यूपी- रिटायर्ड फौजी करेंगे UP के अस्पतालों में नर्सिंग कर्मियों की सुरक्षा, सरकार ने जारी किए ये आदेश – INA

उत्तर प्रदेश के अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में पैरा मेडिकल स्टॉफ की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. उत्तर प्रदेश सरकार ने इस संबंध में एक गाइडलाइन भी जारी कर दी है. इसमें व्यवस्था दी है कि अस्पतालों में कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए रिटायर्ड फौजियों को नियुक्त किया जाएगा. इस संबंध में उत्तर प्रदेश सरकार ने केजीएमयू लखनऊ, यूपीयूएमएस सैफई और इटावा के अलावा राज्य के सभी राजकीय मेडिकल संस्थानों को गाइडलाइन भी भेज दी है.

इस आदेश में मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लेख करते हुए बताया है कि देश में हरे नागरिक की सुरक्षा से लेकर उन्हें गरिमापूर्ण जीवन जीने का अधिकार देना राज्य का कर्तव्य है. इसी के साथ उन्होंने अस्पतालों में आए दिन नर्सिंग कर्मियों और पैरा मेडिकल स्टॉफ के साथ होने वाली मारपीट पर चिंता भी जताई है. उन्होंने स्वास्थ्य कर्मियों के साथ होने वाली हिंसक घटनाओं को रोकने के लिए कुछ प्रावधान किए हैं. इसमें कहा है कि सबसे पहले अस्पताल में एक नोटिस डिस्प्ले किया जाए, जिस पर स्वास्थ्य कर्मियों के साथ किसी भी तरह की हिंसक वारदात करने पर लगने वाली भारतीय न्याय संहिता की धाराओं के साथ सजा जिक्र हो.

अस्पतालों में गठित होगी सुरक्षा समिति

इसी के साथ हर अस्पताल में एक अस्पताल सुरक्षा समिति का गठन होना चाहिए. यह समिति समय के मुताबिक सुरक्षा की रणनीति बनाएगी. मुख्य सचिव ने अस्पतालों में मरीजों और उनके परिजनों के लिए रिस्ट्रिक्टेड एरिया तय करने को कहा है. इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि किसी भी अस्पताल में मरीजों को बिना पास के एंट्री ना दी जाए. उन्होंने कहा कि रात के समय डॉक्टर या नर्सिंग कर्मियों को आम तौर पर एक ब्लाक से दूसरे में और दूसरे से तीसरे में जाना होता है. इस आवाजाही के दौरान उनके साथ सुरक्षाकर्मियों की तैनाती होनी चाहिए. इसी प्रकार पूरे अस्पताल परिसर में सिक्योरिटी गश्त लगातार होनी चाहिए.

एंट्री गेट पर होंगे प्रॉपर सुरक्षा इंतजाम

उन्होंने अपने आदेश में अस्पताल के अंदर प्रकाश व्यवस्था, सीसीटीवी, पुलिस चौकी आदि के लिए भी दिशा निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही उन्होंने अस्पतालों में तैनात संविदाकर्मियों के पुलिस वैरिफिकेशन के भी आदेश दिए हैं. उन्होंने अपने आदेश में साफ तौर पर कहा है कि अस्पतालों में सुरक्षा के लिए भूतपूर्व सैनिकों की तैनाती की जानी चाहिए. लगातार सामने आ रहे इस तरह के मामलों को देखते हुए मुख्य सचिव ने अपने आदेश में कहा है कि इमरजेंसी और आईसीयू वार्ड जैसे हिंसा संभावित स्थानों को चिन्हित करने के साथ ऐसे समुचित इंतजाम होने चाहिए कि कोई व्यक्ति हथियार लेकर अंदर ना सके. इसके अलावा अस्पताल के सभी एंट्रीगेट पर सुरक्षा जांच के इंतजाम होने चाहिए.


Source link

Back to top button