यूपी- UP: भ्रष्टाचार का खेल! मंडी सहायक ले रहा था 30 हजार की रिश्वत, रंगे हाथों पकड़ा गया – INA

उत्तर प्रदेश के हरदोई मंडी में रिश्वत लेने की परंपरा पुरानी है यहां पर पांच रुपए से लेकर 50 हजार का खुला खेल होता है. ऐसे में लखनऊ से आई एंटी करप्शन टीम ने मंडी सहायक को रंगे हाथों रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी मंडी सहायक व्यापारी से यूनिफाइड लाइसेंस बनवाने के एवज में ₹30,000 की रिश्वत ले रहा था. व्यापारी ने पहले से ही इसकी शिकायत एंटी करप्शन टीम से कर दी थी. टीम ने जल बेचकर भ्रष्ट कर्मचारियों को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. आरोपी रिश्वतखोर मंडी सहायक पर एंटी करप्शन टीम ने मुकदमा पंजीकृत कराया है.

हरदोई की विशिष्ट श्रेणी की गल्ला मंडी में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है. कृषि उपज मंडी समिति में मंडी सहायक के पद पर तैनात अरुणेंद्र कुमार वर्मा को एंटी करप्शन टीम ने ₹30,000 की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है. एंटी करप्शन टीम के द्वारा यह कार्यवाही मां वैष्णो फर्म के मालिक अमित गुप्ता की शिकायत के बाद में की गई है. अमित गुप्ता ने बताया कि उनके लाइसेंस में क्लर्कल मिस्टेक थी जिसे सही कराने यूनिफाइड लाइसेंस बनवाने को लेकर मंडी सहायक अरुणेंद्र कुमार वर्मा के द्वारा ₹50000 की मांग की गई थी. यह डील ₹30000 में फाइनल हो गई थी उन्होंने मंडी में पहले भ्रष्टाचार की शिकायत एंटी करप्शन टीम लखनऊ से की थी जिस पर आज कार्यवाही की गई है.

मंडी सहायक गिरफ्तार

लखनऊ से आई एंटी करप्शन टीम के इंस्पेक्टर नुरुल हुदा खान ने बताया शिकायत मिलने के बाद टीम ने जाल बिछाकर मंडी सहायक अरविंद वर्मा को उसके कार्यालय से रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया है. व्यापारी के द्वारा दिए गए रुपए लेकर मंडी सहायक अरुणेंद्र कुमार वर्मा गिनने लगा था. तभी टीम ने उसे रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. आरोपी मंडी सहायक को हरदोई के देहात कोतवाली ले जाकर मुकदमे की कार्यवाही की गई है.

आए दिन आते हैं मामले सामने

हरदोई गल्ला एवं सब्जी मंडी में रिश्वत का खेल पुराना है. यहां आने वाली आवक और जावक पर कई तरीके के अवैध शुल्क मंडी प्रशासन की तरफ से लगाए गए हैं. जिसकी शिकायत कई बार व्यापारियों के द्वारा की गई है. मंडी कर्मचारी इसे सुविधा शुल्क कहते हैं. गेट पास से लेकर एंट्री और निकास पर भी पैसा लिया जाता है. किसानों और व्यापारियों के लिए बनाए गए कई नियम यहां बेमानी है.


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