यूपी – डिप्टी सीएम केशव बोले : अखिलेश यादव का दावा फिर होगा फेल, उप चुनाव और 2027 के चुनाव में होगी भाजपा की विजय – INA

उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि सपा मुखिया अखिलेश यादव का दावा फिर होगा। भाजपा यूपी में होने वाले उप चुनाव के साथ ही 2027 में विधानसभा चुनाव में सर्वाधिक सीट जीतने जा रही है। अखिलेश ने 2014, 2017, 2022 और 2024 में जीत का दावा कर चुके हैं लेकिन हर बार उनका दावा गलत साबित हुआ है। पीएम मोदी को रोकने के लिए उन्होंने 2024 में कांग्रेस से हाथ मिला, लिया, फिर भी मोदी को प्रधानमंत्री बनने से नहीं रोक सके। प्रयागराज पहुंचे डिप्टी सीएम बुधवार को मीडियाकर्मियों से बातचीत कर रहे थे। 

उन्होंने कहा कि यूपी में कानून व्यवस्था के साथ कोई खिलवाड़ नहीं कर सकता। प्रदेश की कानून व्यवस्था दुरुस्त है। लोकसभा चुनाव के बाद पार्टी ने समीक्षा की है। उप चुनाव में जीत हासिल कैसे किया जाए इस पर मंथन चल रहा है। उप चुनाव में अधिकांश सीटें भाजपा जीतने जा रही है। पार्टी हर चुनाव को गंभीरता से लेती है और पूरी ताकत के साथ चुनाव लड़ती है। चुनाव में किसको टिकट मिलेगा यह पार्टी हाईकमान तय करेगा।

अयोध्या में सपा नेता का डीएनए मैच न होने के प्रश्न पर कहा कि डीएनए मैच न होने पर सपाइयों को खुश होने की जरूरत नही है, जिसका डीएनए मैच हुआ है वह भी उन्हीं की पार्टी का कार्यकर्ता या ड्राइवर है। अबोध बालिका के साथ इस तरह कि घिनौना कृत्य करने वालों को शर्मिंदा होना चाहिए न कि खुश होना चाहिए। अदालत ऐसे लोगों को सजा जरूर देगी। 


साधु-संतों की आपत्ति पर विचार करेगी सरकार

नवरात्र में मांस मदिरा की दुकानों पर बैन लगाने के सवाल पर कहा कि साधु-सतों का जो भी निर्देश होगा सरकार उस पर अमल करेगी। शाही और पेशवाई शब्द हटाने के शब्द पर कहा कि संतों का मेले को लेकर माघ मेले और महाकुंभ को लेकर जो आदेश होगा उसका पालन किया जाएगा। आने वाला महाकुंभ भव्य, दिव्य और स्वच्छ होगा। 2019 में 24 करोड़ लोग आए थे, इस बार उम्मीद है इस बार संख्या दो गुनी भी हो सकती है। महाकुंभ को लेकर पूरे देश में काफी उत्साह है। बरसात और बाढ़ खत्म है। अब कार्यों में तेजी आएगी। शाही और पेशवाई शब्दों पर संतों की आपत्ति पर कहा कि यह संतों के द्वारा ही बनाया गया शब्द है। कुंभ मेला, माघ मेला और अन्य मेलों को लेकर संतों के जो निर्देश और सुझाव होगा सरकार उस पर विचार करेगी। 


Credit By Amar Ujala

Back to top button