देश – Pradosh Vrat 2024 Date: 29 या 30, सितंबर माह का आखिरी प्रदोष व्रत कब? इस शुभ मुहूर्त में करें शिव जी की पूजा #INA

Pradosh Vrat 2024 Date: प्रदोष व्रत भगवान शिव की विशेष कृपा पाने के लिए किया जाता है. यह व्रत हर महीने के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है.  खास बात यह है कि यह व्रत सूर्यास्त के बाद यानी प्रदोष काल में किया जाता है. क्योंकि यह समय शिव जी पूजा के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है.  मान्यता है कि प्रदोष व्रत रखने और भगवान शिव की पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.  इसके साथ ही घर में सुख-समृद्धि, खुशहाली और शांति बनी रहती है.  सितंबर महीने का आखिरी प्रदोष व्रत रवि प्रदोष व्रत के रूप में मनाया जाएगा, जो शिव भक्तों के लिए अत्यंत फलदायी माना जाता है. आइए जानते हैं कब रखा जाएगा सितंबर माह का आखिरी प्रदोष व्रत. साथ ही जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व के बारे में. 

प्रदोष व्रत 2024 डेट और शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 29 सितंबर 2024 को शाम 4 बजकर 47 मिनट पर शुरू होगी और 30 सितंबर 2024 को शाम 7 बजकर 6 मिनट पर समाप्त होगी. ऐसे में उदयातिथि के अनुसार,  29 सितंबर को ही प्रदोष व्रत रखा जाएगा, जिसे ‘रवि प्रदोष व्रत’ कहा जाएगा क्योंकि यह रविवार को पड़ रहा है. इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 6 बजकर 9 मिनट से रात 8 बजकर 34 मिनट तक रहेगा.  इस दौरान भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए ताकि उनके आशीर्वाद से सभी कष्ट दूर हों. 

प्रदोष व्रत का महत्व

प्रदोष व्रत का धार्मिक बहुत महत्व है.  मान्यता है कि जो व्यक्ति इस दिन भगवान शिव की पूजा करता है और प्रदोष का व्रत रखता है, उसकी हर समस्या का समाधान होता है.  उसे सभी प्रकार की सुख-सुविधाओं की प्राप्ति होती है. इस दिन, त्रयोदशी की रात के पहले प्रहर में भगवान शिव की प्रतिमा के दर्शन करने से व्यक्ति अपने सभी पापों से मुक्त होता है.  प्रदोष व्रत में भगवान शिव के साथ माता पार्वती की पूजा भी की जाती है. इससे व्यक्ति को कर्ज और दरिद्रता से छुटकारा मिलता है. इस व्रत को करने से न सिर्फ सभी सुखों की प्राप्ति होती हैं बल्कि शांति भी मिलती है. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)


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