यूपी – मुनाफ पटेल से खास बातचीत : खेल पर काम करने में लगता है मन, कमेंट्री में नहीं; इस कार्यक्रम में लिया हिस्सा – INA

खेलों के प्रति लोगों के नजरिये में बदलाव हुआ है। अभिभावक अब पढ़ाई के साथ खेलों में भी बच्चों को . बढ़ा रहे हैं। गंजारी स्टेडियम बनने पर पूर्वांचल क्रिकेट का हब बन जाएगा। यह बातें भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज रहे मुनाफ पटेल ने अमर उजाला से बातचीत में कहीं। 

मुनाफ ने कहा कि कामयाब खिलाड़ी शॉर्टकट की जगह खेल पर ध्यान देता है। खेल में भारत की रैंकिंग अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुधरी है। . और भी बेहतर होगा। कहा कि वे भी एकेडमी का संचालन करेंगे। खेल पर काम करने में मन लगता है, कमेंट्री में नहीं। इससे पूर्व आईआईटी बीएचयू के खिलाड़ियों को संबोधित करते हुए पूर्व क्रिकेटर ने कहा कि खेलने से कोई थकता नहीं है। 

इससे खिलाड़ी को ऊर्जा मिलती है। बातचीत में उन्होंने कहा कि किसी और की राह पर चलने की जगह अपनी अलग राह बनाएं और मंजिल तय करें। अपने खेल में विशेषज्ञता हासिल करें। पढ़ाई के बाद खेल खिलाड़ी को रिलैक्स करता है। मुनाफ ने आर अश्विन से जुड़े रोचक पल भी साझे किए।


IIT BHU में तीन दिवसीय खेल महोत्सव स्पर्धा-24 का आगाज

भारतीय प्रौद्योगिक संस्थान (आईआईटी) बीएचयू में तीन दिवसीय खेल महोत्सव ‘स्पर्धा-24’ का आगाज गुरुवार को जिमखाना मैदान पर हुआ। मुख्य अतिथि 39 जीटीसी के ब्रिगेडियर अनिर्बन दत्ता और विशिष्ट अतिथि पूर्व अंतरराष्ट्रीय भारतीय क्रिकेटर मुनाफ पटेल ने मशाल जलाकर और गुब्बारे उड़ाकर किया। इससे पूर्व बीएचयू के संस्थापक महामना की प्रतिमा पर अतिथियों ने माल्यार्पण किया।

ब्रिगेडियर अनिर्बन दत्ता ने कहा कि खेल जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है। संस्थान के निदेशक प्रो. अमित पात्रा ने कहा कि किसी भी खेल को खेलना और उसका आनंद लेना जरूरी है। किसी भी प्रतियोगिता में मेडल पाने से ज्यादा प्रतिभाग करना जरूरी है। उन्होंने खिलाड़ियों को बधाई दी। स्वागत अधिष्ठाता छात्र-कल्याण प्रो. राजेश कुमार ने किया। इस अवसर पर स्पोर्ट्स काउंसलर डॉ. सूर्य देव यादव, एसोसिएट काउंसलर डॉ. अनूप सिंह, सार्थक गुप्ता, आदर्श राज, शुभम साहू मौजूद रहे।

देश के 22 शैक्षणिक संस्थानों से स्पर्द्धा में हिस्सा लेने आए खिलाड़ियों को संबोधित करते हुए पूर्व क्रिकेटर मुनाफ पटेल ने कहा कि जैसे आईपीएल क्रिकेट के लिए त्योहार बनता जा रहा है वैसे ही स्पर्धा खिलाड़यों के लिए त्योहार जैसा है।

कहा कि पांच साल . क्या होगा, इसकी चिंता करने के बजाय परफेक्ट बनाना है इसपर ध्यान केंद्रीत करना चाहिए। ब्लू जर्सी पहन देश के लिए खेलना गर्व है, कि मैं देश का प्रतिनिधित्व कर सका। पढ़ाई के साथ खेल में भी सर्वोत्तम योगदान देना इसका जीता-जागता उदाहरण भारतीय क्रिकेटर आर. अश्विन हैं। एक बैट्समैन होकर भी बालिंग करते हुए 500 विकेट लेना बेमिसाल बनाता है। 

कहा कि वे आज भी अपने घर से ट्रेनिंग के लिए 70 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। अगर मैं यही सोचता कि 140 किलोमीटर आना जान बहुत दूर है, नहीं हो पाएगा तो आज मैं देश के लिए नहीं खेल पाता। इसलिए सच्चे मन से खेलना और अपने लक्ष्य पर ध्यान देना जरूरी है।


Credit By Amar Ujala

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