खबर शहर , Agra News: अज्ञात शव के मामले में स्वास्थ्य विभाग की जांच पर सवाल – INA

मैनपुरी। अज्ञात शव मामले में सीएमएस ने जांच कराई थी। जांच टीम ने जो रिपोर्ट सौंपी है उसके बाद जिला अस्पताल के कर्मचारियों में आक्रोश है। इंडोर वार्ड में महिला की मौत के समय चार कर्मचारी तैनात थे, लेकिन जांच अधिकारियों ने एक को ही दोषी पाया है। वहीं जांच अधिकारी ने सिस्टर इंचार्ज को भी दोषी माना है जबकि मेट्रन को जांच में कहीं जिम्मेदार नहीं माना गया है।

6 नवंबर को जिला अस्पताल में भर्ती अज्ञात महिला की शाम करीब छह बजे मौत हो जाती है। यहां तैनात स्टाफ की ओर से पुलिस को सूचना भेजी जाती है। वार्ड ब्वॉय जय कुमार सूचना लेकर कोतवाली जाता है। कोतवाली पुलिस सूचना नहीं लेती है और वार्ड ब्वॉय से मोबाइल नंबर मांगती है। इसके बाद अज्ञात महिला के शव की न तो पुलिस खबर लेती है और न ही अस्पताल प्रशासन। 10 नवंबर को महिला के शव को लेकर जानकारी उच्चाधिकारियों को दी जाती है। अस्पताल प्रशासन की ओर से पुलिस को सूचना दी जाती है। जिलाधिकारी सीएमएस को जांच के आदेश देते हैं।

सीएमएस द्वारा डॉ. जेजे राम और डॉ. संजय कुमार गुप्ता को जांच अधिकारी बनाया जाता है। जांच अधिकारी 12 नवंबर को अपनी रिपोर्ट सीएमओ को सौंप देते हैं। जांच अधिकारी की रिपोर्ट की जानकारी जब अस्पताल के स्टाफ और कर्मचारियों को होती है कर्मचारियों में आक्रोश पनप जाता है। जांच अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट में ड्यूटी पर तैनात स्टाफ नर्स रेखा यादव को दोषी बताया जाता है। इसके साथ ही सिस्टर इंचार्ज गीता यादव को भी यह कहते हुए दोषी बताया जाता है कि उन्होंने मामले का संज्ञान नहीं लिया।

जांच रिपोर्ट पर सवाल उठ रहे हैं कि रेखा यादव अकेली ड्यूटी नहीं कर रही थीं। उनके साथ राखी माथुर और निशा शाक्य भी ड्यूटी कर रही थीं ऐसे में अकेली रेखा यादव दोषी कैसे हो गईं।

रेखा ने की सीएमएस से मुलाकात

मामले में सीएमएस ने रेखा यादव को बुलाया और कहा कि तुम्हारे विरुद्ध कार्रवाई की गई है। रेखा यादव ठेका कर्मचारी हैं। रेखा यादव ने सीएमएस को बताया कि जो सूचना पुलिस को भेजी गई थी वह उनके साथियों ने भेजी थी उसमें उनका लेख भी नहीं है। वार्ड बॉय से कहा गया था कि मामले की जानकारी सीएमएस को दें। वार्ड बॉय ने उन्हें बताया कि वह सुबह सीएमएस को जानकारी दे देगा उन्होंने अपने विरुद्ध की गई कार्रवाई निर्दोष बताया है और जांच किसी वरिष्ठ डॉक्टर से कराने की मांग की है।

आखिर मेट्रन जिम्मेदार क्यों नहीं

जांच पर एक और सवाल उठा है। अस्पताल के कर्मचारियों का कहना है कि अस्पताल की व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी मेट्रन रामश्री और गीता यादव की है। स्टाफ द्वारा जानकारी न तो गीता यादव को दी गई और नही मेट्रन को। इसके बाद भी जांच अधिकारियों ने गीता यादव को ही दोषी माना है जबकि मेट्रन रामश्री का जांच में कहीं नाम तक नहीं आया है।

वर्जन

मामले की जांच दो वरिष्ठ चिकित्सकों से कराई गई थी। इसमें प्रथम दृष्टया पुलिस भी दोषी है। इसके साथ ही उनके स्टाफ की भी गलती है। जांच रिपोर्ट के अनुसार विभागीय कार्रवाई की जा रही है। सूचना उच्चाधिकारियों को भेजी गई है। – डॉ. मदनलाल, सीएमएस


Credit By Amar Ujala

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