यूपी- Encounter in Uttar Pradesh: मुलायम, मायावती, अखिलेश या CM योगी… किसके राज में ज्यादा एनकाउंटर? – INA
बहराइच हिंसा के चार दिन बाद यूपी पुलिस ने दो आरोपियों का हाफ एनकाउंटर किया. दोनों आरोपी के नाम मोहम्मद सरफराज और मोहम्मद तालीम हैं. इनमें से सरफराज वही है, जिसने रामगोपाल मिश्रा की गोली मारकर हत्या की थी. वहीं जैसे ही एनकाउंटर की खबर सामने आई, विपक्षी समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने योगी सरकार को निशाने पर लिया. अखिलेश यादव ने निशाना साधते हुए कहा कि ये एनकाउंटर नहीं हत्याएं हो रही हैं. वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि योगी सरकार हमेशा से फर्जी एनकाउंटर करती रही है.
अब जब सबकी जुबान से अचानक से ‘एनकाउंटर’ शब्द फूट ही पड़ा तो ये भी जान लें आखिर जब उनकी सरकार थी तो क्या उत्तर प्रदेश में एनकाउंटर नहीं हुए थे? क्या पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी थी, क्या उसको गोली चलाने की परिमिशन नहीं थी? हालांकि जब इसके आंकड़े निकाले गए तो पता चला कि ऐसा बिलकुल नहीं था. सबकी सरकार में पुलिस एनकाउंटर हुए हैं. बस किसी के आंकड़े थोड़े ज्यादा हैं तो किसी के कम हैं.
पुलिस एनकाउंटर दो तरह से करती है. पहला हाफ और दूसरा फुल. हाफ एनकाउंटर में आरोपी पैर या हाथ में गोली लगने से घायल होता है, जबकि फुल एनकाउंटर में उसे अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है. हम यहां बात फुल एनकाउंटर की कर रहे हैं. बीते 20 सालों में सभी सरकारों में फुल और हाफ दोनों तरह के एनकाउंटर हुए हैं. अगर बात फुल एनकाउंटर की करें तो मुलायम सिंह यादव सरकार के कार्यकाल 29 अगस्त 2003 से 13 मई 2007 तक 499 अपराधी एनकाउंटर में मारे गए.
एनकाउंटर के मामले में मुलायम सरकार रही नंबर-1
वहीं मायावती की 13 मई 2007 से 14 मार्च 2012 वाली सरकार में 261 अपराधी मारे गए. अखिलेश की 15 मार्च 2012 से 19 मार्च 2017 वाली सरकार में 40 अपराधी एनकाउंटर में मारे गए. वही योगी सरकार में 19 मार्च 2017 से अब तक 210 अपराधी एनकाउंटर में मारे गए हैं. अगर सबसे ज्यादा एनकाउंटर की बात करें तो मुलायम सिंह की चार साल की सरकार में 499 अपराधियों को पुलिस ने मारा था. योगी सरकार के साढ़े सात साल के मुकाबले उनके चार साल के कार्यकाल में दोगुने से ज्यादा एनकाउंटर किए गए. वहीं दूसरे नंबर पर मायावती की सरकार रही. पांच साल की सरकार में 261 अपराधी पुलिस मुठभेड़ में मारे गए थे. वहीं सबसे कम अखिलेश की सरकार में 40 अपराधी मारे गए थे.
योगी के पहले कार्यकाल में मारे गए 117 अपराधी
वहीं देशभर में अपराधियों को ठिकाने लगाने में उत्तर प्रदेश की एसटीएफ ज्यादा एक्टिव नजर आती है. ये हम नहीं कह रहे बल्कि गृह मंत्रालय के आंकड़े बता रहे हैं. बात अगर योगी सरकार के पिछले पांच साल 2017 से 2022 की करें तो यूपी देश का दूसरा ऐसा राज्य था, जहां सबसे ज्यादा एनकाउंटर हुए थे. इनमें से 117 अपराधियों की एसटीएफ की गोली लगने के बाद मौत हो गई थी. वहीं राजस्थान में आठ, मध्य प्रदेश में 13, बिहार में 22 अपराधी एनकाउंटर में मारे गए थे.
इन कुख्यात अपराधियों की हुआ एनकाउंटर
- श्रीप्रकाश शुक्ला (कल्याण सिंह सरकार)- श्रीप्रकाश शुक्ला का 90 के दशक में उत्तर प्रदेश में आतंक था. बड़े-बड़े नेता और अधिकारी भी उससे खौफ खाते थे. श्रीप्रकाश शुक्ला ने उस समय यूपी के मुख्यमंत्री रहे कल्याण सिंह की हत्या की सुपारी ले ली थी. 22 सितंबर 1998 को यूपी पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) के साथ मुठभेड़ में वह मारा गया था.
- ददुआ (मायावती सरकार)- खूंखार डाकू शिव कुमार उर्फ ददुआ का एनकाउंटर 22 जुलाई 2007 को उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के मानिकपुर थाना क्षेत्र के आल्हा गांव के पास झलमल के जंगल में हुआ था. एनकाउंटर में ददुआ और उसके पांच साथियों को मार गिराया गया था. एनकाउंटर के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने STF को 10 लाख रुपए का इनाम दिया था.
- ठोकिया (मायावती सरकार)- यूपी पुलिस ने अंबिका पटेल उर्फ ठोकिया को 4 अगस्त 2008 को एनकाउंटर में मारा था. ठोकिया उत्तर प्रदेश के चित्रकूट और बांदा के अलावा मध्य प्रदेश के छतरपुर इलाके में सक्रिय था. ठोकिया ने STF के छह जवानों की हत्या की थी. इस घटना के बाद मायावती सरकार ने ठोकिया पर छह लाख का इनाम रख दिया था. STF ने चित्रकूट के कर्वी इलाके में सिलखोरी जंगल में उसे मार गिराया था.
- निर्भय गुर्जर (मुलायम सिंह यादव सरकार)- चंबल के खूंखार डकैत निर्भय सिंह गुर्जर का एनकाउंटर 8 नवंबर 2005 को हुआ था. निर्भय गुर्जर के एनकाउंटर का जिम्मा STF को सौंपा गया था. इस टीम में तत्कालीन इटावा SP दलजीत चौधरी, SSP अखिल कुमार और DSP राजेश द्विवेदी शामिल थे. निर्भय गुर्जर पर 2.5 लाख रुपए का इनाम था और उसके खिलाफ 205 मामले दर्ज थे.
- विकास दुबे एनकाउंटर (योगी सरकार)- कानपुर का बिकरू हत्याकांड किसे नहीं याद होगा. इस हत्याकांड में विकास दुबे नाम के अपराधी ने अपने साथियों के साथ मिलकर एक डीएसपी सहित आठ पुलिसकर्मियों को गोलियों से भून दिया गया था. इसके बाद यूपी STF उसकी तलाश में जुट गई. मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले में महाकाल मंदिर में दर्शन करने के बाद बाहर निकलते समय पुलिस ने उसे पकड़ लिया. यूपी STF उसे कानपुर ला रही थी. कानपुर से महज 17 किलोमीटर दूर भौती नाम की जगह उसका एनकाउंटर कर दिया गया.
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