यूपी- SC के आदेश का जिक्र और नोटिस की संख्या..बहराइच बुलडोजर एक्शन पर रोक लगाते वक्त इलाहाबाद HC ने क्या-क्या कहा? – INA

बहराइच में बुलडोजर एक्शन पर इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने 15 दिन के लिए रोक लगा दी. इस मामले में कल यानी रविवार को अर्जेंट बेसिस पर सुनवाई हुई थी. पीडब्ल्यूडी विभाग की तरफ से जिन 23 लोगों के घरों पर नोटिस चस्पा गया था. कोर्ट ने उन्हें अपना जवाब दाखिल करने के लिए 15 दिन का समय दिया. सुनवाई के दौरान इलाहाबाद हाई कोर्ट लखनऊ बेंच ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश और नोटिस की संख्या का जिक्र किया.

बहराइच बुलडोजर एक्शन पर रोक लगाते वक्त जस्टिस अताउ रहमान मसूदी और जस्टिस सुभाष विद्यार्थी की बेंच ने कहा कि पीडब्ल्यूडी विभाग ने जिन अतिक्रमणकारियों के घर नोटिस चिपकाया है, उसमें कुंडासर-महसी-नानपारा-महराजगंज, जिला मार्ग के किलोमीटर 38 पर स्थित उन घरों की संख्या नहीं बताई गई है, जिन्हें निर्माण के लिए विधिवत अधिकृत किया गया है.

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने और क्या कहा?

कोर्ट ने कहा कि सीमित लोगों के घरों पर नोटिस चिपकाया गया है इसलिए इसे सार्वजनिक महत्व के मामले के रूप में नहीं देखा जा सकता है. मुझे पूरी उम्मीद है कि यूपी सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करेगी. दरअसल, देश में बुलडोजर एक्शन का मामला सुप्रीम कोर्ट में है, इसलिए फुल स्टे होगा या नहीं, ये शीर्ष अदालत तय करेगा. फिलहाल बहराइच में बुलडोजर एक्शन पर 15 दिन के लिए अंतरिम रोक रहेगी. वहीं, बहराइच बुलडोजर एक्शन के मामले में अब अगली सुनवाई 23 अक्टूबर को होगी.

23 लोगों के घर चस्पा किया गया था नोटिस

बहराइच में 13 अक्टूबर की हिंसा के बाद 17 अक्टूबर को आरोपी सहित 23 लोगों के घरों पर नोटिस चस्पा किया गया था. पीडब्ल्यूडी विभाग ने लोगों को अतिक्रमण हटाने के लिए तीन दिन का वक्त दिया था. विभाग ने कहा था कि अतिक्रमण न हटाने पर बुलडोजर चलाकर कार्रवाई की जाएगी. कुछ घरों पर बुलडोजर चली भी. इसके बाद लोग अपने-अपने घरों को खाली करने लगे.

बहराइच में 13 अक्टूबर को मुर्ति विसर्जन के दौरान हिंसा हुई थी. इस हिंसा में रामगोपाल मिश्रा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस कांड में शामिल 25 से ज्यादा आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है.


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