यूपी- अमेठी कांड: क्या धोखे से दर्ज की गई FIR? मृतक दलित टीचर के पिता के पुलिस पर आरोप से नया मोड़ – INA
उत्तर प्रदेश के अमेठी में दलित टीचर परिवार की हत्या मामले में पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है. पुलिस के मुताबिक, टीचर सुनील भारती के पिता ने आरोपी चंदन वर्मा के खिलाफ केस दर्ज कराया है. लेकिन पिता राम गोपाल का कहना है कि उन्होंने पुलिस में अबतक कोई शिकायत नहीं की है, पुलिस ने कैसे ये मुकदमा दर्ज किया, ये उन्हें पता नहीं है. पिता के इस आरोप से अब पुलिस प्रशासन सवालों के घेरे में है.
मृतक सरकारी टीचर सुनील के पिता राम गोपाल ने आरोप लगाया कि इस मामले में पुलिस ने अंधेरे में रखकर उनके नाम से तहरीर लिख ली. इसकी उन्हें कोई जानकारी नहीं है. वह अनपढ़ हैं. राम गोपाल ने बताया कि उनकी किसी से कोई रंजिश नहीं थी. बहू-बेटे की हत्या के बाद अब कोई सहारा नहीं है. अगर छोटे बेटे को सरकार नौकरी दे देती तो उसी के सहारे जिंदा रहते.
प्राथमिकी में क्या है?
पुलिस के मुताबिक, मृतक सुनील के पिता राम गोपाल ने आरोपी चंदन वर्मा के खिलाफ केस दर्ज कराया है. इस प्राथमिकी में राम गोपाल के हवाले से लिखा है कि उसका बेटा सुनील अमेठी के सरकारी स्कूल में पढ़ाता था. वह परिवार के साथ वहां किराए के मकान में रहता था. कुछ दिन पहले रायबरेली में सुनील और चंदन वर्मा नाम के युवक के बीच विवाद हुआ था. इस दौरान बहू पूनम भी वहीं थी. उसी रंजिश को लेकर चंदन वर्मा ने मेरे बेटे और उसके परिवार को मार डाला. इसी विवाद में गुरुवार की शाम सवा सात बजे चंदन वर्मा ने मेरे बेटे सुनील, बहू पूनम और दो बच्चों की गोली मारकर हत्या कर दी.
कौन हैं चंदन वर्मा?
एसपी अनूप सिंह के मुताबिक, 18 अगस्त को सुनील की पत्नी पूनम बच्चे के इलाज के लिए रायबरेली गई थी. इसी दौरान आरोपी चंदन वर्मा के खिलाफ स्थानीय थाने में छेड़खानी, गाली-गलौज और धमकी देने का केस दर्ज कराया था. पुलिस को शक है कि अमेठी में चार हत्याओं से कहीं न कहीं चंदन वर्मा भी लिंक है.
घर में घुसकर मारी गई गोली
गुरुवार को अमेठी में घर में घुसकर सरकारी टीचर सुनील भारती, पत्नी पूनम और उनके दो बच्चों की गोली मारकर हत्या कर दी गई. पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा था, जिसकी रिपोर्ट अब सामने आ गई है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक, तीन गोलियां सुनील को मारी गई थीं. इसके अलावा दो गोलियां पूनम को और एक-एक गोली बच्चों को मारी गई थी.
सुनील के पिता के बयान ने पुलिस प्रशासन को सवालों के घेरे में ला दिया है. सवाल ये कि क्या पुलिस ने मृतक के पिता को धोखे में रखकर ये प्राथमिकी दर्ज की है. हालांकि, आशंका जताई जा रही है कि पिता राम गोपाल डर या दबाव की वजह से ऐसा कह रहे हैं.
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