बीएचयू के हर विभाग के पास अब अपना क्वालिटी कंट्रोल सेल होगा। इसे विभागीय गुणवत्ता प्रकोष्ठ या डीक्यूसी कहा जाएगा। अभी तक यूनिवर्सिटी के स्तर पर ही यूनिट होती थी। पहली बार बीएचयू ने इसे विभागीय स्तर पर खोलने का फैसला लिया गया है। हर विभाग में रिसर्च और एजुकेशन की क्वालिटी बढ़ाने पर काम होगा। विभागों में वैज्ञानिकों और प्रोफेसरों के रिसर्च और पेटेंट का हिसाब-किताब होगा। विभाग की जरूरतों पर भी काम करेंगे। इस सेल में तीन सदस्य होंगे, जो कि विभाग के ही प्रोफेसर, दूसरे एसोसिएट प्रोफेसर और तीसरे असिस्टेंट प्रोफेसर होंगे।
विज्ञान संस्थान के विभागों में डीक्यूसी बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। 21 नवंबर को विज्ञान संस्थान के निदेशक कार्यालय से सभी 14 विभागों को अति आवश्यक लेटर जारी किया गया है। निर्देश दिया गया है कि बीएचयू के इंटरनल क्वालिटी एश्योरेंस सेल के कोऑर्डिनेटर के अनुरोध पर विभागों में सेल का गठन किया जाए। विभागाध्यक्षों से अनुरोध है कि अपने-अपने विभाग में डीक्यूसी बनाएं। इसकी रिपोर्ट भेजें, ताकि बीएचयू के आईक्यूएसी को भेजा जा सके।
प्रोजेक्ट की मिलेगी डिटेल
रिसर्च और पेटेंट का डेटा विभागों में बनकर तैयार होगा।
हर एक प्रोफेसर और वैज्ञानिकों के रिसर्च को बढ़ावा देने पर काम होगा।
रिसर्च और पेटेंट के बाद कितने वैज्ञानिकों और प्रोफेसरों को प्रोजेक्ट मिला है, उसकी पूरी डिटेल होगी। उसमें आवंटित फंड और अवधि भी होगी।
विभागीय उपलब्धियों को सहेज कर रखा जाएगा। इसे उच्चाधिकारियों और संस्थान को अवगत कराया जाएगा।