खबर शहर , Hathras: एमजी पॉलिटेक्निक के 80 फीसदी विद्यार्थी फेल, प्रदर्शन-हंगामा, मैकेनिकल आरएसी में 21 में से एक पास – INA

हाथरस के एमजी पॉलिटेक्निक कॉलेज की परीक्षा में फेल हुए छात्रों ने 7 अक्टूबर को पॉलिटेक्निक पर हंगामा और प्रदर्शन किया। छात्रों का आरोप है कि 80 फीसदी छात्रों को फेल कर दिया गया है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पदाधिकारी भी छात्रों के समर्थन में पहुंच गए और प्रदर्शन में शामिल हुए। हंगामे की सूचना पर पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। पुलिस और शिक्षकों ने किसी तरह से समझा बुझाकर छात्रों को शांत किया। 

गत 3 अक्तूबर को परीक्षा का परिणाम घोषित किया गया। सबसे ज्यादा खराब परिणाम प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों का आया है। छात्रों में इस बात को लेकर भी गुस्सा है कि कॉपियों की जांच कराने के लिए विषय वार 500  रुपये शुल्क लिया जा रहा है। इनका कहना है कि इससे उनकी एक साल की मेहनत खराब हो जाएगी। उनकी मांग थी कि कॉपियों का पुन: परीक्षण निशुल्क होना चाहिए और परिणाम दोबारा जारी किया जाए। 

प्रदर्शन के दौरान छात्र पॉलिटेक्निक कॉलेज बाहर निकलकर प्रदर्शन करते हुए अलीगढ़-आगरा हाईवे पर पहुंच गए और जाम लगाने की कोशिश की। पुलिस ने इन्हें समझा-बुझाकर वापस कॉलेज परिसर में भेज दिया। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पदाधिकारी भी पॉलिटेक्निक छात्रों के समर्थन में पहुंच गए। परिसर के भीतर छात्र छात्राओं ने करीब दो घंटे तक प्रदर्शन किया। पॉलिटेक्निक प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। कालेज के प्राचार्य व शिक्षकों के साथ पुलिस ने मामले को शांत कराया। 

आठ ट्रेड में हैं करीब 1600 विद्यार्थी 


एमजी पॉलिटेक्निक में सिविल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, एग्रीक्लचर, इलेक्ट्रॉनिक इंजनियरिंग, मैकेनिकल ऑटो, मैकेनिकल प्रोडक्शन, मैकेनिकल रेफ्रिरेजेशन व एयर कंडीशन के अलावा कंप्यूटर साइंस ट्रेड में करीब 1600 छात्र-छात्राएं शिक्षा ग्रहण करते हैं। कॉलेज में करीब 155 छात्राएं भी तीन ट्रेड में अध्यनरत हैं। 
छात्रों का हंगामा
इन ट्रेडों में सबसे खराब रहा परिणाम
इलेक्ट्रिक प्रथम वर्ष में कुल 150 में से सिर्फ 17 ही हुए पास। 
मैकेनिकल (ऑटोमोबाइल) प्रथम वर्ष में कुल 110 में पांच हुए पास। 
मैकेनिकल आरएसी प्रथम वर्ष में कुल 21 में से एक ही छात्र हुआ पास। 

जांच के लिए लखनऊ भेजी जाती हैं उत्तर पुस्तिकाएं
पॉलिटेक्निक प्रशासन की मानें तो कुल तीन वर्ष के डिप्लोमा कोर्स में छह सेमेस्टर की परीक्षा होती हैं। सभी परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाएं यहां से सील कर लखनऊ भेज दीं जातीं हैं, जहां से इनको अलग-अलग केंद्रों में भेज कर चेक कराया जाता है और अंक दिए जाते हैं। 


बहुत अधिक संख्या में विद्यार्थियों को फेल कर दिया गया है। यह तंत्र की गलती से हुआ है। हमारी मांग है कि पुन: जांच के लिए फीस माफ की जानी चाहिए। परीक्षा परिणाम दोबारा जारी किया जाना चाहिए।-तुषार वार्ष्णेय, छात्र इलेक्ट्रॉनिक्स, प्रथम वर्ष। 
उत्तर पुस्तिकाएं ठीक से चेक की जानी चाहिए। द्वितीय व तृतीय वर्ष के विद्यार्थियों के परिणाम में बैक पेपर का ऑप्शन नहीं लगाया जाना चाहिए। इससे उनकी एक साल की मेहनत खराब हो रही है। उन्हें निशुल्क पुन: प्रवेश दिया जाना चाहिए। -अमर कुमार, छात्र इलेक्ट्रिकल द्वितीय वर्ष। 
कांपियां लखनऊ जाती हैं, जहां इनकी जांच होती है। सभी छात्र पास होना चाहते हैं, इस तरह पास किए जाने का कोई प्रावधान नहीं है। कुल परीक्षा परिणाम 52 फीसद से ऊपर रहा है। प्रथम वर्ष का परिणाम अधिक खराब है। छात्रों की मांग है कि री चेकिंग निशुल्क की जाए।-ईश्वर दयाल, चीफ प्रोक्टर, एमजी पॉलिटेक्निक, हाथरस।
44 फीसदी विद्यार्थी फेल हुए हैं। परीक्षा यहां हुई थी और कॉपियां बाहर चेक हुईं थी। फिर से कॉपियों की स्क्रूटनी कराने का प्रयास किया जाएगा। -नीरज शर्मा, एसडीएम।


Credit By Amar Ujala

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