यूपी – उमर को उम्रकैद: इस्लाम के जरिए अर्श तक पहुंचाने का देता था झांसा, देश और विदेश तक फैला था नेटवर्क, पढ़ें कहानी – INA

फतेहपुर जिले में धर्मांतरण का रैकेट चलाने वाले मास्टर माइंड मो. उमर गौतम ने जनपद के एक दर्जन से अधिक इलाकों में अपना जाल बिछा रखा था। उन्हें अंदौली के एक हिंदू परिवार को इस्लाम धर्म परिवर्तन के बाद फर्श से अर्श तक पहुंचाने का झांसा देता था। जनपद में उसके घर को देखकर लोग आकर्षित होते थे और मौलाना के जाल में फंस जाते थे।

मौलाना ने पिछले दस सालों में 50 से अधिक परिवार का धर्मांतरण कराया। वे लालच में फंसे, लेकिन वे सहूलियतें उन्हें नहीं मिलीं। घर भी छूट गया। श्याम प्रताप सिंह से उमर गौतम बनने के बाद परिवार संग दिल्ली के जामिया नगर बटला हाउस नूह मस्जिद को अपना ठिकाना बनाया। उसने अपनी धार्मिक संस्था इस्लामिक दावा सेंटर (आईडीसी) के जरिए जिले के लोगों को जोड़ने व फंडिंग का काम शुरू किया।


यहां सबसे अधिक उमर के अनुयायी अंदौली में हैं। उसने इसी क्षेत्र से धर्म परिवर्तन का काम भी शुरू किया। सबसे पहले यहां के एक गरीबी हिंदू परिवार को रुपये का लालच देकर इस्लाम कुबूल कराया। उसके टूटे फूटे घर को आलीशान कोठी में बदल दिया। इसकी चर्चा आग तरह फैली थी। मौलाना भी अपनी सभाओं में बेझिझक उसको फर्श से अर्श तक पहुंचाने का जिक्र करता था।


अंदौली के निवासी के संपर्क में था
गांव समेत अन्य इलाकों के लोग उसके घर को देखने तक पहुंचते थे। उसे देखकर लालच में फंसे। इससे अंदौली में कई परिवारों का धर्मपरिवर्तन हुआ। इसके साथ ही पंथुवा के खेल्लन ने भी 15 साल पहले इस्लाम धर्म में परिवर्तन कर लिया। वह भी अंदौली के निवासी के संपर्क में था। उसे भी रातों रात अमीर बनाने का सपना दिखाया गया था।


मुस्लिम बनने पर अमीर बनने का सपना दिखाता था
इस समय वह कानपुर में रहता है। इसी तरह इसी गांव का विजय मौर्या का भी धर्मपरिवरत्न कराया। वहीं मौलाना का सनगांव, टीसी, हसवा, थरियांव, उसरैना समेत कई इलाकों में बड़ा प्रभाव था। वह एक स्थान पर एकत्र करके लोगों को मुस्लिम बनने पर अमीर बनने का सपना दिखाता था। कई जगह फंडिंग भी करके अपना रौब गांठता था।


1984 में किया था धर्म परिवर्तन
वह 1984 में धर्मपरिवर्तन कर क्षत्रिय से मुस्लिम बना था। खुद के धर्म परिवर्तन को नसीहत का रूप देकर लोगों को बरगलाता था। राधानगर क्षेत्र का अंदौली गांव उमर गौतम के कार्यक्षेत्र का हब बना था। वह अंदौली गांव में एक स्थान पर साल में एक से दो बार आता-जाता रहा है। यहां उसका मसीहा की तरह अनुयायी स्वागत करते थे। अनुयायी मौलाना के आने की बात पहले से फैला देते थे।


स्कूल में तकरीर पढ़ाता था
लोगों को उनकी तकरीर सुनने का झांसा देकर बुलाते थे। यहां इस्लाम कबूलने पर जन्नत और सारे शौक पूरे होने का विश्वास दिलाकर लोगों के जेहन में मुस्लिम धर्म की रुचि पैदा करता था। गरीबों को खासतौर पर बरगलाया जाता था। इस वजह से इलाके में सैकड़ों की तादाद में अनुयायी बने। उमर का नुरुल हुदा स्कूल की प्रबंध समिति पर पूरा प्रभाव रहा है। वह स्कूल में तकरीर पढ़ाता था। यहीं की शिक्षिका कल्पना सिंह ने उमर और प्रबंध समिति पर धर्म परिवर्तन के लिए उकसाने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।


देश और विदेश तक फैला था नेटवर्क
तीन दशक में मौलाना उमर गौतम ने अपना नेटवर्क देश और विदेश तक फैला लिया था। इसके पीछा उसका शातिर दिमाग था। वह दीनी बातों से खास तौर से युवाओं को इस्लाम धर्म के प्रति प्रभावित करता था। एटीएस ने उसके नेटवर्क की पाकिस्तान, कतर और कुवैत तक होने की जांच की थी।


धर्मांतरण के लिए उकसाने के लिए करता था जनसभाएं
मो. उमर गौतम को इस्लाम धर्म के लिए कुछ भी करने को तैयार हो गया था। यह सब कुछ इस्मालिक स्टडी के पीएचडी करने के बाद हुआ था। उसने सोशल मीडिया पर अपना यू-ट्यूब चैनल भी चालू किया था। इसमें वह सारी सभाओं के वीडियो अपलोड करता था। उसके वीडियो देखकर युवा खास तौर पर प्रभावित होते थे। वह घूम-घूमकर लोगों को धर्मांतरण के लिए उकसाने के लिए जनसभाएं करता था।


कहता था कि भारत में इस्लाम कायम करना है मकसद
जिले के अलावा उसने कानपुर, उन्नाव, हमीरपुर, बांदा, रायबरेली, गोरखपुर, बिजनौर, खतौली से लेकर केरल, आंध्रप्रदेश, हैदराबाद, दिल्ली, नोएडा, मेरठ, मुजफ्फरनगर तक नेटवर्क फैला रखा था। एटीएस की पूछताछ में उसके कई कनेक्शन सामने आए थे। सूत्रों के मुताबिक, वह सभाओं में कहता था कि उसका मकसद भारत में इस्लाम कायम करना है। यूरोप, अफ्रीका, अमेरिका तक सभाएं कर खुद को इस्लाम धर्म का मसीहा मानने लगा था।


तकरीर के वीडियो में बोलता था सबसे पहले दोस्त का धर्मांतरण कराया
खुद श्याम प्रताप सिंह से उमर गौतम बनने के बाद परिवार संग दिल्ली के जामिया नगर बटला हाउस नूह मस्जिद के पास रहने लगा और अपनी धार्मिक संस्था इस्लामिक दावा सेंटर के जरिए जिले के लोगों को जोड़ने व फंडिंग का काम करता था। उमर के सबसे ज्यादा अनुयायी अंदौली में हैं। एसटीएफ के हत्थे चढ़ने से पहले मोहम्मद उमर गौतम की तकरीर के कई वीडियो यूट्यूब पर अपलोड थे। वीडियो में धर्म और दूसरे धर्म के लोगों को इस्लाम कबूल कराने के लिए प्रेरित करता था।


हिंदू दोस्त समेत सात लोगों का धर्मांतरण कराया था
तकरीर के वीडियो ही उसके गले की फांस बन गए। वीडियो में मो. उमर गौतम बोलता था कि उसने सबसे पहले यूनिवर्सिटी में अपने हिंदू दोस्त समेत सात लोगों का धर्मांतरण कराया था। उसका कहना रहा कि साथ पढ़ने वाला दोस्त गोरखपुर जिले का है। दोस्त ने उसे देखकर ही इस्लाम कबूल करने की बात कही थी।


Credit By Amar Ujala

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