देश – IGI एयरपोर्ट से गिरफ्तार एक लाख के इनामी की ट्रांजिट रिमांड मिली, मोबाइल टावर से उपकरण चोरी करने वाले गैंग का सरगना है जावेद – #NA
Ghaziabad News :
जावेद की तलाश में छह माह से जुटी क्राइम ब्रांच की टीम उसे दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट से ट्रांजिट रिमांड पर गाजियाबाद ले आई। मोबाइल उपकरण चोरी करने वाले गैंग के उपकरण विदेशों में सप्लाई करने वाले जावेद को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 8 अक्टूबर को इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया था। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट से क्राइम ब्रांच की टीम उसे ट्रांजिट रिमांड पर लेकर आई है। जावेद की गिरफ्तारी पर गाजियाबाद पुलिस की ओर से एक लाख रुपये का इनाम घोषित था। गाजियाबाद कमिश्नरेट पुलिस ने उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी कराया था। डीसीपी राजेश कुमार ने बताया कि क्राइम ब्रांच ने जावेद से पूछताछ के बाद 35 लाख रुपये के चोरी के उपकरण बरामद किए हैं।
छह महीने से पीछे लगी थी क्राइम ब्रांच
क्राइम ब्रांच लंबे समय से इस गैंग के पीछे लगी है। 3 मई, 2024 में नंदग्राम थाना पुलिस क्राइम ब्रांच इस गैंग का पर्दाफाश किया था। गैंग के छह शातिर गिरफ्तार कर जियो, एयरटेल, और अन्य कंपनियों के मोबाइल टावर से चोरी किए गए उपकरण बरामद किए थे। पूछताछ में उन्होंने सात और लोगों के नाम बताए थे। इनमें छह को गिरफ्तार कर लिया गया था जबकि गैंग का मास्टरमाइंड जावेद फरार था। डीसीपी के मुताबिक जावेद ही इस गैंग से मोबाइल टावर से चोरी किए गए उपकरण खरीदकर दुबई और हांगकांग में मोटे पैसे में बेचता था। पुलिस मई के बाद से ही जावेद को तलाश कर रही थी। बताया जा रहा है कि जावेद ने दुबई में 80 करोड़ का बंगला खरीदा है। उसके पास मौजूद लग्जरी कारों की भी लंबी फेहरिस्त है।
जावेद ऐसे बनाता था 60 हजार के 16 लाख
जावेद भारत के आधा दर्जन से अधिक राज्यों में गैंग चलाकर मोबाइल टावर से चोरी किए गए रेडियो रिसीवर यूनिट (RRU) को 60 हजार रुपये में खरीदता था और फिर चीन, दुबई व हांगकांग में 16 लाख में बेचता था। छह माह से वह दुबई में बैठा था। डीसीपी सिटी राजेश कुमार सिंह ने बताया कि जावेद मोबाइल टावरों से उपकरण चोरी करने वाले गैंग का मास्टर माइंड है। मई में पुलिस ने गैंग के 12 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।
फिर दुबई भागने की फिराक में था जावेद
जावेद कुछ दिन पहले ही इंडिया आया था और फिर दुबई जाने के लिए एयरपोर्ट पहुंचा था। जैसे ही वह इमीग्रेशन डेस्क पर पहुंचा लुक आउट नोटिस के चलते उसे रोक लिया गया। सूचना पर एयरपोर्ट पहुंची क्राइम ब्रांच की टीम ने उसे गिरफ्तार कर 35 लाख रुपए लाख रुपये के मोबाइल टावर उपकरण बरामद किए हैं। डीसीपी ने बताया जावेद का परिवार कबाड़ी का काम करता था लेकिन वह शातिर दिमाग का इस्तेमाल करते हुए कब करोड़ों से खेलने लगा, पता ही नहीं चला। दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में भी जावेद की आलीशान कोठी बताई जा रही है।
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सौजन्य से ट्रिक सिटी टुडे डॉट कॉम
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