यूपी – UP News: कैंप लगाकर वापस लौट रही स्वास्थ्य विभाग की टीम बीहड़ में फंसी, रास्ते में दिखे तेंदुओं ने भर दी दहशत – INA

ताजनगरी आगरा में बाह क्षेत्र के झरनापुरा गांव में तीन दिन पहले बुखार से बच्ची की मौत हो गई थी। गांव में कैंप लगाने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम सोमवार को गांव पहुंची। वहां से लौटते समय टीम बीहड़ के रास्ते में फंस गई। डर और दहशत के बीच दो किमी का सफर तय करना पड़ा। इस दौरान तीन तेंदुए भी दिखे।

गांव में शिविर के बाद सोमवार शाम 4:30 बजे के करीब स्वास्थ्य विभाग की टीम ट्रैक्टर-ट्रॉली से वापस लौट रही थी। कुछ दूरी चलने के बाद ट्रैक्टर का डीजल खत्म हो गया। करीब 15 मिनट में डीजल का इंतजाम हुआ। बारिश के बीच टीम करीब एक किमी चली होगी, पानी भरे गड्ढे में ट्रैक्टर-ट्रॉली फंस गई। नतीजतन टीम को पैदल ही निकलना पड़ा। 


डॉ. पुष्पेंद्र कुमार, बीसीपीएम धीरज सविता, वरिष्ठ मलेरिया निरीक्षक अवधेश कुमार, सीएचओ रोशन चंदेल, जितेंद्र कुमार, आकाश, आशा नेहा, अतुल कुमार की टीम दवाइयों के साथ दो किमी पैदल चली। कभी दलदल भरे रास्ते से तो कभी पानी भरी डगर से होकर टीम निकली। 
 


इस दौरान टीम को बीहड़ में तीन तेंदुए दिखे। कई सियार रास्ते से होकर निकले। टीम में शामिल लोगों ने अपने अनुभव साझा किए। कहा कि सफर मुश्किल था, लेकिन बीहड़ की वादियां खूबसूरत लगी। तीन तेंदुए दिखने पर डर भी लगा। 


खतरे में पड़ गई स्वास्थ्य टीम की जान

झरनापुरा के रास्ते पर कीचड़ दलदल और जलभराव तो है ही, कटान से जानलेवा गड्ढे भी हो गये हैं। झरनापुरा से बाह लौटते समय दलदल भरे गड्ढे में ट्रैक्टर ट्रॉली फंस गई। निकालने के चक्कर में ट्रैक्टर और ट्रॉली पलटने से बाल बाल बच गये। एक ओर ट्रॉली झुकी तो स्वास्थ्य विभाग की टीम की जान खतरे में पड़ गई थी। 
 


टीम ने ट्रॉली से कीचड़ दलदल में उतर कर खुद को बचाया। इसके बाद भी ट्रैक्टर ट्रॉली को निकालने के प्रयास किए गये। कामयाब न होने पर टीम ने पैदल ही लौटने का फैसला किया और हरलाल पुरा गांव पहुंच कर अपनी बोलेरो पकड़ी। तब कहीं जाकर राहत की बड़ी सांस ली।


Credit By Amar Ujala

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