यूपी- वाराणसी: श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में स्पर्श दर्शन पर रोक, इस कारण लेना पड़ा निर्णय – INA
वाराणसी के प्रसिद्ध श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में अगले आदेश तक स्पर्श दर्शन पर रोक लगा दी गई है. बाबा विश्वनाथ के अरघा में दो श्रद्धालुओं के गिरने की वजह से प्रशासन ने यह निर्णय लिया है. घटना का वीडियो भी वायरल हो रहा है, जिसमें मंदिर का सेवादार श्रद्धालुओं के साथ धक्का-मुक्की करता नजर आ रहा है. जिसे देख लोग मंदिर प्रशासन पर सवाल उठा रहे हैं. भीड़ नियंत्रण में असफल अधिकारी और कर्मचारी की भूमिका की जांच कर उनके खिलाफ कार्रवाई की तैयारी की जा रही है.
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में स्थिति तब असहज हो गई जब बाबा के गर्भ गृह के अरघे में दो श्रद्धालु स्पर्श दर्शन करने की कोशिश में गिर गए. उसके बाद से मंदिर प्रशासन के लिए स्थिति असहज हो गई. इस बीच मंदिर प्रशासन ने महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए अगले आदेश तक स्पर्श दर्शन पर रोक लगा दी है. मंदिर प्रशासन की तरफ से जारी प्रेस रिलीज में कहा गया है कि अग्रिम आदेश तक बाबा के दर्शन अरघा लगा कर अथवा झांकी द्वारा ही होंगे.
असंतुलित होकर अरघे में गिरे श्रद्धालु
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भ गृह के अरघे में दो श्रद्धालुओं के गिरने की घटना सोमवार की है. मंदिर के लाइव स्ट्रिमिंग कैमरे में कैद वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. वीडियो में दिख रहा है कि काफी देर से दर्शन पूजन की कतार होने के कारण श्रद्धालुओं की भीड़ का दबाव ज्यादा था. वीडियो में श्रद्धालुओं की भीड़ बाबा विश्वनाथ के विग्रह का स्पर्श करने के लिए बढ़ती है. इसी दौरान एक महिला असंतुलित होकर अरघे में गिर जाती है और उसके ऊपर एक पुरुष श्रद्धालु भी गिर जाता है. किसी तरह दोनों श्रद्धालुओं को पकड़कर बाहर निकाला जाता है. इसके बाद मंदिर में खड़ा सेवादार धक्का दे-देकर श्रद्धालुओं को अरघे से दूर करने का प्रयास करता है. काफी देर तक गर्भगृह में धक्का-मुक्की की स्थिति बनी रही.
दोषी कर्मचारियों और अधिकारियों पर होगी कार्रवाई
मंदिर प्रशासन ने प्रेस रिलीज जारी करते हुए कहा है कि 7 अक्तूबर को श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में सायं कालीन आरती सप्तऋषि व श्रृंगार आरती के मध्य गर्भगृह के सफाई के वक्त गर्भगृह का कपाट खोला गया. अचानक श्रद्धालुओं-दर्शनार्थियों के एक साथ अत्यधिक संख्या में प्रवेश करने से गर्भगृह में भीड़ अधिक हो जाने के कारण दो श्रद्धालु असंतुलित होकर गिर गए, जिसका पूरा दृश्य श्री काशी विश्वनाथ धाम के लाइव प्रसारण में भी कैद हुआ है, जो अत्यंत खेद का विषय है. मंदिर प्रशासन ने इस प्रकरण में संबंधित दोषी कर्मचारियों और अधिकारियों को चिह्नित कर उन के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है.
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