Crime- बचपन की यारी, जेंडर चेंज और खौफनाक बर्थ-डे सरप्राइज… जिसने निभाई दोस्ती, उसी के खून से रंग डाले अपने हाथ
तारीख 23 दिसंबर 2023… ये वो दिन था जब आर. नंदिनी (27) को उसके बचपन के दोस्त वैत्रीमारन (27) का अचानक से कॉल आया. वैत्री ने फोन पर कहा- नंदिनी मैंने तुम्हारे लिए एक सरप्राइज प्लान किया है. क्योंकि अगले दिन तुम्हारा जन्मदिन जो है. कुछ दिन पहले ही नंदिनी की वैत्री के साथ किसी बात को लेकर बहस हुई थी. इस कारण रोज बात करने वाले ये दोनों दोस्त कुछ दिन से बात नहीं कर रहे थे. लेकिन दोनों बचपन के दोस्त थे. अब जब बर्थडे सरप्राइज के लिए नंदिनी को वैत्री का फोन आया तो वो भी सारे गिले शिकवे भुलाकर उससे मिलने को तैयार हो गई.
मिलने की जगह और समय तय हुआ. लेकिन नंदिनी नहीं जानती थी कि उसके साथ क्या होने वाला है. सबसे पहले चलेंगे कहानी की शुरुआत में. नंदिनी और वैत्री तमिलनाडु में मदुरई के रहने वाले थे. दोनों साथ में पढ़ते थे. अच्छी खासी दोस्ती थी. यही नहीं, इनकी एक तीसरी दोस्त भी थी. यानि तीन सहेलियों का ग्रुप. सहेलियां इसलिए क्योंकि वैत्री पहले एक लड़की था. यानि उसने बाद में अपना लिंग परिवर्तन करवाया था. वैत्री का नाम पहले पंडी माहेश्वरी था. स्कूलिंग खत्म होने के बाद तीनों अलग-अलग शहरों में चले गए. वहां उन्होंने अलग-अलग कॉलेज में दाखिला लिया.
लेकिन तीनों की दोस्ती इतनी मजबूत थी कि जाने से पहले इन्होंने एक दूसरे से कहा- हम चाहे जिस भी जगह जाएं, तीनों बेस्ट फ्रेंड रहेंगे और हमेशा एक दूसरे से बात करते रहेंगे. समय बीता. फिर एक दिन पंडी माहेश्वरी ने नंदिनी और दूसरी सहेली को फोन किया. उन्हें कहा- मैं तुम दोनों को एक बात हमेशा से ही बताना चाहती थी कि मैं खुद को अंदर से लड़का मानती हूं. मुझे लड़कियों की तरह रहने में घुटन सी महसूस होती है. इसलिए मैं अब अपनी प्लास्टिक सर्जरी करवाने जा रही हूं.
एक सहेली ने छोड़ा साथ
पंडी माहेश्वरी की ये बात सुनकर एक सहेली ने तो उससे नाता तोड़ दिया. घर वालों को भी जब इसका पता चला तो उन्होंने भी पंडी माहेश्वरी से कट ऑफ सा कर लिया. लेकिन उस वक्त सिर्फ नंदिनी ने ही पंडी माहेश्वरी का साथ दिया. कहा- मुझे इस चीज से कोई फर्क नहीं पड़ता. हम दोनों अब भी वैसे ही दोस्त रहेंगे जैसे पहले थे. मैं तुम्हारा साथ कभी नहीं छोड़ूंगी. पंडी को नंदिनी की बातें इतनी अच्छी लगीं कि उसने भी बस उसे ही अपना सब कुछ मान लिया. क्योंकि जब पंडी अकेली पड़ी तो सिर्फ नंदिनी उसके साथ खड़ी थी.
ऑपरेशन की प्रक्रिया शुरू हुई. कई सर्जरी के बाद पंडी माहेश्वरी ने जेंडर चेंज करवा लिया. इस दौरान नंदिनी हमेशा उसके सपोर्ट में खड़ी रही. पंडी हमेशा नंदिनी से अपनी हर बात शेयर करती. नंदिनी भी उसकी हर बात सुनती. पंडी माहेश्वरी ने फिर अपना नाम बदलकर वैत्रीमारन रख लिया. इसके बाद वैत्रीमारन चेन्नई शिफ्ट हो गया. इस बीच नंदिनी भी चेन्नई में अपने चाचा के घर शिफ्ट हो गई. यहां उसकी एक कंपनी में जॉब लगी थी. लेकिन नंदिनी को जब पता चला कि जिस कंपनी में वो जॉब करने आई है, वैत्री भी उसी में है तो मानो उसकी खुशी का ठिकाना न रहा. दोनों ही ये बात जानकर बेहद खुश हुए.
वैत्री ने किया नंदिनी को प्रपोज
दोनों मिलने-जुलने लगे. लेकिन इस बीच कुछ ऐसा हुआ जिससे दोनों की दोस्ती में दरार सी पड़ गई. वैत्री ने नंदिनी को प्रपोज कर दिया था. वैत्री ने नंदिनी को कहा- मैं तुमसे बचपन से ही प्यार करता हूं. मैं सारी जिंदगी तुम्हारे साथ बिताना चाहता हूं. क्या तुम मुझसे शादी करोगी? यह सुनकर मानो नंदिनी के पैरों तले जमीन खिसक गई. उसे वैत्री के प्रपोजल को रिजेक्ट करते हुए कहा- मैंने तुम्हें हमेशा एक दोस्त की नजर से देखा है. मैं तुमसे प्यार नहीं करती. हम बस दोस्त रह सकते हैं. ये बात वैत्री को नागवार गुजरी. पहले तो उसने नंदिनी को मनाने की पुरजोर कोशिश की. लेकिन जब नंदिनी ने फिर भी उसका प्रपोजल स्वीकार नहीं किया तो वो बौखला गया. वैत्री ने नंदिनी से बात करना बंद कर दिया.
नंदिनी ने भी फिर उसे कोई कॉन्टेक्ट नहीं किया. लेकिन उधर वैत्री की तो कुछ और ही प्लानिंग थी. वैत्री ने एक खौफनाक प्लान बनाया. वो नंदिनी को सबक सिखाना चाहता था. इसलिए 23 दिसंबर 2024 को उसने बर्थडे सरप्राइज के बहाने नंदिनी फोन किया. अपने किए पर माफी मांगी. नंदिनी को सरप्राइज के लिए मना लिया और एक सुनसान जगह बुलाया. नंदिनी उसे सच में एक अच्छा दोस्त मानती थी. इसलिए उसने वैत्री को माफ कर दिया और उससे मिलने पहुंच गई. सुनसान जगह ले जाकर वैत्री ने नंदिनी से कहा कि सरप्राइज के लिए मुझे तुम्हारी आंखें और हाथ बंद करने होंगे. न जाने क्यों मगर नंदिनी भी मान गई. शायद उसे वैत्री पर बहुत भरोसा था.
गला रेतकर जिंदा जलाया
वैत्री ने कपड़ा लेकर नंदिनी की आंखें बंद कीं. फिर उसके हाथ बांधे. इसके बाद अचानक से नंदिनी को तेज दर्द महसूस हुआ. नंदिनी चीखी-चिल्लाई. बोली- वैत्री ये तुम क्या कर रहे हो? दरअसल, वैत्री तेजधार हथियार से नंदिनी का गला रेत रहा था. नंदिनी उसके आगे गिड़गिड़ाई. लेकिन वैत्री नहीं रुका. उसने नंदिनी के गले और शरीर पर कई घातक वार किए. जब उसे लगा कि नंदिनी मर गई है तो उसने पेट्रोल छिड़क कर नंदिनी को आग के हवाले कर दिया. फिर वो वहां से भाग गया. लेकिन वैत्री गलत था. नंदिनी की सांसें अभी चल रही थीं. वो जल रही थी कि तभी वहां से गुजर रहे दो लोगों ने ये सब देख लिया. उन्होंने तुरंत पुलिस को फोन किया. उन्होंने आग को बुझाया. लेकिन तब तक नंदिनी 70 प्रतिशत तक जल चुकी थी. दोनों लोगों ने नंदिनी से तब उसके घर वालों का नंबर मांगा.
ऐसे हुआ हत्याकांड का खुलासा
हैरानी की बात ये है कि नंदिनी ने उस समय वैत्रीमारन का नंबर दिया. शायद इसलिए कि इससे वैत्री पुलिस की नजर से न बच पाए. फिर नंदिनी की मौत हो गई. पुलिस ने जब वैत्री के नंबर पर फोन किया तो पहले उसने झूठ कहा. बोला- मैं शहर के बाहर हूं. लेकिन वैत्री के मन में एक डर भी था कि कहीं उसकी पोल न खुल जाए. इसलिए वो तुरंत घटनास्थल पर पहुंचा. पुलिस के सामने उसने नंदिनी की मौत पर रोना शुरू कर दिया. कहने लगा- ये क्या हो गया सर? किसने किया ये सब?
वैत्री की मदद से पुलिस ने नंदिनी के घर वालों का एड्रेस लिया. छानबीन शुरू हुई तो पुलिस को हैरान कर देने वाली बात सुनने को मिली. नंदिनी के कुछ दोस्तों ने बताया- सर उस दिन तो नंदिनी अपने दोस्त वैत्री के साथ गई थी? यहां पुलिस का माथा ठनका. उन्होंने फिर सख्ती से वैत्री से पूछताछ शुरू की तो वह टूट गया. उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया. फिलहाल वैत्री जेल में है. यह मामला कोर्ट में चल रहा है.
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