यूपी- मनचलों को सबक सिखाएगी ये अंगूठी, बटन दबाते ही बन जाती है ‘बंदूक’ – INA
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर की दो छात्राओं ने एक ऐसी अंगूठी बनाई है, जिसे पहनकर लड़कियां मनचलों को सबक सिखा सकेंगी. इस अंगूठी का नाम निर्भय रिंग गन है. इसे बनाने वाली छात्राओं के नाम अंकिता राय और अंशिका तिवारी है. दोनों छात्राएं इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नेलॉजी एंड मैनेजमेंट (आईटीएम गीडा गोरखपुर) में बीसीए की पढ़ाई कर रही हैं.
अंकिता और अंशिका अभी बीसीए सेकंड इयर स्टूडेंट हैं. इन्होंने कॉलेज के इनोवेशन सेल टीम के साथ मिलकर ऐसी ‘रिंग गन’ बनाई है, जो छेड़छाड़ करने वाले मनचलों को सबक सिखाएगा. अंकिता ने बताया कि ये रिंग मुसीबत में लड़कियों की मदद करेगी. ऐसी बहुत लड़कियां हैं, जो घर सें दूर जॉब करती हैं. अकेले कहीं आना-जाना होता है, ऐसी परिस्थिति मे कभी कोई असामाजिक तत्व लड़की के साथ छेड़खानी करने की कोशिश करता है तो हमारी निर्भय रिंग गन एक दोस्त की तरह उनकी मदद करेगा.
निर्भय रिंग गन का क्या है काम?
निर्भय रिंग गन की मदद से लड़कियां अपने घरवालों तक कॉल व अपनी लोकेशन तत्काल भेज सकेंगी. जरूरत पड़ी तो इस रिंग का लड़कियां एक पिस्टल की तरह भी इस्तेमाल कर सकेंगी. चौंकिए नहीं, इस रिंग गन से असली गोली नहीं निकलेगी. बल्कि गोली की तरह तेज साउंड होगा. अंशिका तिवारी ने बताया कि इस रिंग में दो बटन लगे हैं. पहला बटन दबाते ही रिंग का ब्लूटूथ मोबाइल से कनेक्ट हो जा होता है और तत्काल परिवार व दोस्तों के नंबर पर लोकेशन पहुंच जाती है. फिर उसी समय घरवालों को कॉल भी चली जाती है.
बटन दबाते ही गोली चलने जैसा साउंड
अंकिता ने बताया कि निर्भय रिंग की जो सबसे बड़ी विशेषता है, वो ये है कि मुसीबत मे ये रिंग मनचलों से बचने के लिये एक हथियार का भी रूप ले लेता है. इसे फोल्ड कर एक गन के रूप में बदला जा सकता है. इस अंगूठी मे लगा एक लाल बटन भी है, जो निर्भय रिंग गन का ट्रिगर है. इसे दबाते ही गोली चलने जैसा साउंड होने लगता है.
निर्भय रिंग गन में एक 10 एमएम का मेटल बैरल लगा है, जिससे ब्लैंक फायरिंग होती है. अंशिका ने बताया कि इस रिंग का वजन लगभग 50 से 60 ग्राम है. इसे किसी भी मोबाइल चार्जर से चार्ज किया जा सकता है. ये रिंग दो भागों मे बंटा है. इस निर्भय रिंग को गन मे बदलने के लिए दो पार्ट्स को जोड़ना होता है.
बनाने में कितना आया खर्च?
संस्थान के निदेशक डॉ एन के सिंह ने छात्राओं के इस अविष्कार की प्रशंसा करते हुए कहा कि निर्भय रिंग से महिलाएं मुसीबत मे अपनी आत्मरक्षा स्वयं कर सकेंगी. छात्राओं ने बताया रिंग को बनाने में हमें 2 हप्ते का समय लगा और 1500 रूपये का खर्च आया है. इसे बनाने में हमने 10 एमएम मेटल पाइप, ब्लूटूथ मॉडुल, 3.7 वोल्ट नैनो बैटरी, स्विच, मेटल रिंग का इस्तेमाल किया है.
Source link