खबर शहर , सुझाव : पराली खेत में नहीं जलाएं, खाद बनाएं – INA
कासगंज। कृषि विभाग ने किसानों को सलाह दी है कि वे पराली को खेत में नहीं जलाएं। वे उसकी खाद बनाकर उपयोग में लाएं। पराली जलाने पर जुर्माना की कार्रवाई की जाती है। पराली का प्रबंधन कर किसान खाद बनाकर आगामी फसलों की लागत कम कर सकते हैं। किसानों को पराली से जैविक खाद बनाने की विधि बताई जा रही है।जिला कृषि अधिकारी डॉ. अवधेश मिश्र ने बताया कि किसान खेत में पलेवा करते समय 25 किलोग्राम प्रति एकड़ की दर से यूरिया का छिड़काव कर दें, तो पराली (फसल अवशेष) शीघ्र ही खेत में सड़ जाएगा और मिट्टी में जीवांश कार्बन बढ़ेंगे इससे उर्वरा शक्ति बढ़ेगी। वहीं फसल रोगग्रस्त नहीं होगी। पराली के प्रबंधन के लिए मल्चर, सुपर सीडर, हैप्पी सीडर, स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम सहित अन्य उपकरण 80 फीसदी अनुदान पर मिल रहे हैं।
यह होता है नुकसान:
खेत में फसल अवशेष जलाने पर मिट्टी के पोषक तत्व व जीवाश्म पदार्थ जल जाते हैं। मिट्टी में मौजूद वह जीवाणु भी नष्ट हो जाते हैं जो फसलों के लिए लाभदायक होते हैं। वायु प्रदूषित होती है, जो मानव जीवन के लिए बेहद नुकसानदायक है।
पराली करें दान : जिला कृषि अधिकारी अवधेश मिश्र ने बताया कि पराली अधिक होने पर किसान निराश्रित गोवंश के लिए चारे के लिए पराली को गोशालाओं में दान कर सकते हैं। इसके लिए प्रशासन भी अपील करता है।