यूपी – Navratri 2024: माता के दरबार से नहीं लौटता कोई खाली हाथ, इस देवी मंदिर को लेकर है यह मान्यता – INA

बदायूं के वजीरगंज कस्बे से एक किलोमीटर दूर आंवला मार्ग पर स्थित प्राचीन मां वरदानी श्री राज राजेश्वरी मंगला माता का शैल शिखर है। पौराणिक कथाओं में इनकी अनेक गाथाएं शामिल हैं। लोगों की ऐसी मान्यता है कि यहां दर्शन लाभ से ही विभिन्न कष्टों और संकटों से छुटकारा मिल जाता है। माता मंगला देवी के दरबार से कोई भी भक्त निराश होकर नहीं लौटता। सबकी मनोकामना माता के आशीर्वाद से पूर्ण होती हैं।

मां की आराधना के लिए वैसे तो 12 महीनों भक्तजनों का तांता लगा रहता है, लेकिन सर्वश्रेष्ठ समय नवरात्र का माना गया है। नवरात्र में प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु देवी मां की पूजा कर उनके चरणों मे नतमस्तक होते हैं। देवी मां से मांगी गई मनौती पूर्ण हो जाने पर श्रद्धालु चैत्र मास की त्रयोदशी और पूर्णिमा वाले दिन देवी मां की जात का आयोजन करते हैं। इस अवसर पर विशाल मेले का आयोजन भी किया जाता है। 

पुजारी राहुल ने बताया कि यह देवी मंदिर कितना प्राचीन है, इसके बारे में सटीक जानकारी नहीं है। बुजुर्गों के अनुसार 18 वीं शताब्दी में यहीं पर देवी के मठ का निर्माण हुआ तभी से इसकी मान्यता लगातार बढ़ती गई। इतिहास में यहां पर मठिया का वर्णन है। नवरात्र में यहां हजारों श्रद्धालु आते हैं। देवी मां की पूजा कर मनौती मांगते हैं। 


Credit By Amar Ujala

Back to top button