खबर शहर , Agra News: कैरी बैग के चार रुपये पर देना होगा छह प्रतिशत ब्याज – INA
मैनपुरी।
बी बाजार रिटेल से खरीदारी के बाद कैरी बैग के जबरन लिए गए चार रुपये प्रबंधक को खरीदार को वापस करने पड़ेंगे। चार रुपये की धनराशि पर दो अगस्त 2022 से छह प्रतिशत ब्याज भी देना होगा। पीडि़त द्वारा दायर की गई याचिका पर जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने यह आदेश प्रबंधक को दिया है। यह धनराशि 45 दिन के अंदर देनी होगी।
भोगांव के जीटी रोड रेलवे क्रासिंग के पास रहने वाले राहुल पांडेय ने 16 मई 2022 को बी बाजार रिटेल प्राइवेट लिमिटेड से खरीदारी की। बिल भुगतान के समय उससे 890 रुपये लिए गए। इसमें चार रुपये कैरी बैग के शामिल थे। उन्होंने कैरी बैग नहीं लिया फिर भी बिल में रुपये कम नहीं किए गए। बताया गया कि कैरी बैग का रुपया तो देना ही पड़ेगा। जब उन्होंने प्रबंधक से शिकायत की तो प्रबंधक ने कार्रवाई करना तो दूर सुनवाई तक नहीं की।
राहुल ने जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में दो अगस्त 2022 को याचिका दायर की। आयोग में उन्होंने प्रमाण भी प्रस्तुत किए। जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष शशिभूषण पांडेय, सदस्य नीतिका दास, नंद कुमार ने याचिका की सुनवाई की। आयोग द्वारा सुनाए गए निर्णय में कहा गया कि प्रबंधक ४५ दिन में कैरी बैग के चार रुपये पीडि़त को अदा करें। इस धनराशि पर प्रबंधक को दो अगस्त 2022 से छह प्रतिशत वार्षिक ब्याज भी देना होगा।
खर्च मिलेगा 12000 रुपये
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष शशिभूषण पांडेय, सदस्य नीतिका दास, नंद कुमार ने 12000 रुपये पीडि़त को खर्चा के रूप में 45 दिन के अंदर देने का भी आदेश दिया है। आदेश में लिखा है पीडि़त को 5000 रुपये मुकदमे का खर्चा तथा 7000 रुपया मानसिक और शारीरिक कष्ट के रूप में दिया जाएगा। इस धनराशि पर कोई भी ब्याज नहीं दिया जाएगा।
टक्कर मारने वाले पर एक हजार का जुर्माना
मैनपुरी। थाना कुरावली क्षेत्र में 13 साल पहले टक्कर मारकर बाइक चालक को घाल करने वाले रामवीर निवासी नगला सूपा थाना कुरावली पर न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम जसीम खान ने 1000 रुपये का जुर्माना लगाया है। उसको अदालत उठने तक की सजा भी सुनाई है।
रामवीर ने 25 मई 2011 को अपने वाहन से टक्कर मारकर एक बाइक चालक को घायल कर दिया था। घायल की पत्नी द्वारा लिखाई गई रिपोर्ट के बाद पुलिस ने चार्जशीट न्यायालय में भेज दी। रामवीर ने न्यायालय में हाजिर होकर जमानत करा ली। उसने न्यायालय में अपना अपराध स्वीकार करके मुकदमा नहीं लड़ने की बात लिखकर दी। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम जसीम खान ने रामवीर पर 1000 रुपये का जुर्माना लगाया है। उसको अदालत उठने तक की सजा भी सुनाई गई है।