यूपी- Delhi NCR Air Pollution: अगर नहीं हुए ये 5 काम तो दिल्ली में बिछ जाएगी ‘मौत की चादर’, बैन रहेगा बेअसर – INA
दिल्ली-NCR इस समय प्रदूषण की मार झेल रहा है. चारों तरफ आसमान में धुंध छाई हुई है. घर से बाहर निकलते ही आंखों में जलन होने लग रही है. दिल्ली में इस समय ग्रैप-4 लागू है. नए निर्माण कार्य, तोड़फोड़ और डीजल की गाड़ियां बैन कर गई हैं. इन सबके बावजूद प्रदूषण में कोई कमी नहीं दिखाई दी रही है. सोमवार को दिल्ली का AQI 494 दर्ज किया गया. ये ‘गंभीर’ श्रेणी में है. प्रदूषण के बद से बदतर हालात को देखते हुए आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. प्रदूषण को रोकने की तैयारियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट नाखुश दिखा.
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए पूछा कि GRAP (GRADED RESPONSE ACTION PLAN) पहले लागू क्यों नहीं किया गया? इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि अगर दिल्ली में AQI 300 से भी नीचे जाता है तो भी बिना कोर्ट की इजाजत के ग्रैप-4 से कम की स्टेज होने पर भी इसे हटाया नहीं जाएगा. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-NCR के 12वीं तक के स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया.
सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के बाद दिल्ली सरकार में पर्यवारण मंत्री गोपाल राय ने अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक के बाद उन्होंने प्रेस-कॉन्फ्रेंस कर प्रदूषण को लेकर कई बातों का जिक्र किया और बताया कि अगर इन बातों का ध्यान नहीं दिया गया तो आगे चल कर प्रदूषण की स्थिति को कम नहीं किया जा सकेगा…
- दिल्ली में प्रवेश करने वाले ट्रकों, BS-4 डीजल गाड़ियों और कमर्शियल वाहनों पर रोक लगाई गई है. गोपाल राय का कहना है कि NCR के राज्यों में अभी भी इस कटेगरी के वाहन चल रहे हैं. दिल्ली में डीजल बसें भेजी जा रही हैं, जबकि NCR में भी इनको नहीं चलना चाहिए. अगर राज्य ग्रैप-4 के नियमों का सख्त पालन करें तो ये गाड़ियां चलना बंद हो जाएंगी.
- पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि पूरा उत्तर भारत प्रदूषण की मार झेल रहा है. ऐसे में क्या देश की केंद्र सरकार सो सकती है? केंद्रीय पर्यवारण मंत्री भूपेंद्र यादव को खुद पहल करनी चाहिए. वह खुद दिल्ली में हैं और प्रदूषण की स्थिति को देख रहे हैं. किस तरह से प्रदूषण को रोका जा सकता है, और क्या-क्या उपाय किए जा सकते हैं, इसको लेकर राज्य और केंद्र के बीच बैठक होनी चाहिए. बैठक में कुछ रणनीति बननी चाहिए. हमने बैठक करने को बोला है, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है.
- पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि हमने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को अगस्त में पत्र लिखा था कि IIT कानपुर और दिल्ली सरकार की बैठक बुला लिजिए. इस बैठक में यह तय हो जाए कि प्रदूषण बढ़ने पर कृत्रिम वर्षा कराई जा सके, लेकिन आज तीन महीने हो गए और बैठक नहीं हुई. अगर बैठक होती तो कृत्रिम वर्षा पर विचार होता, प्रदूषण को कम करने के लिए कृत्रिम वर्षा ही विकल्प है, इस पर बात होती.
- पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण को बढ़ाने में पराली एक बड़ा कारण है. बीते कुछ सालों में ऐसा देखा भी गया है. हालांकि इसको रोकने में दिल्ली से सटे राज्यों की सरकारें नाकाम हैं. पंजाब में हमारी सरकार ने पराली की घटनाओं को कम किया है. 47 हजार से आठ हजार तक ले आए हैं, लेकिन NCR के राज्यों में मामले बढ़ रहे हैं. 1500 से बढ़कर 2500 घटनाएं हो चुकी हैं. फिर भी वो लोग कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे हैं.
- दिल्ली सरकार प्रदूषण को कम करने के लिए ऑड ईवन फॉर्मूला लागू करती है. प्रदूषण की गंभीर स्थिति के बावजूद इस बार अभी तक ये फॉर्मूला लागू नहीं किया गया है. ऑड ईवन फॉर्मूले का मुख्य उद्देश्य दिल्ली की सड़कों पर वाहनों की संख्या कम करना है, जिससे लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल कर सकें. पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि ऑड ईवन को लेकर हम अभी मॉनिटरिंग कर रहे हैं, जो भी जरूरी कदम होगा उठाएंगे.
शहरों में AOI का ये हाल
दिल्ली सहित अन्य राज्यों में AQI बढ़ता जा रहा है. दिल्ली का AQI 494 पहुंच गया है. वहीं गुरुग्राम-468, गाजियाबाद-430, नोएडा-419, बहादुरगढ़-452, भिवानी (हरियाणा)-448, भिवाड़ी (राजस्थान)-449, चूरू-426, धारूहेड़ा (हरियाणा)-447, हापुड़ (यूपी)-418, झुंझुनूं (413) सोनीपत-412 में AQI दर्ज किया गया.
प्रदूषण को लेकर दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने जो मुख्य बातें उठाईं, इसको लेकर अब दिल्ली के साथ-साथ NCR के राज्यों को सख्त होना होगा. डीजल बसों की एंट्री बैन करनी होगी. नए निर्माण कार्यों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाना होगा. सड़कों पर पानी के छिड़काव में और तेजी लानी होगी.
Source link