूर भी नहीं पहुंचा ट्रक
ट्रक उपकेंद्र से आउट हुआ, लेकिन करीब 28 दिन बीत जाने के बाद भी यह सैदपुर से करीब 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित उपकेंद्र अंधऊ तक नहीं पहुंचा. इस बात की शिकायत बिजली विभाग के कर्मचारी नेताओं ने अधिशासी अभियंता विद्युत प्रेषण खंड गाजीपुर को लिखित रूप से की. शिकायत में यह भी बताया गया कि 132 केवीए विद्युत उपकेंद्र सैदपुर के अभियंता राजकुमार, जिनके हस्ताक्षर से यह सामान ट्रक पर लादकर निकला गया था, लेकिन अभी तक वह नहीं पहुंचा.
विभागीय कार्रवाई के बाद मचा हडकंप
इस प्रकरण में सैदपुर के अभियंता राजकुमार की भूमिका संदिग्ध बताई गई. बीते महीने छह अगस्त को विद्युत उपकेंद्र के लिए मिनी ट्रक पर लादकर सामान को रवाना किया गया था, जिसकी कीमत करीब 11 लाख के आसपास है. हालांकि सिर्फ कागजों में ही उसकी रवानगी की गई. असल में उस सामान को कहीं रास्ते में बेच दिया गया. वहीं इस मामले में विभागीय कार्रवाई होने के बाद अब हड़कंप मचा हुआ है.
अधिशासी अभियंता हुआ सस्पेंड
अधिशासी अभियंता विद्युत प्रेषण खंड गाजीपुर राहुल शर्मा ने इस पूरे मामले पर तीन सदस्यीय कमेटी से जब जांच कराई तो अवर अभियंता राजकुमार इस प्रकरण में दोषी पाए गए. जिस पर कार्रवाई करते हुए विभाग ने तत्काल प्रभाव से उन्हें सस्पेंड करते हुए जौनपुर जनपद से अटैच कर दिया. अधिशासी अभियंता राहुल ने बताया कि सामान के गायब होने की शिकायत कर्मचारी नेताओं के द्वारा लिखित में की गई थी.
अधिशासी अभियंता राहुल ने बताया कि तीन सदस्यीय कमेटी बनाकर जांच कराई गई और जांच में अवर अभियंता राजकुमार दोषी पाए गए, जिन्हें तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया और इन्हें गैर जनपद से अटैच भी कर दिया गया. वहीं अब इस मामले की विस्तृत जांच करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों की टीम बनाई गई है. आगे जो भी रिपोर्ट आएगी, उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी.
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