खबर शहर , UP: बालिका से दुष्कर्म फिर हत्या, बाथरूम में टांगी शर्ट… मिटा न सका वो सबूत, जिसने फांसी के फंदे तक पहुंचाया – INA

बच्ची के साथ हैवानियत हुई थी। घटना के बाद लोगों का खून खाैल गया था। हर कोई आरोपी को सजा दिलाना चाहता था। इसके लिए पुलिस ने भी प्रभावी पैरवी की। घटनास्थल से अहम साक्ष्य जुटाए गए। जिस कोठरी में बेटी के साथ दुष्कर्म हुआ था, वहां पर प्यूबिक हेयर (बाल) मिले थे। यह अहम साबित हुए। फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट में राजवीर से इनका मिलान हो गया। वहीं बच्ची के हमउम्र साथी ने गवाही दी। इससे राजवीर सजा तक पहुंच गया।

एसीपी डाॅ. सुकन्या शर्मा ने बतायाकि बच्ची के साथ घटना के बाद पुलिस ने घटनास्थल पर कई साक्ष्य जुटाए। इनमें जिस कोठरी में घटना हुई थी, उसकी फॉरेंसिक एक्सपर्ट की टीम ने जांच की। वहां पर खून और प्यूबिक हेयर मिले। इनको एकत्रित किया गया। बालों को जांच के लिए लैब भेजा गया था। इसमें आरोपी के पुष्टि हो गए।

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सीसीटीवी से मिला अहम सुराग
वहीं सीसीटीवी कैमरे में राजवीर कैद हो गया था। पुलिस ने 4 घंटे की सीसीटीवी फुटेज देखी थी। इसमें पता चला कि वह घटना के बाद राजवीर अधिकारी के घर में आया था। उसने गमछे से अपने हाथ साफ किए। पैर भी साफ किए। इसके बाद कहीं चला गया। बाद में आया तो उसकी शर्ट पानी से गीली थी।

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बाथरूम में टांग दी शर्ट
पुलिस के आने पर उसे लगा कि पकड़ा जाएगा। इसलिए बाथरूम में शर्ट को टांग दिया। इसके बाद पेंट को भी धो दिया। वह नहाने भी चला गया। वह पुलिस के आने से पहले ही पीछे के रास्ते से भाग गया। यह हरकत सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी। पुलिस ने कैमरों के फुटेज को अहम मानते हुए अपनी जांच का हिस्सा बनाया। विवेचक निरीक्षक विजय विक्रम सिंह थे। उन्होंने राजवीर को घटना के कुछ देर बाद ही गिरफ्तार कर लिया था। 30 दिन बाद आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल कर दिया था।
 

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ट्यूशन के लिए नहीं आने पर परिजन ने दी थी पुलिस को सूचना
एत्मादपुर थाने में बालिका के पिता ने मुकदमा दर्ज कराया था। कहा था कि दोपहर में एक बजे पड़ोस के 8 वर्षीय बालक के साथ बेटी खेलने निकली थी। दोपहर में 3 बजे ट्यूशन पढ़ने जाने के समय तक वापस घर नहीं आई। आसपास के इलाके में तलाश किया तो मिली नहीं। शाम शाम 5:30 पुत्री मृत अवस्था में दिलीप यादव नामक युवक के प्लॉट में पाई गई। उसके सिर पर चोट के निशान थे। बाएं हाथ की उंगली कटी हुई थी। तब पुलिस ने अज्ञात में मुकदमा दर्ज किया था।

15 लोगों की गवाही और साक्ष्य किए गए पेश
एडीजीसी सुभाष गिरी और विशेष लोक अभियोजक विजय किशन लवानियां ने आरोप साबित करने केे लिए और कठोर सजा दिलाने के लिए पैरवी की। वादी मुकदमा, पीड़िता की दादी, चाचा, मृत बालिका के साथ खेल रहे बालक, विवेचक विजय विक्रम सिंह, एसीपी डा. सुकन्या शर्मा सहित 15 गवाह अदालत में पेश हुए।
 

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दोषी को इन मुकदमों में मिली सजा
– दुष्कर्म और हत्या में मृत्युदंड और 1 लाख रुपये का जुर्माना।
– पॉक्सो एक्ट में भी मृत्युदंड
– साक्ष्य नष्ट करने के आरोप में 7 साल का कारावास के साथ 25 हजार जुर्माना लगाया गया।
 


Credit By Amar Ujala

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