आगरा में दबंगों का तांडव: पुलिस की नाकामी का नंगा नाच
आगरा के थाना सदर क्षेत्र में दबंगों के हौसले इस कदर बुलंद हैं कि उन्होंने एक निर्दोष कबाड़ी की जान ले ली। इस घटना ने एक बार फिर पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
आपको बता दें 26 सितंबर को सरस्वती विहार निवासी मनीष, पंकज और दीपक नामक तीन भाइयों ने थाना सदर के सेवला अमर विहार के रहने वाले कबाड़ी सलमान पर जानलेवा हमला कर दिया था। कबाड़ की फेरी लगाकर लौट रहे सलमान को इन दबंगों ने घेरकर बेरहमी से पीटा था। इतनी बुरी तरह पीटा गया कि सलमान की हालत गंभीर हो गई और उसे जयपुर ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
पीड़ित परिवार ने तीनों आरोपियों समेत तीन अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। परिवार का आरोप है कि आरोपी पुलिस की मुखबिरी करते थे और पुलिस उनकी हर हरकत पर आंखें मूंद लेती थी। इतना ही नहीं, पहले भी इन आरोपियों ने सलमान और उसके भाइयों पर हमला किया था और पुलिस ने उल्टा पीड़ित पक्ष पर ही 151 की कार्रवाई कर दी थी।
सलमान पर हुए जानलेवा हमले का मुकदमा दर्ज होने के बाद भी पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। पुलिस की इस लापरवाही के चलते ही सलमान को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा।
मृतक सलमान के परिवार ने न्याय की गुहार लगाई है और आरोपियों को कड़ी सजा दिलाने की मांग की है। इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि आगरा में दबंगों का बोलबाला है और पुलिस की शह पर ही इस तरह की वारदातें अंजाम दी जा रही है।
यह घटना आगरा में कानून व्यवस्था की बदहाली का एक बड़ा उदाहरण है। पुलिस की इस लापरवाही से शहर में दबंगों का मनोबल बढ़ता जा रहा है।
पुलिस को इस मामले में दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए और आरोपियों को जल्द से जल्द सजा दिलानी चाहिए। साथ ही, पुलिस को अपनी कार्यप्रणाली में सुधार लाने के लिए कदम उठाने होंगे, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न दोहराई जा सकें।
यह घटना एक बार फिर यह भी दर्शाती है कि हमारे समाज में अभी भी कमजोर तबके के लोगों के साथ अन्याय होता है। कबाड़ी जैसे लोग समाज के हाशिए पर रहते हैं और उनके साथ होने वाली घटनाओं पर किसी का ध्यान नहीं जाता। सरकार को ऐसे लोगों के लिए सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करनी होगी।
आगरा में हुई इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि पुलिस को अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी और आम लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी। अगर पुलिस अपनी जिम्मेदारी निभाने में नाकाम रही तो ऐसे ही मामले बढ़ते जाएंगे और कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो जाएगी।