यूपी – विश्व अल्जाइमर दिवस: क्या आप भी भूलने लगे हैं नाम-पता, नंबर और चेहरा, नजरअंदाज न करें ये बीमारी – INA

आमतौर पर 65 वर्ष की उम्र के बाद अल्जाइमर बीमारी के लक्षण प्रकट होते हैं। पर बदलती जीवनशैली में कई युवाओं में भी संदिग्ध लक्षण नजर आने लगे हैं। जो सामान, नाम, पता, नंबर और कई मुलाकात के बाद भी चेहरा भूल जाते हैं। जिनकी काउंसलिंग हो रही है।

बरेली के जिला अस्पताल मनकक्ष के मनोचिकित्सक डॉ. आशीष कुमार के मुताबिक 25 से 45 वर्ष आयुवर्ग के कई युवा मनकक्ष में इलाज के लिए पहुंचते हैं। जो बताते हैं कि वे चीजें रखकर भूल जाते हैं। साथ ही, कोई कही गई बात भी उन्हें याद नहीं रहती। इसके अलाव चेहरे भी कई बार याद नहीं रहते। 

ये अल्जाइमर जैसे लक्षण हैं लेकिन यह अलग समस्या है। इसकी कई वजहें होती हैं। बेचैनी और किसी बात को ज्यादा देर तक सोचने या तनाव में रहने से भी युवा चीजें भूल जाते हैं। हाइपो थायराइड में भी याद्दाश्त कमजोर होने लगती है। दवाओं से इलाज मुमकिन है।


बीमारी को नजरअंदाज न करें 
डॉ. आशीष कुमार ने कहा कि शुरू में ही अगर बीमारी का सटीक आकलन हो जाए तो इससे जल्द निजात मिलने की उम्मीद है। देर होने के साथ मर्ज कम होने के बजाय बढ़ता जाता है। इसलिए भूलने की बीमारी युवाओं में अगर बढ़ रही है तो उसे सामान्य समझकर दरकिनार करने की भूल न करें।

पारिवारिक, आर्थिक उलझन से बढ़ती है बीमारी
डॉ. आशीष के मुताबिक बुजुर्ग महिलाओं से ज्यादा बुजुर्ग पुरुषों में इस बीमारी की पुष्टि है। प्राथमिक जांच में पता चलता है कि पुरुषों में मानसिक तनाव महिलाओं से ज्यादा होता है। परिवार के भरण पोषण, आर्थिक समस्या, सुरक्षा आदि कारणों के चलते मानसिक तंत्रिका में असंतुलन की स्थिति आने लगती है। इसकी शुरुआत चिड़चिड़ेपन, बेचैनी से शुरू होती है।


बुजुर्ग जितनी बार पूछे बताएं, उनसे बहस न करें
उन्होंने बताया कि बुजुर्ग अगर चीजों को रखकर भूल जाएं और बार-बार एक ही बात कहें तो परिजन को नाराज नहीं होना चाहिए। बल्कि उन्हें समझाने का प्रयास करें। बुजुर्ग नाराज हों तो उन्हें मनाएं और हमेशा साथ देने का भरोसा दिलाएं। अगर यह समस्या बढ़ती जा रही है तो मनकक्ष में संपर्क करें ताकि समय रहते इसका उचित इलाज शुरू किया जा सके। अन्यथा समस्या बढ़ेगी।


Credit By Amar Ujala

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