इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मेरठ के कथित खनन माफिया हाजी इकबाल के दो बेटों को गैंगस्टर मामले में जमानत देने से इन्कार कर दिया। न्यायालय ने पाया कि आरोपी पिता पहले ही देश छोड़कर फरार है और दुबई में रह रहा है। ऐसे में बेटों को जमानत दी गई तो यह भी विदेश भाग सकते हैं।
यह आदेश न्यायमूर्ति कृष्ण पहल की अदालत ने जावेद और अलीशान की जमानत अर्जी पर दिया। सहारनपुर के थाना मिर्जापुर में जावेद और अलीशान पर एफआईआर दर्ज है। आरोप है कि ये लोग आरोपी पिता हाजी इकबाल के साथ मिलकर एक गिरोह चलाते हैं। इसमें पांच अन्य लोग भी शामिल हैं।
गिरोह के लोग जबरन वसूली, जान से मारने की धमकी देने आदि में संलिप्त हैं। लकड़ी की तस्करी, अवैध खनन और सार्वजनिक भूमि पर कब्जे के अवैध कार्य में भी शामिल हैं। पुलिस ने इनपर गैंगस्टर की कार्रवाई की है। आरोपियों ने जमानत के लिए हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की है।
आवेदक के सीनियर अधिवक्ता मनीष तिवारी ने दलील दी कि दर्ज एफआईआर में गैंगस्टर अधिनियम के प्रावधानों का दुरुपयोग है, क्योंकि आवेदक को गैंग चार्ट में उल्लिखित दो मामलों के आधार पर ही इस मामले में फंसाया गया है। आवेदक एक अपराध में दोषमुक्त हो गए हैं। ऐसे में इस मामले में जमानत के हकदार हैं।
राज्य की तरफ से अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल व अपर शासकीय अधिवक्ता विकास सहाय ने जमानत आवेदन का विरोध किया। दलील दी कि आवेदकों के भागने का खतरा है, क्योंकि उनके पिता मुख्य आरोपी हाजी इकबाल पहले ही देश छोड़कर भाग चुके हैं। न्यायालय ने कहा कि पक्षों की दलीलों पर विचार करते हुए आरोपों की प्रकृति और अपराध की गंभीरता देखते हुए जमानत अर्जी खारिज की जाती है।