Political – फहाद बनाम सना: स्टारडम से सियासी विरासत की टक्कर…अणुशक्तिनगर सीट पर मुस्लिम वोटरों का असर, ऐसा है समीकरण- #INA

अणुशक्तिनगर सीट पर सना मलिक और फहाद अहमद के बीच टक्कर

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए सियासी बिसात बिछ चुकी है और राजनीतिक पार्टियां अपने-अपने उम्मीदवार चुनावी अखाड़े में उतार रही हैं. इस बीच शरद पवार की अगुआई वाली एनसीपी ने अणुशक्तिनगर विधानसभा सीट से एक्ट्रेस स्वरा भास्कर के पति फहाद अहमद को उम्मीदवार बनाया है. उनके सामने अजित पवार की एनसीपी ने पूर्व मंत्री नवाब मलिक की बेटी सना मलिक को उतारा है. अब इस सीट पर लड़ाई स्टारडम बनाम राजनीतिक विरासत की हो गई है. सूबे में 20 नवंबर को वोटिंग होगी और 23 नवंबर को रिजल्ट घोषित होगा.

अणुशक्तिनगर सीट 2009 में पुनर्गठन के बाद सामने आई और ये मुंबई दक्षिण मध्य लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का एक हिस्सा है. यहां शिवसेना और एनसीपी के बीच टक्कर रही है. इसी सीट से एनसीपी नेता नवाब मलिक चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे. साल 2014 में शिवसेना के तुकाराम काटे ने नवाब मलिक को कड़ी चुनौती दी थी और जीत हासिल की. फिर 2019 में नवाब मलिक दोबारा जीते और उन्होंने यह सीट शिवसेना से छीन ली.

मुस्लिम वोट सबसे अधिक

अणुशक्तिनगर सीट पर मराठी, दलित, मुस्लिम, उत्तर भारतीय मतदाता अधिक हैं. सबसे ज्यादा दबदबा मुस्लिम मतदाताओं का है. यही वजह है कि शरद गुट और अजित पवार गुट ने मुस्लिम मतदाताओं पर ही भाग्य आजमाया है. मुस्लिम मतदाताओं की संख्या करीब 30 फीसदी है. इन वोटर्स का जिस उम्मीदवार की तरफ झुकाव होता है उसकी जीत पक्की मानी जाती है. मुस्लिम के अलावा पाटिल करीब 2 फीसदी और यादव 1.6 फीसदी हैं. यही नहीं, एससी वोटर्स की संख्या भी 6 फीसदी से अधिक है, जिनकी भूमिका अहम मानी जाती है.

फहाद अहमद एनसी (शरद पवार गुट) के सिंबल पर चुनाव लड़ रहे हैं. इससे पहले अहमद समाजवादी पार्टी का हिस्सा थे और इसकी युवा इकाई समाजवादी युवजन सभा के प्रदेश अध्यक्ष थे. कहा गया कि सपा नेता अबू आजमी ने शरद पवार से बात की थी और प्रस्ताव दिया था कि अगर पवार के नेतृत्व वाली पार्टी के पास सीट के लिए उम्मीदवार नहीं है तो फहद एनसीपी-पवार गुट उम्मीदवार के रूप में अणुशक्तिनगर से चुनाव लड़ सकते हैं. उनकी इस बात को पवार ने मान लिया.

कौन हैं फहाद अहमद?

फहाद अहमद छात्र संघों में सक्रिय रह चुके हैं और वर्ष 2022 में समाजवादी पार्टी में शामिल हुए. उन्होंने पिछड़े समुदायों के छात्रों के लिए फीस माफी को लेकर आंदोलन चलाया है. वह नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए), 2019 के खिलाफ भी विरोध प्रदर्शन करते रहे हैं. उन्होंने 16 फरवरी 2023 को स्वरा भास्कर से शादी की. सपा ने उन्हें युवा इकाई समाजवादी युवजन सभा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया और राजनीति में बेहद सक्रिय रहे हैं और उनकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ी.

कौन हैं सना मलिक?

वहीं, कहा जा रहा था कि अजित गुट नवाब मलिक को टिकट दे सकता है, लेकिन बीजेपी हाईकमान से मिले निर्देश के बाद उनका पत्ता साफ हो गई. उनकी जगह बेटी सना मलिक को टिकट दिया गया. पार्टी के फैसले से नवाब मलिक खासे नाराज हैं और उनका कहना है कि वे चुनाव जरूर लड़ेंगे. नवाब मलिक मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी हैं. उनके ऊपर ये भी आरोप लगते आए हैं कि उनके संबंध दाऊद इब्राहिम से रहे हैं.

नवाब मलिक को 2022 में जेल जाना पड़ा. इसी के बाद उनकी बेटी सना मलिक सुर्खियों में आईं. नवाब मलिक के जेल जाने के बाद सना ने उनकी सियासी जिम्मेदारियों को संभाला. कोरोना महामारी के दौरान अणुशक्तिनगर निर्वाचन क्षेत्र में आमजन के बीच रहीं और मदद के साथ-साथ कई विकास कार्य किए. विरासत में मिली राजनीति के दांव-पेंच सीखने के बाद एनसीपी ने उन्हें प्रवक्ता बनाया. अब वह सियासी पिच पर जोरदार बैटिंग करती हुई नजर आ रही हैं, लेकिन असल परीक्षा का रिजल्ट 23 नवंबर को सभी के सामने आएगा.

अणुशक्तिनगर पर कौन कब जीता?

इस सीट पर साल 2019 में एनसीपी (अविभाजित) के नवाब मलिक को 65,217 वोट मिले थे, जबकि शिवसेना (अविभाजित) के तुकाराम काटे को 52466 वोट मिले. एनसीपी ने शिवसेना को 12 हजार से अधिक वोटों के अंतर से हराया था. इससे पहले 2014 के चुनाव में तुकाराम काटे ने नवाब मलिक को 1007 वोटों के मामूली अंतर से हराया था. काटे को 39,966 वोट मिले थे, जबकि नवाब मलिक के खाते में 38,959 वोट गए थे. अणुशक्तिनगर सीट बनने के बाद पहली बार 2009 में पहली बार हुए चुनाव में नवाब मलिक ने जीत हासिल की थी. उन्होंने तुकाराम काटे को 6825 वोटों के अंतर से हराया था. मलिक को 38,928 वोट मिले थे. वहीं, काटे के पक्ष में 32,103 वोट पड़े थे.

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