खबर शहर , Aligarh: मिट्टी के दीपक बनाकर अपने बच्चों का जीवन रोशन करने में जुटीं देवरानी-जेठानी, बनी हुई हैं प्रेरणा – INA
घर गृहस्थी चलाने में महिलाएं पूरा सहयोग करने में पीछे नहीं हैं। शहर में नौकरी करने वाली महिलाएं देहात में अपने काम कर पैसे जुटा रही हैं ताकि उनके बच्चे पढ़ सकें। ग्राम नयाबास निवासी ऊषा व डिंपल गृहस्थी के कामकाज के साथ बिजली से चलने वाली चाक पर दीपक और मिट्टी के बर्तन बनातीं हैं। उनका कहना है कि वह अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए इतनी मेहनत कर रहीं हैं।
इस गांव के कुम्हार डंबर सिंह के दो बेटे हैं, नरेश व पवन कुमार। दोनों पिता के साथ काम करते हैं। उनकी पत्नियां क्रमश: डिंपल व ऊषा बिजली से चलने वाली चाक पर मिट्टी के बर्तन बनातीं हैं। ऊषा कहतीं है कि वह अपने पति से चाक चलाना सीख गईं थीं। अब वह घर के काम करने के उपरांत खाली समय में चाक चलातीं हैं। बिजली से चलने वाली चाक ने इस काम को आसान कर दिया है।
ऊषा ने बताया कि दिवाली पर मांग को देखते हुए 1000 से 1500 दीपक रोजाना तैयार करतीं हैं। दीपकों को आग में तपाने का काम उसके पति व जेठ करते हैं। जेठानी घर के सामने इनकी बिक्री करतीं हैं। वह एक दिन में 500 से 600 रुपये की बिक्री कर लेती हैं। इस मेहनत से मिले रुपयों से वह और जेठानी अपने-अपने बच्चों को पढ़ाना चाहतीं हैं, ताकि धन के अभाव में उनके बच्चों की पढ़ाई पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े। पूरे गांव में इन देवरानी जेठानी की जोड़ी की चर्चा है। यह दोनों दूसरी महिलाओं के लिए प्रेरणा बन गई हैं।